भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने मंगलवार को कहा कि त्वरित उपचारात्मक कार्रवाई (PCA) प्रारूप के तहत सख्त निगरानी मानदंड अक्टूबर, 2024 से सरकारी स्वामित्व वाली गैर-बैंकिंग वित्तीय कंपनियों (NBFC) पर लागू हो जाएंगे।
किसी वित्तीय इकाई को PCA प्रारूप के तहत रखे जाने पर उसके लाभांश वितरण/ मुनाफे को कहीं भेजने, प्रवर्तकों/ शेयरधारकों को इक्विटी में निवेश या बिक्री करने और समूह कंपनियों की ओर से गारंटी देने या अन्य आकस्मिक देनदारियां लेने पर बंदिशें लग जाती हैं।
रिजर्व बैंक ने 14 दिसंबर, 2021 को NBFC इकाइयों के लिए PCA प्रारूप जारी किया था। पहले निजी क्षेत्र की NBFC कंपनियों को ही इसके दायरे में रखा गया था लेकिन अब सार्वजनिक क्षेत्र की NBFC को भी इसके तहत लाने का फैसला किया गया है।
RBI ने एक परिपत्र में कहा, ‘‘प्रारूप की समीक्षा की गई है और एक अक्टूबर, 2024 से इसे सरकारी NBFC (छोटी कंपनियों को छोड़कर) तक बढ़ाने का निर्णय लिया गया है। इसके लिए 31 मार्च, 2024 तक या उसके बाद के अंकेक्षित वित्तीय आंकड़ों को आधार बनाया जाएगा।“
कुछ प्रमुख सरकारी NBFC कंपनियों में PFC, REC, IRFC और IFCI शामिल हैं। PCA प्रारूप लागू करने का मकसद है कि किसी वित्तीय इकाई पर सही समय पर निगरानी से जुड़ा दखल दिया जा सके। इसमें संस्थाओं को अपनी वित्तीय सेहत दुरुस्त करने के लिए समय पर उपचारात्मक उपाय शुरू करने और लागू करने की जरूरत होती है।