अगर पिछले हफ्ते का पैटर्न बना रहता है तो हम एक सीमित दायरे के कारोबार की ओर बढ़ रहे हैं जिसमें उतार चढ़ाव काफी ज्यादा है लेकिन वॉल्यूम काफी कम है।
बाजार का रुख मंदी का ही बना रहेगा जिसकी वजह से बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हो जाने की स्थिति बन सकती है।
सूचकांक रणनीति
निफ्टी में रोजाना पांच फीसद का स्विंग है लेकिन एक बंदी से दूसरी बंदी के बीच भावों में उतना बदलाव देखने को नहीं मिल रहा है, इसकी वजह है इंट्राडे के ट्रेंड में काफी उतार चढ़ाव। बाजार का यह भारी उतार चढ़ाव वीआईएक्स में साफ दिखता है जो रिकार्ड स्तरों पर पहुंचा है और अब भी 30 के खतरे के निशान से ऊपर है।
डेरिवेटिव के आंकडों को देखें तो एक दिलचस्प बात सामने आती है। पिछले दो कारोबारी सत्रों में निफ्टी का ओपन इंटरेस्ट करीब 17 लाख शेयरों से घट गया है। इससे संकेत मिलते हैं कि कम मार्जिन वाले डे ट्रेडरों को इस भारी उतार चढ़ाव से मुश्किल हो रही है। बाजार का ट्रेडिंग वॉल्यूम नीचे की ओर है और इसमें बहुत ज्यादा गिरावट नहीं आई है। लिहाजा जिन कारोबारियों को मार्जिन की समस्या नहीं है उन्हें कोई दिक्कत नहीं हो रही है।
विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) का नजरिया फिलहाल अभी नहीं बदला है क्योकि वो इक्विटी में बिकवाली कर रहे हैं और डेरिवेटिव के ओपन इंटरेस्ट का 40 फीसद होल्ड किए हुए हैं। लांग टर्म ऑप्शंस में कारोबार ठीक है क्योंकि निफ्टी ऑप्शंस का 23 फीसदी ओपन इंटरेस्ट दिसंबर 2008 और उसके बाद के सौदों में है। ज्यादातर ओपन इंटरेस्ट तीन खास सौदों में है। एक है दिसंबर 2008 3800 पुट पर, और अन्य दो हैं दिसंबर 2008 5000 कॉल और दिसंबर 2008 5000 पुट पर।
दिसंबर 2008 की ऑप्शन चेन अगले छह महीनों की तसवीर सामने रखती है और लिक्विडिटी 3600 पुट से 5000 कॉल के बीच है। बाजार का एक और संकेतक जो शार्ट टर्म सेंटिमेंट को दिखाता है वो है इन द मनी ऑप्शंस की संख्या और रेशियो जिन्हे कैश नहीं किया गया है। ऑप्शन होल्डर जो प्रॉफिट बुकिंग नहीं कर रहे हैं जाहिर है इंतजार करके ज्यादा पैसा बनाना चाहते हैं। अगर इन द मनी पुट और कॉल में सही बैलेंस है तो हम कह सकते हैं कि सेंटिमेंट संतुलित है।
हालांकि इस समय जुलाई पुट में 39 फीसद और जुलाई कॉल में 18 फीसद आउटस्टैंडिंग इन द मनी है और रेशियो 2.3 का है इससे लगता है कि बाजार में जरूरत से ज्यादा बिकवाली हो चुकी है। इंडेक्स फ्यूचर मार्केट की बात करें तो निफ्टी, बैंक निफ्टी और सीएनएक्सआईटी वायदा अच्छे खासे डिस्काउंट पर चल रहे हैं। यह मंदी के संकेत देता है। जूनियर और मिडकैप 50 प्रीमियम पर कारोबार कर रहे हैं लेकिन इन दोनों के वायदा कारोबार काफी इल्लिक्विड होते हैं। बैंक निफ्टी में कुछ उछाल दिखा जो शुक्रवार को खत्म हो गया।
