वित्त-बीमा

सरकार का आदेश – बैंक जमा राशि बढ़ाने की योजना बनाएं

सरकार का मानना है कि बैंकों के लिए लोगों से जमा राशि जुटाना एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसे सही योजना के बिना हल नहीं किया जा सकता।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- April 03, 2025 | 9:24 PM IST

वित्त मंत्रालय ने सरकारी बैंकों (PSB) को अपनी जमा राशि (डिपॉजिट) बढ़ाने की रणनीति बनाने और जल्द रिपोर्ट देने को कहा है। सरकार का मानना है कि बैंकों के लिए लोगों से जमा राशि जुटाना एक बड़ी चुनौती बन गया है, जिसे सही योजना के बिना हल नहीं किया जा सकता। इस विषय पर चर्चा के लिए वित्तीय सेवाएं विभाग (DFS) के सचिव एम. नागराजु की अध्यक्षता में मीटिंग हुई। इसमें सरकारी बैंकों के साथ कुछ प्राइवेट बैंकों के अधिकारी भी शामिल थे।

मीटिंग में बताया गया कि बैंकों का कुल कारोबार 11% सालाना बढ़ा है, जिसमें जमा राशि (डिपॉजिट) में 9.8% की बढ़ोतरी हुई है। कुल कारोबार ₹242.27 लाख करोड़ तक पहुंच गया है। वहीं, बैंकों द्वारा दिया गया कर्ज (लोन) 12.4% बढ़ा है। इसमें खुदरा लोन 16.6%, कृषि लोन 12.9% और छोटे-मझोले उद्योगों (MSME) को दिया गया लोन 12.5% बढ़ा है।

सरकारी योजनाओं को तेजी से लागू करने का आदेश

मीटिंग में 2025-26 के बजट में घोषित योजनाओं पर भी चर्चा हुई।

सरकार ने बैंकों से कहा है कि वे इन योजनाओं को तेजी से लागू करें:

  • मुद्रा योजना के तहत होम-स्टे लोन
  • क्रेडिट गारंटी फंड स्कीम फॉर स्किल डेवलपमेंट (CGFSSD)
  • प्रधानमंत्री मत्स्य किसान समृद्धि योजना (PM-MKSSY)
  • किसान क्रेडिट कार्ड (KCC)

सरकार चाहती है कि ये योजनाएं ज्यादा से ज्यादा लोगों तक पहुंचें ताकि वे आर्थिक रूप से मजबूत बन सकें। सार्वजनिक बैंकों ने 31.3% सालाना की बढ़त के साथ ₹1,29,426 करोड़ का मुनाफा कमाया। यह अब तक का सबसे ज्यादा मुनाफा है। इसके अलावा, बैंकों का कुल ऑपरेटिंग प्रॉफिट ₹2,20,243 करोड़ तक पहुंच गया है।

मत्स्य पालन और इंफ्रास्ट्रक्चर विकास पर जोर

सरकार मत्स्य पालन (Fisheries) और इससे जुड़े उद्योगों के विकास पर भी ध्यान दे रही है। इसके लिए Fisheries and Aquaculture Infrastructure Development Fund (FIDF) का सही तरीके से इस्तेमाल करने का निर्देश दिया गया है। इसके साथ ही, सरकार एक डिजिटल पोर्टल लॉन्च करने की योजना बना रही है जिससे मछली पालन से जुड़े लोग आसानी से लोन के लिए आवेदन कर सकें और सब्सिडी जैसी सुविधाओं का लाभ उठा सकें।

एनपीए और निजी बैंकों को चेतावनी

मीटिंग में National Asset Reconstruction Company Ltd (NARCL) से जुड़े मामलों की समीक्षा भी की गई। सरकार ने निजी बैंकों को भी चेतावनी दी है कि वे वित्तीय समावेशन (Financial Inclusion) योजनाओं में ज्यादा भागीदारी करें। सूत्रों के मुताबिक, वित्त मंत्रालय निजी बैंकों की धीमी भागीदारी से नाराज था और अब उन्हें सरकारी योजनाओं में अधिक सक्रिय भूमिका निभाने के लिए कहा गया है।

सरकार चाहती है कि बैंक सिर्फ लोन देने पर ही ध्यान न दें, बल्कि ज्यादा से ज्यादा जमा राशि (डिपॉजिट) जुटाएं ताकि उनके पास पर्याप्त पूंजी रहे। इसके अलावा, सरकारी योजनाओं को बेहतर तरीके से लागू करने पर भी जोर दिया जा रहा है ताकि ज्यादा से ज्यादा लोग इनका फायदा उठा सकें।

First Published : April 3, 2025 | 9:13 PM IST