राजनीति के हिचकोलों से डोलेगा निफ्टी

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 07, 2022 | 12:05 PM IST

पिछले सप्ताह बाजार में काफी बड़े दायरे में कारोबार हुआ है। अपने इस सफर में उसने जहां 2008 में अपने सबसे निचले स्तर को छुआ, फिर तेजी से रिकवरी भी की।


सप्ताह के अंतिम करोबारी दिवस में निफ्टी पिछले दिन की तुलना में 1.07 फीसदी ऊपर चढ़कर 4092.25 अंकों केस्तर तक पहुंचा। उसने 3790 अंकों के सबसे निचले स्तर को छूने के बाद जोरदार वापसी की। रुपये के कमजोर पड़ने के कारण डेफ्टी 1.04 फीसदी ऊपर था। विदेशी संस्थागत निवेशक (एफआईआई) शुध्द बिकवाल बने रहे।

हालांकि उन्होंने गुरुवार को जमकर खरीद भी की थी। दूसरी ओर घरेलू फंड शुध्द खरीददार बने रहे। बाजार में राहत के संकेत कमजोर बने रहे। गिरने वाले शेयरों की तुलना में चढ़ने वाले शेयर कम ही रहे, जबकि कारोबार की मात्रा घटी रही। छोटे शेयरों के कमजोर प्रदर्शन के कारण रुख नकारात्मक रहे। निफ्टी जूनियर 0.8 फीसदी नीचे आया, बीएसई-500 0.4 फीसदी गिरा जबकि मिडकैप-50 2.09 फीसदी कमजोर हुआ। उधर वीआईएक्स ऊंचाई के खतरनाक स्तर 36 प्लस पर बंद हुआ। 

नजरिया

विशुध्द तकनीकी सिग्नल बताते हैं कि बाजार को 4100-4200 पर कड़ा रेजिस्टेंस मिलेगा और सोमवार को निफ्टी में शुध्द गिरावट आ सकती है। इसके बाद मंगलवार को बाजार में उतार-चढ़ाव हो सकते हैं। अगर यूपीए सरकार विश्वास मत हासिल कर लेती है तो बाजार 4400 तक रिबाउंड हो सकता है, लेकिन सरकार गिर गई तो बाजार को 3800 के स्तर पर सपोर्ट मिल सकता है। इस सप्ताह के दौरान बाजार किसी भी दिशा में 400 से 500 अंक जा सकता है।

दलील

इसमें कोई शक नहीं बाजार की धारणा पर विश्वास मत का गहरा असर पड़ेगा। अभी बाजार मंदी का संकेत दे रहा है। बाजार राजनीतिक घटनाक्रम को लेकर हताश है। कुल मिलाकर यह क्लासिकल स्थिति है जहां बाजार की स्थिति को लेकर कोई भी भरोसेमंद सूचनाएं नहीं हैं। अगर यूपीए सरकार विश्वास मत जीत जाती है तो जल्दी ही शॉर्ट पोजीशन निपटाई जा सकती है।

दूसरी दलील

बीते सप्ताह बाजार निचले स्तर और राहत के कमजोर संकेतों के बीच झूलता रहा। मंगलवार को संसद में कुछ भी हो बाजार में मंदी का जोर तो रहेगा। अगर कोई रिकवरी होती है तो वह अस्थाई प्रकृति की होगी।

तेजड़िए और मंदड़िए

बीते सप्ताह बाजार ने बड़े पैमाने में रिकवरी की। बैंक के शेयरों में ओवरसोल्ड यानी जरूरत से ज्यादा बिकवाली की स्थिति देखी गई और बैंक निफ्टी 2.8 फीसदी चढ़ा। एसबीआई और पीएनबी जैसे सरकारी बैंकों के साथ आईसीआईसीआई और एचडीएफसी जैसी प्राइवेट बैंकों के शेयरों में लगातार इजाफा हुआ। आईटी शेयर सबसे अधिक नुकसान में रहे। टीसीएस के उम्मीदों के अनुरूप कारोबार न कर पाने के बाद सीएनएक्सआईटी 7 फीसदी गिरकर बंद हुआ।

