महाराष्ट्र सरकार ने पंढरपुर की आषाढ़ी वारी (आषाढ़ी एकादशी शोभायात्रा) में भाग लेने वाले वारकरीओं के लिए बीमा कवर प्रदान करने वाली विठ्ठल रुक्मिणी वारकरी बीमा छत्र योजना को लागू करने का निर्णय लिया है। यह बीमा कवच महीने के 30 दिनों के लिए होगा। किसी श्रमिक की दुर्भाग्यपूर्ण मृत्यु होने पर उसके परिवार को 5 लाख रुपये की अनुग्रह राशि दी जाएगी।
महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे ने बुधवार को कहा कि भगवान विट्ठल के अनुयायियों को पंढरपुर में संपन्न होने वाली आषाढ़ी एकादशी शोभायात्रा के दौरान बीमा कवर प्रदान किया जाएगा। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री पंढरपुर स्थित भगवान विट्ठल के मंदिर में प्रत्येक वर्ष आषाढ़ी एकादशी के दिन पूजा-अर्चना करते हैं।
मुख्यमंत्री कार्यालय के बयान के अनुसार पंढरपुर तक वारी (शोभायात्रा) के दौरान वारकरी संप्रदाय के किसी सदस्य की मृत्यु हो जाने पर उसके निकट परिजन को पांच लाख रुपये (बीमा की राशि के तौर पर) दिया जाएगा। इसमें कहा गया है कि यदि शोभायात्रा के दौरान संप्रदाय का सदस्य अस्थायी रूप से अशक्त हो जाता है तो उसे एक लाख रुपये मिलेंगे, जबकि आंशिक अशक्तता की स्थिति में व्यक्ति को 50,000 रुपये मिलेंगे। शोभायात्रा के दौरान किसी अनुयायी के बीमार पड़ने पर उसे उपचार के लिए 35,000 रुपये मिलेंगे। यह योजना राहत एवं पुनर्वास विभाग के माध्यम से क्रियान्वित की जाएगी।
उल्लेखनीय है कि भगवान विट्ठल के अनुयायियों को वारकरी कहा जाता है। इस संप्रदाय के लोग विभिन्न संतों को श्रद्धांजलि देने के लिए प्रत्येक वर्ष राज्य के विभिन्न हिस्सों में शोभायात्रा निकालते हैं। शोभायात्रा आषाढ़ी एकादशी के दिन सोलापुर जिले के पंढरपुर शहर में संपन्न होगी। महाराष्ट्र में भगवान विट्ठल के अनुयायियों द्वारा यह उत्सव हर्षोउल्लास के साथ मनाया जाता है। इस वर्ष आषाढ़ी एकादशी 29 जून को है।