दिल्ली में केजरीवाल सरकार ने पहली बार बजट घटाया है। केजरीवाल सरकार ने सोमवार को अपना 10वां पूर्ण बजट पेश किया था। आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश हुआ दिल्ली सरकार का बजट चालू वित्त वर्ष के बजट से कम था।
दिल्ली सरकार ने कितना घटाया बजट?
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल कई मौकों पर कहते रहे हैं कि दिल्ली सरकार का बजट काफी बढ़ गया है और इसमें बढ़ोतरी हो रही है। लेकिन केजरीवाल सरकार ने अपने 10 साल के कार्यकाल में अब पहली बार बजट में कटौती की है।
दिल्ली वित्त मंत्री आतिशी ने सोमवार को वर्ष 2024-25 के लिए 76,000 करोड़ रुपये का बजट पेश किया, जो वर्ष 2023-23 के लिए पेश किए गए 78,800 करोड़ रुपये से 2,800 करोड़ रुपये कम है। इस तरह आगामी वित्त का बजट करीब 3.55 फीसदी घटाया गया है।
बजट घटाने की क्या रही वजह?
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी का कहना है कि बजट घटा जरूर है। लेकिन विकास कार्यों के लिए पैसे की कमी नहीं है। हर साल बजट बढ़ता रहा। लेकिन बाद में इसे संशोधित करना पड़ता। जिससे वास्तविक बजट सरकार द्वारा पेश किए जाने वाले बजट अनुमान से कम ही रहता था। लेकिन इस बार व्यावहारिकता को देखते हुए बजट पेश किया गया है।
चालू वित्त वर्ष के लिए 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था। लेकिन जिसे अब संशोधित कर 74,900 करोड़ रुपये कर दिया गया। इस हिसाब से देखा जाए तो आगामी वित्त वर्ष के लिए पेश 76,000 करोड़ रुपये का बजट ज्यादा ही है।
पहले बढ़ता रहा है केजरीवाल सरकार का बजट
इससे पहले केजरीवाल सरकार ने पेश किए सभी बजटों में बढ़ोतरी की थी। इस सरकार ने वर्ष 2015-2016 के लिए 41,129 करोड़ रुपये व्यय का अपना पहला पूर्ण बजट पेश किया था। इसके बाद सरकार वर्ष 2016-17 के लिए 46,600 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
केजरीवाल सरकार ने 2017-18 में बजट 1,400 करोड़ रुपये बढ़ाकर 48,000 करोड़ रुपये, वर्ष 2018-19 में 5,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 53,000 करोड़ रुपये, वर्ष 2019-20 में 7,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 60,000 करोड़ रुपये, वर्ष 2020-21 में 5,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 65,000 करोड़ रुपये, वर्ष 2021-21 में 4,000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 69,000 करोड़ रुपये कर दिया।
सरकार ने वर्ष 2022-23 में बजट 6,800 करोड़ रुपये बढ़ाकर 75,800 करोड़, जबकि वर्ष 2023-24 में 3000 करोड़ रुपये बढ़ाकर 78,800 करोड़ रुपये का बजट पेश किया था।
केजरीवाल सरकार के 10 बजट
वित्त वर्ष बजट
2015-16 41,129
2016-17 46,600
2017-18 48,000
2018-19 53,000
2019-20 60,000
2020-21 65,000
2021-22 69,000
2022-23 75,800
2023-24 78,800
2024-25 66,000
-बजट के आंकड़े करोड़ रुपये में हैं।