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Delhi Electric Bus: दिल्ली में ई-बसों की हिस्सेदारी बढ़ी, आज 350 नई बसें और उतरी सड़क पर

दिल्ली में ई-बसों की हिस्सेदारी बढ़कर 22 फीसदी हो गई है। सरकार का लक्ष्य साल 2025 तक कुल बस बेड़े में ई-बसों की हिस्सेदारी 80 फीसदी करना है।

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रामवीर सिंह गुर्जर   
Last Updated- February 14, 2024 | 6:51 PM IST

Delhi Electric Buses: दिल्ली के बस बेड़े में ई-बसों की हिस्सेदारी बढ़ रही है। दिल्ली सरकार ने आज 350 और नई ई-बसों को सड़क पर उतारा है। इन बसों के साथ ही दिल्ली में कुल ई-बसों की संख्या 1,650 हो गई हैं। ये सभी लो-फ्लोर ई-बसें हैं। यात्रियों की सुरक्षा के मद्देनजर ये बसें जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन समेत अन्य सुविधाओं से लैस हैं। इन ई-बसों को आज दिल्ली के उप राज्यपाल (LG) वी के सक्सेना और मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने हरी झंडी दिखाकर रवाना किया।

दो साल में कितनी बढ़ी ई-बसों की हिस्सेदारी?

दिल्ली सरकार ने साल 2025 तक कुल बसों में ई-बसों की हिस्सेदारी का लक्ष्य 80 फीसदी रखा है। इस समय दिल्ली के बस बेड़े में कुल 7,582 बसें शामिल हैं। आज सड़क पर उतारी गई नई ई-बसों के साथ इन बसों की कुल संख्या 1,650 हो गई। जिससे इनकी कुल बसों की संख्या में हिस्सेदारी बढ़कर करीब 22 फीसदी हो गई।

दिल्ली सरकार का मानना है साल 2025 तक दिल्ली में कुल 10,480 बसें हो जाएंगी। सरकार ने इसमें 80 फीसदी ई-बसें होने का लक्ष्य रखा है। दिल्ली में 17 जनवरी 2022 को पहली ई-बस सड़क पर उतारी गई थी। हालांकि सही मायने में 24 मई 2022 से दिल्ली के बस बेड़े में ई-बसें शामिल करने का सिलसिला शुरू हुआ। उस दौरान दिल्ली की सड़कों पर 150 ई-बसें एक साथ सड़कों पर उतारी गई थी।

ई-बसों के मामले में दिल्ली का क्या है स्थान?

दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि 350 नई ई-बसों को सड़क पर उतारने के साथ दिल्ली में कुल ई-बसों की संख्या 1,650 हो गई है। इसके साथ ही दिल्ली सबसे अधिक ई-बसों के मामले में भारत का पहला और दुनिया तीसरा शहर बन गया है। पहले स्थान पर चीन का शहर और दूसरे स्थान पर चिली का शहर है।

ई-बसों का प्रदूषण पर क्या होगा असर?

दिल्ली के परिवहन मंत्री कैलाश गहलोत ने कहा कि दिल्ली की सड़कों पर जितनी अधिक ई-बसें होंगी, उतना ही कम प्रदूषण होगा। साल 2022 से अभी तक दिल्ली की सड़कों पर 1,300 ई-बसें चल रही हैं। इन बसों ने अब तक 5.8 करोड़ किलोमीटर का सफर तय किया है। जिससे दिल्ली में 47 हजार टन कार्बन डाइऑक्साइड का उत्सर्जन कम हुआ है। गहलोत ने कहा कि दिल्ली के कुल बस बेडे में 80 फीसदी ई-बसें होने पर सालाना 4.67 लाख टन कार्बन डाइऑक्साइड के उत्सर्जन में कमी आ सकती है।

बस डिपो के विद्युतीकरण पर कितना खर्च कर रही है दिल्ली सरकार

दिल्ली में 60 से अधिक बस डिपो का विद्युतीकरण किया जा रहा है। ताकि साल 2025 तक 8,000 से अधिक ई- बसों को शामिल किया जा सके। वर्तमान में 16 डिपो पूरी तरह से विद्युतीकृत और चालू हैं। जिनमें तीन नए डिपो भी शामिल हैं। आगे इसके विस्तार की योजना है। केजरीवाल सरकार डिपो के विद्युतीकरण पर 1,500 करोड़ रुपये से ज्यादा खर्च कर रही है।

कितने रूट पर चलेंगी ई-बसें?

दिल्ली की सड़कों पर आज उतारी गई ई-बसें सुखदेव विहार, रोहिणी सेक्टर-37 डिपो-2 और बुराड़ी डिपो-1 जैसे 3 प्रमुख डिपो से रवाना होगी। इन डिपो से रवाना होने वाली ये ई-बसें कुल 35 रूट पर चलेंगी। इनमें बदरपुर बॉर्डर से नई दिल्ली रेलवे स्टेशन व धौला कुआं,सुल्तानपुरी टर्मिनल से सफदरजंग टर्मिनल, मंगोलपुरी क्यू ब्लॉक से आनंद विहार आईएसबीटी, कंझावला गांव से केंद्रीय टर्मिनल, आजादपुर टर्मिनल से कंझावला गांव, आईएसबीटी कश्मीरी गेट (सिटी टर्मिनल) से बदरपुर बॉर्डर व महरौली, आजादपुर टर्मिनल से टिकरी बॉर्डर तक जैसे अहम रूट शामिल हैं।

First Published : February 14, 2024 | 6:51 PM IST