पोलारिस इकलौती आईटी कंपनी रही, जिसके शेयरों में इजाफा हुआ तो वहीं सत्यम के शेयर सबसे अधिक प्रभावित हुए। अगर तेल की कीमतों में गिरावट आती रही तो आईओसी, बीपीसीएल और एचपीसीएल के शेयरों में रिकवरी हो सकती है,जबकि ओएनजीसी मजबूत स्थिति में पहुंच सकता है। गेल के लिए भी अच्छी संभावनाएं नजर आ रहीं हैं।

उधर, फेरस और नॉन-फेरस दोनों प्रकार की मेटल कंपनियों को कड़ी मार पड़ने वाली है। एबीबी, भारत फोर्ज, एयरटेल, भेल, एचडीएफसी और आईडीएफसी आदि कंपनियों के मजबूत कारोबार करने की उम्मीद है। इनके शेयर पूरे बाजार पर भारी पड़ सकते हैं। हालांकि आने वाले सप्ताह राजनीतिक अस्थिरता के चलते बाजार में कड़ी अनिश्चितता का दौर रहेगा। मंगलवार को संसद में क्या होगा, इसी पर सभी क्षेत्रों का भविष्य टिका रहेगा।

गेल
वर्तमान मूल्य: 376.8 रुपये
लक्ष्य : 400 रुपये

कंपनी का शेयर काफी भरोसेमंद नजर आ रहा है। इसका प्रोजेक्ट किया हुआ लक्ष्य 400 रुपये है। 365 रुपये के स्तर पर स्टॉपलॉस रखें और लांग पोजीशन लें। 365 रुपये के ऊपर प्रॉफिट बुक करें।

आईडीएफसी
वर्तमान मूल्य: 109.65 रुपये
लक्ष्य : 115 रुपये (5 सत्रों में),130 (10 सत्रों में)

इस शेयर ने 95 के स्तर से जोरदार रिकवरी की है। बढ़त हासिल करने के दौरान इसमें वॉल्यूम भी मजबूत रहा। इस शेयर को 115 रुपये पर कड़ा रेजिस्टेंस मिलने की उम्मीद है। अगर वह इससे आगे बढ़ा तो 130 से 135 रुपये उसके लिए अगला लक्ष्य हो सकता है। 105 का स्टॉपलॉस रखें और लंबी पोजीशन लें। 115 रुपये पर थोड़ी-थोड़ी मुनाफावसूली शुरू करें।

पोलारिस
वर्तमान मूल्य: 81.75 रुपये
लक्ष्य : 90 रुपये

यह शेयर इसका कारोबार बढ़ने के साथ ऊपर चढ़ा है। अगर उसे वर्तमान मूल्य पर रेजिस्टेंस मिलता है और वह 83 रुपये से ऊपर बंद होता है तो फिर उसे 90 रुपये के स्तर पर कड़ा रेसिस्टेंस मिलेगा। 90 से ऊपर वह आसानी से 100 रुपये तक चढ़ सकता है। 78 रुपये के स्तर पर स्टॉपलॉस रखें और लंबी पोजीशन लें। 90 रुपये के स्तर पर प्रॉफिट बुक करें।

आरकॉम
वर्तमान मूल्य: 435.10 रुपये
लक्ष्य : 400 रुपये

जब कंपनी की एमटीएन से बातचीत जारी थी उस समय वह 400-450 रुपये की रेंज पर कारोबार कर रहा था। बातचीत टूट जाने के बाद अब यह इस रेंज के निचले स्तर की ओर जा सकता है। 440 रुपये के स्तर पर स्टॉपलॉस रखें और शार्ट पोजीशन लें और 400 के स्तर पर शार्ट कवरिंग करें। शेयर के लंबे दौर में अच्छा प्रदर्शन करने की संभावना है।

