केंद्रीय मंत्रिमंडल ने विभिन्न क्षेत्रों से जुड़े कई अहम फैसले लिए हैं। इनमें स्वास्थ्य बीमा, इलेक्ट्रिक वाहन, ग्रामीण क्षेत्र आधारभूत ढांचा और हरित ऊर्जा शामिल हैं। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आज केंद्रीय मंत्रिमंडल की हुई बैठक में 70 साल एवं इससे अधिक उम्र के सभी आय वर्ग के वरिष्ठ नागरिकों को आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना के अंतर्गत स्वास्थ्य बीमा का लाभ देने का निर्णय लिया गया।
बैठक के बाद केंद्रीय मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस कदम से 4.5 करोड़ परिवारों के 6 करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को सालाना 5 लाख रुपये के स्वास्थ्य बीमा का लाभ मिलेगा।
एक अन्य महत्त्वपूर्ण फैसले में केंद्रीय मंत्रिमंडल ने प्रधान मंत्री ग्राम सड़क योजना (PMGSY) के चौथे चरण को मंजूरी दे दी है। इस चरण पर लगभग 70,125 करोड़ रुपये व्यय होने का अनुमान है। केंद्रीय मंत्रिमंडल की आज हुई बैठक में तय हुआ कि यह रकम वित्त वर्ष 2025 से शुरू होकर अगले पांच वर्षों के दौरान ग्रामीण क्षेत्रों में सड़क निर्माण पर खर्च की जाएगी।
चौथे चरण में देश के ग्रामीण क्षेत्रों में कुल 62,500 किलोमीटर सड़कों का निर्माण होगा। इनकी मदद से सड़क संपर्क से दूर देश के 25,000 से अधिक क्षेत्रों को लाभ मिलेगा। इसके अलावा नई सड़कों पर पुलों का निर्माण एवं इनमें सुधार किया जाएगा। अगले पांच वर्षों के दौरान केंद्र सरकार 49,087.50 करोड़ रुपये और राज्य सरकार लगभग 21,037.50 करोड़ रुपये खर्च करेगी।
केंद्रीय मंत्रिमंडल ने देश में इलेक्ट्रिक वाहनों के इस्तेमाल को बढ़ावा देने के लिए 10,900 करोड़ रुपये के परिव्यय के साथ ‘पीएम ई-ड्राइव योजना’ को मंजूरी दे दी। दो साल की अवधि के लिए तैयार यह योजना मार्च, 2024 तक प्रभावी ‘फेम’ कार्यक्रम की जगह लेगी।
नौ साल तक चला ‘फेम’ कार्यक्रम हाइब्रिड एवं इलेक्ट्रिक वाहनों के त्वरित क्रियान्वयन एवं विनिर्माण के लिए शुरू किया गया था। इस योजना के दायरे में 24.79 लाख इलेक्ट्रिक दोपहिया, 3.16 लाख ई-तिपहिया वाहन और 14,028 ई-बस आएंगी।
वैष्णव ने कहा कि पीएम ई-ड्राइव योजना के तहत 88,500 चार्जिंग स्टेशन तैयार किए जाएंगे। नई योजना में इलेक्ट्रिक दोपहिया, इलेक्ट्रिक तिपहिया, ई-एम्बुलेंस, ई-ट्रक और अन्य इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) खरीदेने के लिए 3,679 करोड़ रुपये सब्सिडी/मांग प्रोत्साहन की पेशकश की गई है।
सरकार ने बुधवार को 31,350 मेगावॉट क्षमता की जलविद्युत परियोजनाओं के विकास के लिए 12,461 करोड़ रुपये व्यय करने का निर्णय लिया है। ये परियोजनाएं अगले आठ वर्षों में क्रियान्वित होंगी। मंत्रिमंडल ने जलविद्युत परियोजनाओं से जुड़े बुनियादी ढांचे पर बिजली मंत्रालय के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी। इस पर कुल व्यय 12,461 करोड़ रुपये आएगा।
बयान के मुताबिक, यह योजना वित्त वर्ष 2024-25 से वित्त वर्ष 2031-32 तक क्रियान्वित की जाएगी। सरकार ने वर्ष 2031-32 तक जलविद्युत क्षमता का लक्ष्य संशोधित कर 30 गीगाव़ॉट कर दिया है।