पीएसबी शेयर निवेशकों के लिए अच्छा दांव

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बीएस संवाददाता
Last Updated- December 14, 2022 | 8:17 PM IST

जब केनरा बैंक ने पिछले सप्ताह 103.5 रुपये पर अपने पात्र संस्थागत नियोजन (क्यूआईपी) की घोषणा की थी तो विश्लेषकों ने इसे लेकर सवाल उठाया था कि क्या सार्वजनिक क्षेत्र का बैंक (पीएसबी) स्वयं बाजार में प्रवेश कर सकता है। इसके बाद प्रत्यक्ष बाजार में इक्विटी खरीदारी लंबे समय के लिए उत्साहजनक बनी रही और सरकार को पुनर्पंूजीकरण की राह पर बढऩा पीएसबी के लिए एक आसान विकल्प बन गया। लेकिन केनरा बैंक की सफल कोष उगाही आकर्षण बन गई है। एक महीने पहले 94 रुपये प्रति शेयर से मौजूदा समय में 125 रुपये पर पहुंच चुके इस शेयर ने सभी को आश्चर्यचकित किया है।
यह एक अच्छा संकेत है, क्योंकि पंजाब नैशनल बैंक (पीएनबी) इस सप्ताह 7,000 करोड़ रुपये जुटाने की तैयारी कर रहा है और पीएसबी द्वारा संयुक्त रूप से अन्य करीब 14,000 करोड़ रुपये की अन्य कोष उगाही किए जाने की संभावना है। खबरों से पता चलता है कि सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों ने अब तक 40,000 करोड़ रुपये हासिल किए हैं और इसके लिए उन्होंने बॉन्ड तथा इक्विटी विकल्प, दोनों का इस्तेमाल किया है।
एसएमसी कैपिटल के सिद्घार्थ पुरोहित का कहना है, ‘मूल्यांकन की चिंता किए बगैर बाजार में सभी शेयरों पर बड़ी पूंजी लगाई जा रही है।’
हालांकि इसे लेकर आशंका बनी हुई है कि क्या पीएसबी शेयरों के लिए धारणागत बदलाव आएगा। जैसा कि पुरोहित का मानना है, बैंक इस राउंड में कोष उगाही के लिए अपनी क्षमताएं प्रदर्शित कर चुके बैंक  मूल्यांकन वृद्घि देखेंगे, जिससे उनके लिए अगली बार बाजार में पहुंचना आसान हो गया है। अन्य के लिए, वित्त वर्ष 2021 बुक के 0.3-0.5 गुना पर एनम होल्डिंग्स के निवेश्श निदेशक श्रीधर शिवराम का मानना है कि ये बड़ी गिरावट वाले शेयर हैं। वह कहते हैं, ‘निवेशकों को इन पर गहरी वैल्यू वाले शेयरों के नजरिये से देखना चाहिए, न कि वृद्घि वाले शेयरों के तौर पर।’ पिछले वर्षों में पीएसबी के प्रदर्शन में आए कुछ बुनियादी सुधारों से भी इस धारणा को मदद मिली है।
कई पीएसबी के लिए 75 प्रतिशत के प्रावधान कवरेज रेशियो से संकेत मिलता है कि ज्यादातर पुरानी समस्याओं पर ध्यान दिया गया है। बड़े खातों – जैसे भूषण पावर और दीवान हाउसिंग फाइनैंस – के समाधान की दिशा में अंतिम चरण के नजदीक होने के साथ आय में तेजी पर ध्यान दिया जा सकता है। हालांकि बैंक महामारी से संबंधित परिसंपत्ति गुणवत्ता दबाव को ध्यान में रखकर प्रावधान कवरेज बढ़ाने के लिए इन ऋणों पर फिर से ध्यान दे सकते हैं।