सीएनएक्सआईटी में काफी ज्यादा मंदी का माहौल बन गया है। निफ्टी केओपन इंटरेस्ट पर कुल पुट कॉल रेशियो की बात करें तो यह न्यूट्रल टेरिटरी में है और करीब 1.2 पर है। लेकिन जुलाई का पीसीआर 1.1 पर है जो धीरे धीरे मंदी की चपेट में उतर रहा है। शुक्रवार को करीब 6 लाख पुट सौदे कैश कर लिए गए। इस गिरे हुए पीसीआर को देखते हुए कहा जा सकता है कि इस हफ्ते की शुरुआत भी मंदी के साथ ही होगी और शुरू के दो दिन तो शुक्रवार की मंदी जारी रहेगी।
हालांकि न्यूट्रल पीसीआर और आईटीएम रेशियो की ज्यादा बिकवाली से यह भी संकेत मिलता है कि मंदी बाजार को ज्यादा नीचे नहीं ले जा पाएगी। तकनीकी संकेत यही कहते हैं कि निफ्टी को 3850-3900 के स्तरों पर तगड़ा सपोर्ट मिल रहा है और यह बना रहेगा। जुलाई पुट ऑप्शन चेन में काफी ओपन इंटरेस्ट 3800 के पुट पर है और 3700 पुट के नीचे ये पूरी तरह खत्म हो गया है। अगर 3900 का सपोर्ट टूटता है और निफ्टी 3700 के नीचे जाता है तो बाजार में घबराहट आ सकती है।
एक और बात, जो बाजार को नीचे ले जा सकती है, वह है राजनीतिक अनिश्चितता। अगर यूपीए सरकार विश्वास मत नहीं जीतती है, तो देश में राजनीतिक अनिश्चितता हो सकती है, जिससे बाजार डुबकी लगाएगा। ऊपर की ओर देखें तो कॉल ऑप्शन चेन में 4200 कॉल से ऊपर काफी ज्यादा ओपन इंटरेस्ट है। यह रेजिस्टेंस का काम कर सकता है। अगर सेंटिमेंट पॉजिटिव रहता है और बाजार 4200 के स्तर को तोड़ ऊपर जाता है तो यह 4400 के स्तर तक पहुंच सकता है। ज्यादा ओपन इंटरेस्ट 4200 और 4600 के बीच है।
इस सब को देखते हुए बाजार के 3900 और 4200 के बीच रहने की उम्मीद है और किसी भी दिशा में ब्रेकआउट हुआ तो बाजार इन सीमाओं से करीब 200 अंक ऊपर या नीचे पहुंच सकता है (3700-4400) हालांकि इस बार का सेटलमेंट 31 जुलाई को है और इससे बाजार में ज्यादा मूवमेंट की गुंजाइश बनती है। प्रीमियम काफी ऊंचे हैं, उतार चढ़ाव ज्यादा है और पुट सौदे काफी महंगे हैं। पारंपरिक रूप से कहा जाए लांग में 4200 कॉल (65.8) और शार्ट में 4300 कॉल (38.4) अच्छा खासा रिस्क रिटर्न दे रहे हैं जो अधिकतम 28 की लागत पर 72 का लाभ दे रहे हैं।
जबकि बियर स्प्रेड में लांग 4000 पुट (138.75) और शार्ट 3900 पुट (101.6) की लागत 37 आती है और यह लाभ 63 का दे सकता है। स्टॉक वायदा की बात की जाए तो बाजार ने इन्फोसिस के नतीजों और गाइडेंस पर अच्छा संकेत नहीं दिया है और सारे बड़े आईटी दिग्गज शुक्रवार को गिरकर बंद हुए। जबकि इन्फोसिस के नतीजे बाजार की उम्मीदों से बेहतर ही रहे हैं। बाजार में यह भी खबर है कि कई बैंक इस बार फॉरेक्स हेजिंग में हुए नुकसान को भी रखेंगे।
बाजार में टाटा स्टील, डीएलएफ और स्टेट बैंक में आर्बिट्राज के अवसर दिखाई दे रहे हैं जहां वायदा भाव डिस्काउंट पर चल रहे हैं। आखिर में इस बाजार में स्टर्लाइट लंबी रेस का घोड़ा दिख रही है जिसे कॉपर वायदा की रीरेटिंग का फायदा मिल सकता है। हालांकि यूपीए सरकार की डांवाडोल स्थिति के भविष्य पर भी बाजार की स्थिति कुछ निर्भर करेगी।