कार्वी पर बकाया तो स्टॉक एक्सचेंज से करें शिकायत

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:32 PM IST

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) और बंबई स्टॉक एक्सचेंज (बीएसई) ने कार्वी स्टॉक ब्रोकिंग की सदस्यता खत्म कर दी है। एनएसई ने तो कार्वी को डिफॉल्टर ही करार दे दिया है।  इस ब्रोकरेज कंपनी ने ग्राहकों से पूछे बगैर उनके खाते से शेयर अपने खाते में ले लिए थे। कंपनी ने ग्राहकों से मिले पावर ऑफ अटॉर्नी (अधिकार पत्र) का बेजा इस्तेमाल किया था। कार्वी ने ये शेयर बेच दिए और उनसे मिली रकम दूसरी इकाई में झोंक दी। बैंकों से कर्ज लेने के लिए कंपनी ने ग्राहकों के शेयर गिरवी भी रख दिए। हालांकि कई ग्राहकों को उनकी रकम वापस मिल चुकी है, लेकिन करीब 90,000 ग्राहक अब भी अपनी रकम का इंतजार कर रहे हैं। कार्वी यानी किसी स्टॉक ब्रोकर को डिफॉल्टर घोषित किया जाना बड़ी बात है। ऐक्सिस सिक्योरिटीज के प्रबंध निदेशक एवं मुख्य कार्याधिकारी (सीईओ) बी गोपकुमार कहते हैं, ‘अगर कोई ब्रोकरेज कंपनी डिफॉल्टर करार दी जाती है तो ग्राहक निवेशक सुरक्षा कोष (आईपीएफ) से 25 लाख रुपये तक का दावा किया जा सकता है। डिफॉल्टर घोषित नहीं किया गया होता तो सारी देनदारी ब्रोकर की ही होती।’
 
दावा जरूर करें
 
जिन ग्राहकों का दावा बनता है मगर जिन्होंने अभी तक शिकायत नहीं की है, उन्हें फौरन अपने एक्सचेंज के निवेशक शिकायत प्रकोष्ठï (आईजीसी) से संपर्क करना चाहिए। आईजीसी हर शिकायत को जांचेगा और कुल शिकायतें देखकर देनदारी तय करेगा। दावा सही हुआ तो सबसे पहले एक्सचेंज के पास पड़ी कार्वी की परिसंपत्तियों और उसके बाद निवेशक कोष से रकम दी जाएगी। इसमें कुछ वक्त लग सकता है। दावा करने के लिए ग्राहकों को एक्सचेंज के सामने अपने शेयर गायब होने का सबूत रखना होगा। गोपकुमार कहते हैं, ‘अपने डिपॉजिटरी-एनएसडीएल या सीडीएसएल- से अपने डीमैट खाते में हुए लेनदेन का ब्योरा लीजिए। इसमें साफ दिखेगा कि कार्वी ने आपके डीमैट खाते से शेयर अपने पूल खाते में डाल लिए हैं।’
 
नई ब्रोकरेज कंपनी की लें सेवा
 
जिन निवेशकों ने कार्वी में अपने डीमैट खाते में रखे शेयर नहीं निकाले हैं, वे किसी दूसरी ब्रोकरेज कंपनी में खाते खोल लें। उसके लिए उन्हें कार्वी से क्लाइंट मास्टर रिपोर्ट (सीएमआर) लेनी होगी। सीएमआर में ग्राहकों की आईडी, डीपी आईडी, संपर्क विवरण आदि का जिक्र होता है। दिल्ली की डिस्काउंट ब्रोकिंग कंपनी एसएएस ऑनलाइन के संस्थापक श्रेय जैन कहते हैं, ‘जब आप शेयर एक डीमैट खाते से दूसरे डीमैट खाते में ले जाते हैं तो शुल्क लगता है। मगर एक डीमैट खाता बंद कर दूसरा खोलने पर एक पाई नहीं लगती।’ नई ब्रोकरेज कंपनी को सीएमआर का कागज भेजना पड़ेगा। खाता खोलने का ज्यादातर काम ऑनलाइन किया जा सकता है। शेयरों का मालिकाना हक नहीं बदलता है, इसलिए एक खाते से दूसरे खाते में शेयर ले जाने पर कोई कर नहीं लगेगा।
 
म्युचुअल फंड निवेशक रखें ख्याल
 
कई निवेशकों ने कार्वी के जरिये म्यचुचुअल फंड भी खरीदे हैं। अगर आपने कार्वी की म्युचुअल फंड वितरण सेवा ली है तो रजिस्ट्रार ऐंड ट्रांसफर एजेंसी (आरटीए) की वेबसाइट पर जाएं, जो कैम्स या के फिनटेक हो सकती है। अपना ई-मेल आईडी डालकर सभी आरटीए में पड़े अपने फंडों का पूरा ब्योरा मंगा सकते हैं। फंड भुनाकर रकम पाने की अर्जी म्युचुअल फंड कंपनी की वेबसाइट पर डाली जा सकती है। अगर आपने कार्वी में अपने ट्रेडिंग खाते से म्युचुअल फंड खरीदे हैं तो पहले पता कीजिए कि आपकी यूनिट सुरक्षित हैं या नहीं। कंपनी से बात कीजिए और यूनिट बेचकर रकम ले लीजिए।

First Published : December 6, 2020 | 8:30 PM IST