दिल्ली सरकार ने दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम-2023 को अधिसूचित कर दिया है। जिसके बाद अब दिल्ली में बाइक टैक्सी कानूनी रूप से चल सकेंगी। स्कीम का लक्ष्य 2030 तक दिल्ली में सभी एग्रीगेटर, डिलीवरी सेवा प्रदाताओं और ई-कॉमर्स संस्थाओं के वाणिज्यिक वाहन बेड़े को इलेक्ट्रिक वाहन (ईवी) में बदलना है।
मौजूदा और नए सभी ऑपरेटरों को इस स्कीम की अधिसूचना जारी होने के 90 दिनों के अंदर लाइसेंस लेना अनिवार्य है। लाइसेंस 5 साल के लिए वैध होगा और इसके लिए शुल्क देना होगा। हालांकि दो साल से कम पुराने वाहनों को 50 फीसदी छूट मिलेगी। इलेक्ट्रिक वाहनों के मामले में कोई शुल्क नहीं लगेगा। स्कीम का उल्लंघन करने वाले ऑपरेटरों से 5 हजार से लेकर एक लाख रुपए तक का जुर्माना वसूला जाएगा।
बाइक टैक्सी में सिर्फ ई-बाइक चलेंगी, एक अप्रैल 2030 तक सभी वाहन इलेक्ट्रिक होंगे
इस स्कीम के अनुसार एग्रीगेटर के लिए नए बेड़े में दोपहिया वाहनों के मामले में ईवी को शामिल करने का लक्ष्य 100 फीसदी तय किया गया है। इसका मतलब हुआ है कि इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी- योजना के अंतर्गत सभी एग्रीगेटर को केवल इलेक्ट्रिक बाइक टैक्सी संचालित करने की अनुमति दी जाएगी।
इस स्कीम के तहत सभी एग्रीगेटर को अपने पूरे बेड़े को 2030 तक 100 फीसदी ईवी में बदलना होगा। दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली मोटर व्हीकल एग्रीगेटर एंड डिलीवरी सर्विस प्रोवाइडर स्कीम से दिल्ली में प्रदूषण को कम करने में भी मदद मिलेगी क्योंकि इस स्कीम के तहत ई-वाहनों पर जोर दिया गया है।
दिल्ली पहला राज्य बन गया है जिसने सभी यात्री, डिलीवरी सेवा व ई-कॉमर्स एग्रीगेटर प्लेटफार्म से सबंधित वाहनों को वर्ष 2030 तक ई-वाहनों में बदलने का लक्ष्य रखा है। यह भी पहली बार है कि हम दिल्ली में बाइक टैक्सी को अनुमति दे रहे हैं।