आईआईएफएल फाइनैंस लिमिटेड की दीर्घकालिक जारीकर्ता डिफॉल्ट रेटिंग को बी प्लस पर बरकरार रखते हुए फिच रेटिंग्स ने आज कहा कि एसएमई व माइक्रोफाइनैंस की कमजोरियों के कारण इस समूह की संपत्ति की क्वालिटी पर आगे और दबाव पड़ सकता है।
भारतीय रिजर्व बैंक द्वारा गोल्ड लोन देने पर लगाया गया प्रतिबंध सितंबर में हटाए जाने के बाद रेटिंग एजेंसी ने आईआईएफएल फाइनैंस को रेटिंग वाच नेगेटिव दर्जे से हटा दिया है। रेटिंग से संकेत मिलता है कि भौतिक चूक संबंधी जोखिम मौजूद है, लेकिन सुरक्षा का एक सीमित मार्जिन बना हुआ है।
फिच ने कहा कि नियामक प्रतिबंध हटाए जाने का मतलब यह है कि वित्तीय कंपनी ने सोने से समर्थित ऋण की गतिविधियों में रिजर्व बैंक की चिंता दूर की है। ऐसे में जोखिम और अनुपालन मानक में सुधार हो सकता है। कंपनी ने नए जोखिम व अनुपालन अधिकारी पेश किए हैं, जिसकी वजह से नियंत्रण और निगरानी आगे और मजबूत हो सकती है। यह पुष्टि और स्थिर दृष्टिकोण हमारी उम्मीद को दर्शाता है कि आईआईएफएल फाइनेंस की फ्रैंचाइजी धीरे-धीरे स्थिर हो जाएगी।