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न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण पर इलाहाबाद हाईकोर्ट के वकीलों का अनिश्चितकालीन हड़ताल का ऐलान

बार एसोसिएशन ने उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सरकार से सिफारिश करने का भी अनुरोध किया।

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भाषा   
Last Updated- March 24, 2025 | 10:55 PM IST

नकदी विवाद गहराने के साथ दिल्ली उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से सोमवार को अगले आदेश तक न्यायिक कार्य वापस ले लिया है। न्यायमूर्ति वर्मा उनके सरकारी आवास में लगी आग को बुझाए जाने के दौरान कथित तौर पर बड़ी मात्रा में नकदी मिलने के बाद जांच का सामना कर रहे हैं। उच्च न्यायालय ने न्यायमूर्ति वर्मा से न्यायिक कार्य वापस लिए जाने के संबंध में एक नोटिस जारी किया है। इस बीच, प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना की अध्यक्षता वाले उच्चतम न्यायालय के कॉलेजियम ने न्यायमूर्ति वर्मा को इलाहाबाद उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने के अपने निर्णय की पुष्टि कर दी। इसके बाद इलाहाबाद उच्च न्यायालय बार एसोसिएशन ने न्यायमूर्ति वर्मा के स्थानांतरण के खिलाफ अनिश्चितकालीन हड़ताल पर जाने का ऐलान कर दिया। बार एसोसिएशन ने उनके खिलाफ महाभियोग की कार्यवाही शुरू करने की सरकार से सिफारिश करने का भी अनुरोध किया। 

दिल्ली उच्च न्यायालय की वेबसाइट पर प्रकाशित एक अन्य नोट में कहा गया है कि न्यायमूर्ति वर्मा की अध्यक्षता वाली खंडपीठ-3 का कोर्ट मास्टर सोमवार से पहले सूचीबद्ध मामलों में तारीखें निर्धारित करेगा। रजिस्ट्रार की ओर से अदालत की वेबसाइट पर जारी नोट में कहा गया है, ‘हाल की घटनाओं के मद्देनजर माननीय न्यायमूर्ति यशवंत वर्मा से न्यायिक कार्य अगला आदेश जारी किए जाने तक तत्काल प्रभाव से वापस ले लिया गया है।’ दिल्ली उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश डीके उपाध्याय के नोटिस के बाद रजिस्ट्रार द्वारा यह नोट जारी किया गया। 

दूसरी ओर, इलाहाबाद हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अध्यक्ष अनिल तिवारी ने बताया, ‘हाईकोर्ट बार एसोसिएशन के अधिवक्ता मंगलवार से अनिश्चितकालीन हड़ताल पर रहेंगे। अधिवक्ता न्यायमूर्ति वर्मा का इलाहाबाद उच्च न्यायालय में स्थानांतरण किए जाने के खिलाफ हैं।’ 

तिवारी ने कहा कि प्रधान न्यायाधीश को न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज करने और सीबीआई, ईडी एवं अन्य जांच एजेंसियों द्वारा जांच की तत्काल अनुमति देनी चाहिए।

न्यायमूर्ति वर्मा के निवास से कथित तौर पर नकदी मिलने की घटना पर विपक्षी नेताओं ने तीखी प्रतिक्रिया व्यक्त की और मामले की निष्पक्ष जांच की मांग की है। कुछ विपक्षी नेताओं ने सुझाव दिया कि न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ महाभियोग चलाया जाना चाहिए। 

First Published : March 24, 2025 | 10:48 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)