आरपीएल
वर्तमान मूल्य: 153.8 रुपये
लक्ष्य : 165 रुपये

पिछले पांच कारोबारी सत्रों में कंपनी के शेयर में हुई जमकर बिकवाली से यह 170 रुपये से गिरकर 147 रुपये के स्तर पर आ गया। यह अपने सबसे निचले स्तर पर है। 145 रुपये के स्तर पर स्टॉपलॉस रखें और लंबी पोजीशन लें। इसमें 165 रुपये के स्तर तक जाने की क्षमता है। इसी स्तर पर उसे कड़ा रेजिस्टेंस मिलने की उम्मीद है। 165 रुपये के स्तर पर कवर करना प्रारंभ करें।

शेयर पर नजर
रिलायंस इंडस्ट्रीज 

इस समय रिलायंस के शेयरों को लगातार आ रही नकारात्मक खबरों का सामना करना पड़ रहा है। चाहे वह पेट्रोकेमिकल टेरिफ घटाए जाने की बात हो या विंडफॉल टैक्स की या फिर उसकी रिफाइनरी को मिले ईओयू के दर्जे को हटाए जाने की बात हो। लेकिन इसके बाद भी कंपनी का शेयर रुपये के अवमूल्यन और ऑपरेशनल फ्रंट में हुए सुधार के कारण मजबूत हो सकता है।

आरआईएल के शेयरों को एनटीपीसी और आरएनआरएल के बीच केजी बेसिन की गैस को लेकर चल रहे विवाद का निपटारा उसके पक्ष में होने का भी लाभ मिलेगा। बंबई हाईकोर्ट ने आरआईएल के तीसरे पार्टी को गैस बेचने पर रोक लगाई है। इसकी अगली सुनवाई 22 जुलाई को होने जा रही है।

वहीं विश्लेषक मानते हैं कि वित्तीय वर्ष 2009 की पहली तिमाही के संभवत: इस सप्ताह जारी होने वाले नतीजों में कमाई के फ्लेट रहने की उम्मीद है। ऊंचे रिफाइनिंग मार्जिन जो 16.5 डॉलर से 18.5 डॉलर के बीच है, का असर भी ऊंची पेट्रोलियम प्रॉडक्ट डिमांड और पेट्रोकेम कीमतों पर दिखाई दे रहा है। यह उम्मीद से अधिक सशक्त पेट्रोकेमिकल साइकल के कारण हो रहा है। इसका कंपनी के शेयरों पर सकारात्मक असर होगा।

सप्ताह का शेयर
पटेल इंजीनियरिंग

बेहतर आर्डर बुक और अच्छे परिणामों की मदद से विनिर्माण कंपनी पटेल इंजीनियरिंग के शेयरों में 18 जुलाई को समाप्त सप्ताह में 15 प्रतिशत का उछाल देखने को मिला है। 30 जून तक कंपनी की आर्डर बुक 6000 करोड़ रुपये की थी और वह 12,000 करोड़ रुपये की नई परियोजनों के लिए प्रीक्वाइलीफाइड हो चुकी है।

कपंनी के प्रबंधकों का कहना है कि वे कंपनी कीभविष्य की संभावनाओं और कारोबारी माहौल को लेकर पूरी तरह आश्वस्त हैं। वित्त वर्ष 2009 की पहली तिमाही में कंपनी ने 30 प्रतिशत की बढ़ोतरी के साथ साल-दर-साल केहिसाब से 34.99 करोड़ रुपये का शुध्द मुनाफा अर्जित किया है। इसी अवधि के दौरान कंपनी का राजस्व 35 प्रतिशत की बढ़ोतरी केसाथ 558 करोड रुपए हो गया।

पटेल इंजीनियरिंग की ही सहायक कंपनी पटेल रियलटी ने चेन्नई, बैंगलोर, हैदराबाद, मुंबई और पनवेल की 1000 एकड़ से अधिक की शहरी भूमि के डेवलपमेंट के अधिकार प्राप्त किए है। कंपनी इन महानगरों में व्यावसायिक और आवासीय परियोजनाओं पर अपना ध्यान केन्द्रित कर रही है और ये परियोजनाएं विकास के प्रारंभिक चरण में हैं।

First Published : July 20, 2008 | 11:11 PM IST