वित्त-बीमा

Liquidity Crunch: बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी बढ़कर 3.33 लाख करोड़ रुपये हुई

GST से संबंधित निकासी से नकदी का दबाव बढ़ा

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अंजलि कुमारी   
Last Updated- January 24, 2024 | 10:22 PM IST

बैंकिंग व्यवस्था में नकदी की कमी मंगलवार को बढ़कर 3.33 लाख करोड़ रुपये हो गई। खासकर वस्तु एवं सेवा कर(जीएसटी) से संबंधी निकासी के कारण ऐसा हुआ है।

सोमवार को नकदी की कमी 2.72 लाख करोड़ रुपये थी। इसी के साथ बुधवार की नीलामी में ट्रेजरी बिल पर कट ऑफ प्रतिफल पहले के सप्ताह से अधिक था।

भारतीय रिजर्व बैंक ने 91 दिन, 182 दिन, 364 दिन के ट्रेजरी बिल पर क्रमशः 7.02 प्रतिशत, 7.19 प्रतिशत और 7.17 प्रतिशत कट ऑफ प्रतिफल तय किया है।

पिछले सप्ताह की तुलना में 91 दिन के बिल पर 5 आधार अंक, 182 दिन और 384 दिन पर कट ऑफ प्रतिफल 2 आधार अंक अधिक रखा गया है।

इंडिया रेटिंग्स ऐंड रिसर्च ने एक नोट में कहा है, ‘अगर नकदी की स्थिति तंग बनी रहती है तो भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) निश्चित रूप से बैंकिंग व्यवस्था में ज्यादा टिकाऊ नकदी डालेगा। शुद्ध आधार पर रिजर्व बैंक ने 16 दिसंबर और 14 जनवरी 2024 के दौरान 1.8 लाख करोड़ रुपये नकदी डाली है।’

रिपोर्ट में आगे कहा गया है कि बैंकिंग व्यवस्था पर नकदी का दबाव लगातार बना हुआ है। इसकी वजह से कम अवधि के लिए धन जुटाने के साधनों जैसे वाणिज्यिक पत्र/सर्टिफिकेट ऑफ डिपॉजिट पर लंबे समय से दरें ज्यादा बनी हुई हैं। इंडिया रेटिंग्स का मानना है कि यह वित्तीय व्यवस्था और आर्थिक वृद्दि के हिसाब से बेहतर नहीं है।

चालू वित्त वर्ष की तीसरी तिमाही में बैंकिंग व्यवस्था में नकदी को लेकर तंगी बनी रही और यह कर जमा करने के कारण जनवरी में और बढ़ गई। करूर वैश्य बैंक के कोषागार प्रमुख वीआरसी रेड्डी ने कहा, ‘पिछले दो महीने त्योहारों के होने की वजह से नकदी का सर्कुलेशन बढ़ा है। दूसरे जीएसटी जमा करने के लिए धन निकाला गया है। नकदी की कमी बढ़ने की ये दो वजहें हैं।’

First Published : January 24, 2024 | 10:22 PM IST