कोविड-19 संक्रमण में तेजी आने से बाजार में गिरावट को बढ़ावा मिला है। निफ्टी 15 फरवरी के अपने ऊंचे स्तर से 6 प्रतिशत गिर चुका है। इक्विटी बाजार में रिटेल, होटल, रियल्टी, और वित्त क्षेत्र की कंपनियों पर ज्यादा दबाव देखा गया है, क्योंकि विभिन्न राज्यों में कफ्र्यू और आवाजाही पर प्रतिबंध से व्यावसायिक गतिविधियां घटी हैं। इन क्षेत्रों के कई शेयर ‘बियर मार्केट टेरिटरी’ यानी मंदी वाले बाजार के दायरे में आ गए हैं। शेयर की कीमत में ताजा स्तरों से 20 प्रतिशत या इससे ज्यादा की गिरावट के लिए ‘बियर मार्केट टेरिटरी’ का इस्तेमाल किया जाता है।
इक्विनॉमिक्स के संस्थापक एवं सीआईओ जी चोकालिंगम ने कहा, ‘दूसरी लहर से पर्यटन, होटल, वित्त, और रियल्टी जैसे क्षेत्र बुरी तरह से प्रभावित हुए हैं, क्योंकि इनके व्यवसाय पर दबाव पड़ा है। वित्तीय शेयरों में, फंसे कर्ज बढऩे की आशंका से गिरावट आई है। इनका महामारी से परोक्ष संबंध है। विमानन, मल्टीप्लेक्स और होटल उद्योग कफ्र्यू से प्रत्यक्ष रूप से प्रभावित होंगे। इन क्षेत्रों को आय अनुमानों में कमी का सामना करना पड़ेगा।’ स्पाइसजेट का शेयर 15 फरवरी से 30 प्रतिशत से भी ज्यादा गिर चुका है, जबकि उद्योग दिग्गज इंटरग्लोब एविएशन (इंडिगो) में गिरावट निफ्टी के अनुरूप रही है। विश्लेषकों का कहना है कि विमानन क्षेत्र ज्यादा प्रभावित नहीं हुआ है, क्योंकि उड़ानें रद्द नहीं की गई हैं।
मोतीलाल ओसवाल फाइनैंशियल सर्विसेज के शोध (रिटेल) प्रमुख सिद्घार्थ खेमका ने कहा, ‘कोरोना की दूसरी लहर का प्रभाव कंपनियों के शेयरों और आय पर महसूस किया जा रहा है। अभी कई और डाउनग्रेड (अनुमानों में कमी) देखे जा सकते हैं क्योंकि लॉकडाउन बरकरार है। पर्यटन, यात्रा, रिटेल और होटल क्षेत्र के शेयरों में ज्यादा डाउनग्रेड देखे जा सकते हैं। विमानन अपेक्षाकृत इससे बचा रहेगा, क्योंकि इस बार यात्रा पर प्रतिबंध नहीं है। बैंकिंग और वित्त अर्थव्यवस्था से जुड़े रह सकते हैं। यदि अर्थव्यवस्था कमजोर हुई तो हम छोटे व्यवसायों पर प्रभाव देखेंगे और ऐसी स्थिति में एनपीए में इजाफे का खतरा बढ़ेगा।’
उन्होंने कहा, दूसरी तरफ हेल्थकेयर, हॉस्पिटल, फार्मा और जांच क्षेत्र के शेयरों में तेजी आएगी क्योंकि लोग स्वास्थ्य पर ज्यादा खर्च करेंगे।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज की एक रिपोर्ट में कहा गया है, ‘इस बार, प्रतिबंध पिछले साल जैसे सख्त नहीं हैं। इसलिए अर्थव्यवस्था के कुछ खास क्षेत्रों का प्रदर्शन अच्छा बना रहेगा। आईटी, फार्मा, धातु और एफएमसीजी पर कम प्रभाव पड़ेगा, जबकि रिटेल, यात्रा, पर्यटन और होटल क्षेत्रों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा।’ ब्रोकरेज ने निफ्टी के लिए अपना वर्ष के अंत तक का लक्ष्य 17,200 से घटाकर 16,100 कर दिया है। उसका कहना है कि वित्त वर्ष 2022 के लिए आय वृद्घि के अनुमानों में बड़ी कटौती देखी जा सकती है।
ऐक्सिस सिक्योरिटीज ने कहा है, ‘वायरस के प्रसार के गहन विश्लेषण और लॉकडाउन की अवधि के आधार पर हमारा मानना है कि निफ्टी-50 के लिए वित्त वर्ष 2022 का आय अनुमान मंदी वाले परिवेश में 6 से 16 प्रतिशत तक घट सकता है।’
कोटक इंस्टीट्यूशनल इक्विटीज के मुख्य कार्याधिकारी एवं सह-प्रमुख प्रतीक गुप्ता का मानना है कि आय अनुमान में और कमी आएगी। उन्होंने कहा, ‘हम यह मानकर चल रहे थे कि वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में निफ्टी की आय में 27 प्रतिशत और 18 प्रतिशत की वृद्घि दर्ज की जाएगी। लेकिन अब हम अपने अनुमानों में कुछ कटौती करेंगे। खासकर, होटल, एयरलाइन, मल्टीप्लेक्स, और रिटेल मॉल जैसे क्षेत्रों पर ज्यादा प्रभाव पड़ेगा। लेकिन इन क्षेत्रों का निफ्टी में ज्यादा भारांक नहीं रहा है। हालांकि वित्त वर्ष 2022 और वित्त वर्ष 2023 में आय वृद्घि सालाना आधार पर अपेक्षाकृत मजबूत रहेगी।’