अधिकतम निवेश जोखिमों से बचने और बचत विकल्प के तौर पर पोस्ट ऑफिस की स्मॉल सेविंग स्कीम्स (Post Office Savings Schemes) को बेहतर माना जाता है। निवेशकों को पोस्ट ऑफिस की योजनाओं में जमा रकम पर सरकारी सेफ्टी की गारंटी मिलती है। इसी के साथ बिना जोखिम के बेहतर रिटर्न और बेहतर ब्याज भी मिलता है। यही कारण है कि अधिकतर निवेशकों के बीच में पोस्ट ऑफिस की योजनाओं को लेकर भरोसा रहता है।
अगर आप भी पोस्ट ऑफिस स्कीम्स में पैसा जमा करते हैं तो ये खबर आपके लिए है। सरकार ने पोस्ट ऑफिस की सेविंग अकाउंट स्कीमों में कुछ बदलाव किये हैं। इसे डाकघर बचत खाता (संशोधन) योजना, 2023 के तौर पर जाना जाता है।
पैसा जमा करने से पहले आपका इन बदलावों के बारे में जानना बेहद जरूरी है। आइए जानते हैं क्या हुए हैं बदलाव-
नए बदलाव के तहत पोस्ट ऑफिस के सेविंग अकाउंट में जॉइंट अकाउंट होल्डर्स की संख्या को बढ़ा दिया गया है। पहले दो ही लोग जॉइंट अकाउंट होल्डर्स बन सकते थे। लेकिन अब तीन लोग जॉइंट अकाउंट होल्डर बन सकते हैं।
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सरकार ने निकासी आवेदन को फॉर्म 2 से बदलकर फॉर्म 3 कर दिया है, जिसके तहत खाते से कम से कम पचास रुपये की निकासी पासबुक दिखाकर की जा सकती है।
डाकघर बचत खाता योजना, 2019 के अनुसार पहले नियम, खाते से कम से कम पचास रुपये की निकासी फॉर्म-2 को सही से भर कर साइन करके पासबुक पेश करके की जा सकती थी। खाते से पैसा इलेक्ट्रॉनिक या फिर मिनिमम निर्धारित लिमिट से ऊपर बची रकम की अवेलिबिलिटी के आधार पर की जा सकती है।
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पोस्ट ऑफिस की सेविंग स्कीम्स में हुए जमा राशि पर ब्याज से जुड़े बदलाव भी किए गए हैं। अब से दसवें दिन और महीने के अंत के बीच किसी खाते में सबसे कम राशि पर, सालाना 4% की दर से ब्याज की अनुमति होगी। इस तरह ब्याज का कैलकुलेशन हर साल के आखिरी में जमा किया जाता है। इसके तहत, किसी खाताधारक की मृत्यु की स्थिति में, उसके खाते में ब्याज का भुगतान उस महीने के अंत में ही किया जाएगा, जिस महीने में खाता बंद किया गया है।