बीमा

न्यू इंडिया को-ऑपरेटिव बैंक के हजारों जमाकर्ताओं को लगा लाखों का बड़ा झटका

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में प्रतिबंध लगाया जिससे हजारों जमाकर्ताओंको गहरा झटका लगा है।

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अभिजित लेले   
आतिरा वारियर   
अंजलि कुमारी   
Last Updated- February 16, 2025 | 11:22 PM IST

भारतीय रिजर्व बैंक ने मुंबई स्थित न्यू इंडिया कोऑपरेटिव बैंक पर 122 करोड़ रुपये की धोखाधड़ी के आरोप में प्रतिबंध लगाया जिससे हजारों जमाकर्ताओंको गहरा झटका लगा है। इनमें से कई जमाकर्ताओं ने कुछ दिन पहले ही बैंक में भारी भरकम राशि जमा करवाई थी। उन्हें नजर आने वाली एकमात्र राहत यह है कि जमा बीमा दावे की प्रक्रिया शुरू हो गई है। इसके तहत जमाकर्ताओं को 14 मई तक 5 लाख रुपये निकालने की अनुमति दी गई है।

जमा बीमा और उधारी गारंटी कॉरपोरेशन (डीआईसीजीसी) के तहत बैंक के 90 प्रतिशत (1,30,000) जमाकर्ताओं की जमा राशि पूरी तरह बीमित है। डीआईसीजीसी ने अपनी वेबसाइट पर कहा कि इन जमाकर्ताओं को अनिवार्य रूप से अपना दावा 30 मार्च तक जमा करना है और यह राशि उनके वैकल्पिक बैंक के खाते में जमा करा दी जाएगी। इस जमा राशि में करीब 68 प्रतिशत सावधि जमा (एफडी) है जबकि बचत खाते में 28 प्रतिशत है। मध्य आयु की गृहिणी एन मीना (बदला हुआ नाम) ने बताया कि ठाणे की वसंत विहार शाखा में एफडी हैं और वह अपनी धन की सुरक्षा को लेकर चिंतित हैं।

उन्होंने बताया, ‘उन्हें बीमा होने से कुछ आश्वासन है। यह हमारे लिए सहज अनुभव नहीं है.. हमारे दिमाग में चिताएं रहने के कारण हम जमा करने के मामले में कहीं अधिक सजग रहेंगे।’ कई जमाकर्ताओं को जीवन भर के निवेश के लिए तीन महीने तक इंतजार करना है जबकि उन्हें खर्च के लिए तत्काल धन की जरूरत है।

महाराष्ट्र के पालघाट की वसई शाखा में आई एक गृहिणी ने बताया, ‘अभी भी बैंक हमें लॉकर तक पहुंच दे रहा है और हमारी पासबुक को अपडेट कर रहा है।’ उन्होंने बताया, ‘मुझे अपनी सर्जरी कराने के लिए धन की आवश्यकता है। मैं सोच रही थी कि परिपक्व होने की अवधि तक इंतजार करूं। अब मुझे नहीं मालूम है कि मैं कब इस राशि को हासिल कर पाऊंगी।’

विले पार्ले शाखा की जमाकर्ता सारिका गुज्जर ने बताया, ‘जब भारतीय रिजर्व बैंक को हर दो महीने पर ऑडिट करना चाहिए तो उसने पहले क्यों नहीं ढंग से ऑडिट किया? हमें 90 दिनों तक इंतजार करना है। हम समयसीमा से खुश नहीं हैं। हमें भुगतान करना है और रोजमर्रा के खर्चे हैं। जमाकर्ताओं की राशि अधिकतम एक सप्ताह में वापस की जानी चाहिए।’ कई जमाकर्ताओं का जीवन मासिक निकासी पर आश्रित है और वे राशि को निकालने को लेकर चिंतित हैं। अलपा जोशी ने बताया, ‘हमने अपने पूरी बचत इस बैंक में जमा कर रखी है। मैं गृहिणी हूं, मैं कहीं काम नहीं करती हूं। मैं मासिक रूप से धन निकाले बिना अपना खर्चा कैसे चला सकती हूं।’बैंकिंग नियामक ने बैंक के प्रमुख अनुपालन अधिकारी द्वारा मुंबई पुलिस की अपराध शाखा में दायर शिकायत के आधार पर 13 फरवरी को इस ऋणदाता को नए ऋण जारी करने से रोक दिया था। इसके साथ ही बैंक की छह महीने की अवधि तक जमा निकासी को निलंबित कर दिया गया है। इस शिकायत में बैंक के कुछ अधिकारियों पर धन के गबन का आरोप लगाया गया था।

वसई शाखा में आने वाले एक जमाकर्ता ने बताया कि उनकी मां का बैंक में बचत खाता और सावधि जमा योजना हैं। उन्होंने बताया, ‘वे यहां अपनी पेंशन जमा कराती हैं। लेकिन वे अब अपनी इस पेंशन को निकाल नहीं सकती हैं। भारतीय रिजर्व बैंक को वरिष्ठ नागरिकों के लिए स्वास्थ्य खर्च के आधार पर कुछ रियायतें देनी चाहिए जैसे मेरी मां के स्वास्थ्य पर धन खर्च होता है। उनकी शीघ्र सर्जरी होने की उम्मीद है।’ एक जमाकर्ता ने बताया, ‘मैं विनिर्माण उद्योग में हूं। मैंने हाल ही में दो या तीन दिन पहले अपने खाते में करीब दो लाख रुपये जमा कराए थे लेकिन अब मैं इस खाते से राशि नहीं निकाल सकता हूं। मैंने जो चेक जारी किया था, वह वापस आ गया है।’

 

First Published : February 16, 2025 | 10:22 PM IST