अमेरिकी नेतृत्व में वैश्विक बाजारों को मिलेगी राहत

Published by
बीएस संवाददाता
Last Updated- December 12, 2022 | 6:02 AM IST

बीएस बातचीत
खासकर महाराष्ट्र और दिल्ली में ताजा सख्ती ने पिछले सप्ताह के दौरान बाजारों को चिंतित बनाए रखा। आईआईएफएल के चेयरमैन आर वेंकटरामन ने पुनीत वाधवा के साथ एक साक्षात्कार में कहा कि वह बाजारों में गिरावट का इस्तेमाल शेयर खरीद के तौर पर करेंगे और उन्हें वित्त वर्ष 2022 में 20-12 प्रतिशत प्रतिफल की उम्मीद है। पेश हैं उनसे हुई बातचीत के मुख्य अंश:
वित्त वर्ष 2022 में बाजारों के लिए आपका क्या नजरिया है?
निफ्टी वित्त वर्ष 2022 की ईपीएस के 21 गुना पर है और अपनी रेटिंग 12 महीने के नजरिये से बरकरार रखने के लिए अच्छी स्थिति में है। अल्पावधि में (अगले 6 महीने), अमेरिका में ऊंची ब्याज दरें, रुपये में सुधार की जरूरत, ऊंची जिंस और कच्चे तेल की कीमतें और कोविड की दूसरी लहर जैसी समस्याएं परेशान कर सकती हैं। लेकिन जब हम दूसरी लहर को पीछे छोड़ देंगे तो अर्थव्यवस्था में सुधार आ सकता है। अमेरिका के नेतृत्व में, वैश्विक बाजार वित्त वर्ष 2022 में बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं। उम्मीद है कि कोविड टीकाकरण से महामारी पर काबू पा लिया जाएगा। वित्त वर्ष आईपीओ के जरिये कोष उगाही के संदर्भ में एक अन्य महत्वपूर्ण वर्ष हो सकता है। हम कई सौदों की उम्मीद कर रहे हैं, जो क्रियान्वयन के विभिन्न चरणों में हैं।

क्या निवेशक प्रतिफल को लेकर अपनी उम्मीदें घटा सकते हैं?
ईपीएस वृद्घि काफी हद तक बाजार प्रतिफल में दिख सकती है और इसलिए मौजूदा वित्त वर्ष में 10-12 प्रतिशत प्रतिफल की उम्मीद की जा रही है। जहां हमें छोटी कंपनियों पर ऊंची उत्पादन लागत का दबाव पडऩे की आशंका दिख रही है, वहीं वे राजस्व सुधार के मोर्चे पर अच्छा प्रदर्शन करेंगी क्योंकि अर्थव्यवस्था में भरोसा लौट रहा है। मिडकैप और स्मॉलकैप सूचकांक बेहतर प्रदर्शन कर सकते हैं।

क्या गिरावट का जोखिम बना हुआ है?
मौजूदा समय में बाजार में सीमित गिरावट का जोखिम है। कोविड की दूसरी लहर मुख्य खतरा है।
मौजूदा समय में, वैश्विक बाजार जोखिम की स्थिति में हैं, हालांकि कुछ पूंजी उभरते बाजारों से अमेरिका और कुछ अन्य विकसित बाजारों की ओर गई है। इन क्षेत्रों में ज्यादा आकर्षक प्रतिफल से पूंजी वापस वहां गई है। इसके अलावा अमेरिका ने बुनियादी ढांचा क्षेत्र पर ध्यान केंद्रित किया है।

रणनीति के तौर पर क्या आप तेजी पर बिक्री और गिरावट पर खरीदारी करेंगे?
हम गिरावट पर खरीदारी करना चाहेंगे। हमारा मानना है कि डॉलर के मुकाबले रुपये में कमजोरी आएगी, जैसा कि अन्य ईएम मुद्राओं में देखा गया है। यह रुझान अगले 6 महीनों तक बरकरार रहने की संभावना है। भारतीय अर्थव्यवस्था में सुधार दर्ज किया जा सकता है और खासकर भारत में टीकाकरण की अपेक्षाकृत धीमी रफ्तार का मतलब है कि हम अमेरिका के मुकाबले धीमी रिकवरी कर पाएंगे।

आपके पसंदीदा क्षेत्र कौन से हैं?
इस पृष्ठभूमि के खिलाफ, आईटी, निर्यातक (केमिकल), वैश्विक चक्रीयता (न सिर्फ ऊंची जिंस कीमतों की लाभार्थी बल्कि रुपये में गिरावट से भी लाभ उठाने में सक्षम), और बीमा क्षेत्र बेहतर प्रदर्शन करेंगे। हम निजी बैंकों को पसंद  कर रहे हैं, क्योंकि वे ऋण वृद्घि में तेजी दर्ज करेंगे और आने वाले समय में एनपीए में कमी लाएंगे। हम सीमेंट और एफएमसीजी, पेंट आदि जैसे क्षेत्रों पर अंडरवेट हैं।

वैश्विक केंद्रीय बैंकों के ताजा बयानों पर आपकी क्या प्रतिक्रिया है?
अमेरिकी फेडरल और आरबीआई, दोनों ने आसान मौद्रिक शर्तों को लेकर प्रतिबद्घता जताई है। हालांकि अमेरिका में जैसे ही दरें बढ़ती हैं अमेरिकी फेडरल अपनी रणनीति में बदलाव लाता है। इस तरह से, पूंजी निकासी का जोखिम ईएम, खासकर भारत जैसे जिंस आयात देश के लिए महत्वपूर्ण हो गया है।

मार्च तिमाही से आपको क्या उम्मीदें हैं?
हमारा मानना है कि जिंस कंपनियां बड़े अपग्रेड दर्ज करेंगी, जिनमें टाटा स्टील, हिंडाल्को आदि मुख्य रूप से शामिल हैं जबकि कंज्यूमर इलेक्ट्रिकल और वाहन क्षेत्र में डाउनग्रेड की स्थिति देखी जा सकती है, क्योंकि कमजोर मांग से कच्चे माल की लागत वृद्घि की भरपाई की गुंजाइश सीमित है। वित्त वर्ष 2022 आईटी और निजी क्षेत्र के बैंकों के लिए अच्छा दिख रहा है।  

First Published : April 11, 2021 | 11:47 PM IST