पीएसबी को जिस वजह से मदद मिली है, वह यह है कि पिछले चार वर्षों में उन्होंने बड़े आकार की उधारी मुहैया कराई है और इन्फ्रास्ट्रक्चर सेगमेंट में दांव बढ़ाया है। इस वजह से उनके ऋण बहीखाते ग्रेन्यूलर रिटेल ऋणों के अनुकूल हैं। जहां रिटेल सेगमेंट में अनिश्चितता बढ़ रही है, वहीं अच्छी बात यह है कि पीएसबी ने सुरक्षित ऋणों पर अपना ध्यान केंद्रित किया है- मुख्य तौर पर होम एवं व्हीकल लोन पर, जबकि निजी ऋणदाताओं के लिए असुरक्षित पोर्टफोलियो वृद्घि का वाहक बना हुआ है। ब्याज दरों में गिरावट के तेज असर ने भी पीएसबी को ग्राहक नजरिये से आकर्षक बना दिया है, खासकर रिटेल ऋण पूछताछ के मामले में। एक्सपेरियन क्रेडिट इन्फॉर्मेशन कंपनी ऑफ इंडिया के प्रबंध निदेशक आशिष सिंघल कहते हैं, ‘पीएसबी के लिए ऋण पूछताछ कोविड-पूर्व स्तरों से ऊपर हैं, जबकि निजी बैंकों के लिए इनमें अब तेजी आ रही है।’
फिर भी पीएसबी कुल वृद्घि के मोर्चे पर व्यवस्था का नेतृत्व नहीं कर सकते हैं। पुरोहित को सरकार के स्वामित्व वाले बैंकों के लिए 7-9 प्रतिशत ऋण वृद्घि की उम्मीद है, जबकि श्रीधर 10 प्रतिशत के साथ कुछ ज्यादा उत्साहित हैं। यह भी एक समस्या है कि क्रेडिट अंडरराइटिंग प्रणालियों को उनके निजी क्षेत्र के प्रतिस्पर्धियों के मुकाबले लोकप्रिय होने में लंबा समय लगा है। श्रीधर कहते हैं, ‘ढांचागत तौर पर, कोई बड़ा बदलाव नहीं आया है।’ हालांकि उनका मानना है कि वित्त वर्ष 2022 ऊंची प्रावधान लागत वाला अन्य वर्ष रहने की संभावना है और अगले वित्त वर्ष में हालात सामान्य हो सकते हैं। मौजूदा 2-2.5 प्रतिशत के ऋण लागत अनुमान से, पीएसबी पीएसबी इसे लेकर आश्वस्त दिख रहे हैं कि वित्त वर्ष 2022 में यह आंकड़ा घटकर 1-1.5 प्रतिशत रहेगा।
इसलिए निवेशकों को पीएसबी को लेकर कैसा दृष्टिकोण अपनाना चाहिए? पुरोहित कहते हैं, ‘पीएसबी शेयरों में हरेक बड़ी तेजी के बाद, ऐसा देखा गया कि वे बेहतर दिनों के लिए तैयार हैं।’ हालांकि इस समय उनकी बैलेंस शीट के लिए गिरावट का जोखिम सीमित दिख रहा है, लेकिन उनका मानना है कि पीएसबी शेयर संस्थागत निवेशकों के लिए अच्छा दांव हैं। छोटे निवेशकों को इन शेयरों पर सकारात्मक बनने से पहले इनमें हालात सामान्य होने का इंतजार करना चाहिए।
मोरेटोरियम बुक से जुड़ी अनिश्चितताओं और ब्याज माफी मामले पर सर्वोच्च न्यायालय का फैसले के साथ साथ मौजूदा विलय समेकन प्रक्रिया को लेकर भी गतिरोध बने हए हैं। श्रीधर का कहना है कि हालांकि परिदृश्य सुधर रहा है, लेकिन पीएसबी शेयर उन लोगों के लिए उचित हैं जो जोखिम सहन करने की क्षमता रखते हैं।

First Published : December 13, 2020 | 11:46 PM IST