सरकार वरिष्ठ (60 से 80 साल उम्र) और अति वरिष्ठ नागरिकों (80 साल से अधिक) को आयकर के मामले में बहुत से लाभ मुहैया कराती है। ये लाभ अधिक कटौतियों या कर रिटर्न भरने की प्रक्रियाओं में ढील के रूप में दिए जाते हैं। वरिष्ठ नागरिकों को अपनी कर और वित्तीय योजना में उचित संतुलन बनाने की जरूरत है। आरएसएम इंडिया के संस्थापक सुरेश सुराणा ने कहा, ‘उन्हें अपनी तरलता की जरूरत, निवेश की लॉक-इन अवधि, चिकित्सा एवं अन्य आपात स्थितियों में पैसे की जरूरत पर विचार करने के बाद ही कर बचत वाले निवेश करने चाहिए।’
बुनियादी छूट सीमा अधिक
वरिष्ठ नागरिकों की तीन लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं है। टैक्स कनेक्ट एडवाइजरी सर्विसेज एलएलपी में पार्टनर विवेक जालान ने कहा, ‘उन्हेंं धारा 80सी के तहत 1.5 लाख रुपये और स्वास्थ्य बीमा पर 50,000 रुपये की कटौती भी मिलती है। अगर कोई वरिष्ठ नागरिक ठीक से योजना बनाए तो उसे पांच लाख रुपये तक की आय पर कोई कर नहीं देना होगा।’
धारा 80सी और 80डी
वरिष्ठ नागरिकों को भी धारा 80सी के तहत बीमा, अधिसूचित म्युचुअल फंडों, राष्ट्रीय बचत पत्र, कर बचत वाली सावधि जमाओं (एफडी) आदि में निवेश पर 1.5 लाख रुपये तक की कटौती मिलती है। जालान कहते हैं, ‘जब वरिष्ठ नागरिक पांच साल की एफडी चुनते हैं तो उन्हें ब्याज की अधिक दर भी मिल सकती है।’ आम तौर पर उन्हें एफडी पर 50 आधार अंक तक ज्यादा ब्याज दर मिलती है।
वरिष्ठ नागरिकों को स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर भी अधिक कटौती मिलती है। होस्टबुक्स के संस्थापक और चेयरमैन कपिल राणा ने कहा, ‘वरिष्ठ नागरिक स्वास्थ्य बीमा प्रीमियम पर 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। अगर किसी वरिष्ठ नागरिक के पास स्वास्थ्य बीमा पॉलिसी नहीं है तो वह 50,000 रुपये के चिकित्सा खर्च पर कटौती हासिल कर सकता है।’
धारा 80डीडीबी
कोई वरिष्ठ नागरिक कुछ तय बीमारियों के इलाज पर खर्च होने वाली राशि में एक लाख रुपये तक की कटौती का दावा कर सकता है।
धारा 80टीटीबी
इस धारा के तहत वरिष्ठ नागरिक बैंक (बचत या सावधि), डाक घर और सहकारी समितियों में जमा राशि पर प्राप्त ब्याज पर 50,000 रुपये तक की कटौती का दावा कर सकते हैं। धारा 80टीटीए (बचत खाते से प्राप्त 10,000 रुपये तक के ब्याज पर कटौती) वरिष्ठ नागरिकों के लिए उपलब्ध नहीं है।
मानक कटौती
वरिष्ठ नागरिक वेतन या पेंशन से होने वाली आय पर 50,000 रुपये की स्टैंडर्ड कटौती का दावा कर सकता है।
टीडीएस से संबंधित नियम
आयकर अधिनियम की धारा 194ए में कहा गया है कि कोई व्यक्ति (व्यक्ति या हिंदू अविभाजित परिवार, जिसकी एक निश्चित संपत्ति या प्राप्तियां हैं), जो प्रतिभूतियों पर ब्याज के अलावा ब्याज भुगतान के लिए जिम्मेदार है, उसे स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) करानी होगी। हालांकि कोई वरिष्ठ नागरिक फॉर्म 15एच जमा कराकर टीडीएस से छूट का आवेदन कर सकता है, बशर्ते कि उसकी कुल आय पर आकलित कर शून्य है। राणा कहते हैं, ‘अगर किसी वरिष्ठ नागरिक की आय बुनियादी छूट सीमा से अधिक है मगर सभी कटौतियां हासिल करने के बाद छूट सीमा से कम रहने का अनुमान है, तब भी वह कटौती करने वाले को फॉर्म 15एच जमा करा सकता है।’
कोई अग्रिम देनदारी नहीं
वरिष्ठ नागरिकों को अग्रिम कर चुकाने की जरूरत नहीं है। आईआईएफएल में सीनियर पार्टनर गौरव अवस्थी ने कहा, ‘इस समय अगर वरिष्ठ नागरिकों की कारोबार या पेशे से कोई आय नहीं है तो उन्हें अग्रिम कर चुकाने की जरूरत नहीं है।’ आकलन वर्ष 2019-20 से अति वरिष्ठ नागरिकों को यह रियायत दी गई है कि वे आईटीआर फॉर्म 1/4 में मैनुअल रिटर्न भर सकते हैं। मिडास फिनसर्व के प्रबंध निदेशक राजेश बंसल ने कहा कि जो वरिष्ठ नागरिक एक नियमित आय का स्रोत बनाना चाहते हैं, वे तात्कालिक एन्यूइटी प्लान में निवेश कर सकते हैं। उन्हें यह बात याद रखनी चाहिए कि एन्यूइटी से प्राप्त आय पर स्लैब के हिसाब से कर लगता है।