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Climate change: 2024 अब तक का सर्वाधिक गर्म साल

वैश्विक तापमान 1850-1900 के औसत से 1.60°C अधिक, वैज्ञानिकों ने चेताया- नई जलवायु वास्तविकता में प्रवेश

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भाषा   
Last Updated- January 10, 2025 | 10:26 PM IST

यूरोपीय जलवायु एजेंसी कॉपरनिकस ने शुक्रवार को पुष्टि की कि वर्ष 2024 अब तक का सर्वाधिक गर्म वर्ष रहा और ऐसा पहली बार है जब पिछले साल का वैश्विक औसत तापमान पूर्व-औद्योगिक स्तर से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा। यूरोपीय जलवायु एजेंसी ने कहा कि 2024 में जनवरी से जून तक का हर माह अब तक का सबसे गर्म माह रहा। जुलाई से दिसंबर तक, अगस्त को छोड़कर हर माह 2023 के बाद रिकॉर्ड स्तर पर दूसरा सबसे गर्म माह रहा।

कॉपरनिकस जलवायु परिवर्तन सेवा (सी3एस) के वैज्ञानिकों के अनुसार, 1850 में जब से वैश्विक तापमान की माप शुरू हुई है तब से 2024 सबसे गर्म वर्ष रहा। औसत वैश्विक तापमान 15.1 डिग्री सेल्सियस रहा जो 1991-2020 के औसत से 0.72 डिग्री अधिक और 2023 से 0.12 डिग्री अधिक है। वैज्ञानिकों ने पाया कि 2024 में औसत तापमान 1850-1900 की आधार रेखा से 1.60 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा।

यह वह समय था जब जीवाश्म ईंधनों के जलने जैसी मानवीय गतिविधियों ने जलवायु पर महत्त्वपूर्ण प्रभाव डालना शुरू नहीं किया था। यह पहली बार है जब औसत वैश्विक तापमान पूरे कैलेंडर वर्ष के दौरान 1850-1900 के औसत से 1.5 डिग्री सेल्सियस अधिक रहा है।

विशेषज्ञों का मानना है कि विश्व अब ऐसे चरण में प्रवेश कर रहा है, जहां तापमान लगातार इस सीमा से ऊपर रहेगा। जलवायु कार्यकर्ता और ‘सतत सम्पदा जलवायु फाउंडेशन’ के संस्थापक निदेशक हरजीत सिंह ने कहा कि विश्व एक नयी जलवायु वास्तविकता में प्रवेश कर रहा है, जहां अत्यधिक गर्मी, विनाशकारी बाढ़ और प्रचंड तूफान लगातार और गंभीर होते जाएंगे। उन्होंने कहा, ‘इस तरह के भविष्य की तैयारी के लिए हमें समाज के हर स्तर पर पर्यावरण अनुकूलन प्रयासों को तत्काल बढ़ाना होगा। अपने घरों, शहरों और बुनियादी ढांचे को नया स्वरूप देना होगा तथा जल, भोजन और ऊर्जा प्रणालियों के प्रबंधन के तरीकों में बदलाव करना होगा।’

First Published : January 10, 2025 | 10:26 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)