मोरीगांव जिला आयुक्त ने कांग्रेस नेता राहुल गांधी को ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत नुक्कड़ सभा और पदयात्रा करने से परहेज करने को कहा है क्योंकि शरारती तत्त्व जिले में शांति भंग करने की कोशिश कर सकते हैं।
जिला आयुक्त (डीसी) देवाशीष शर्मा ने कांग्रेस पदाधिकारियों को लिखे एक पत्र में कहा, ‘खुफिया सूचनाओं के आधार पर जिला प्रशासन को ऐसे शरारती तत्त्वों की संलिप्तता की आशंका है, जो एक ही दिन दो बड़े आयोजन-भारत जोड़ो न्याय यात्रा और रामलला की प्राण प्रतिष्ठा का फायदा उठाकर असामाजिक गतिविधियों के जरिये शांति में व्यवधान डालने की कोशिश कर सकते हैं।’
पत्र में कहा गया है, ‘‘जेड प्लस’ श्रेणी के साथ एडवांस सिक्योरिटी लाइजनिंग (एएसएल) सुरक्षा प्राप्त राहुल गांधी की हिफाजत की खातिर, और साथ ही मोरीगांव जिले में कानून और व्यवस्था में किसी भी संभावित व्यवधान को रोकने की हमारी जिम्मेदारी है। हम अनुरोध करते हैं कि पार्टी बिहुटोली पुलिस चौकी क्षेत्र में प्रस्तावित नुक्कड़ सभा और मोरीगांव शहर में श्रीमंत शंकरदेव चौक से पदयात्रा करने से परहेज करे।’
जिला आयुक्त ने पत्र में कहा, ‘कांग्रेस नेता की सुरक्षा के लिए हम आपसे अनुरोध करना चाहते हैं कि मोरीगांव जिले में उनके रोड शो के दौरान उनके वाहन या काफिले को तब तक न रोकें जब तक कि वह दोपहर के भोजन और विश्राम के लिए गोलसेपा न पहुंच जाएं।’
श्री शंकरदेव सत्र की प्रबंध समिति ने रविवार को घोषणा की थी कि वे कांग्रेस नेता को 22 जनवरी को दोपहर तीन बजे से पहले सत्र में जाने की अनुमति नहीं देंगे। वहीं, असम के मुख्यमंत्री हिमंत विश्व शर्मा ने संवाददाता सम्मेलन में कहा था कि उन्होंने राहुल गांधी से अयोध्या के राम मंदिर प्राण प्रतिष्ठा कार्यक्रम से पहले ऐसा नहीं करने का अनुरोध किया था।
राहुल को सत्र (शंकरदेव के जन्मस्थान) जाते समय हैबरगांव में रोका गया था जहां उन्होंने कांग्रेस के वरिष्ठ नेताओं और समर्थकों के साथ धरना दिया जबकि पार्टी सांसद गौरव गोगोई और बटद्रवा विधायक शिवमोनी बोरा मुद्दे को सुलझाने के लिए सत्र की ओर बढ़े।
इससे पहले असम के नगांव में कांग्रेस नेता राहुल गांधी ने इस बात पर सवाल उठाया कि कानून-व्यवस्था संकट के दौरान सभी लोग वैष्णव संत श्रीमंत शंकरदेव के जन्मस्थान पर जा सकते हैं, लेकिन केवल ‘वह नहीं जा सकते।’ पार्टी सांसद गौरव गोगोई और बटद्रवा विधायक शिवमोनी बोरा के लौटने के बाद गांधी ने संवाददाताओं से कहा कि वह शंकरदेव के दर्शन में विश्वास करते हैं।
उन्होंने कहा ‘हम लोग, लोगों को एक साथ लाने विश्वास करते हैं, नफरत फैलाने में नहीं।’ उन्होंने कहा, ‘वह (शंकरदेव) हमारे लिए एक गुरु की तरह हैं और हमारा मार्गदर्शन करते हैं। इसलिए जब मैं असम आया तो मैंने सोचा था कि मुझे उनके प्रति अपना आभार प्रकट करना चाहिए।’