Delhi Industry: दिल्ली में पुनर्वास योजना के तहत औद्योगिक भूखंड लेने वाले सैकड़ों उद्यमियों ने अभी तक भूखंड का कब्जा नहीं लिया है, जबकि ये उद्यमी भूखंड का पूरा भुगतान कर चुके हैं। दिल्ली सरकार ने अब इन उद्यमियों को कब्जा लेने के लिए एक और मौका देने का निर्णय लिया है।
दिल्ली सरकार ने उच्च न्यायालय के आदेश पर रिहायशी और नॉन कंफर्मिंग इलाकों में चल रहे उद्योगों को बसाने के लिए दो दशक पहले पुनर्वास योजना बनाई थी। इस योजना के तहत बवाना, भोरगढ़, बादली और झिलमिल औद्योगिक क्षेत्रों में 22 हजार से अधिक उद्यमियों को भूखंड आवंटित किए थे।
पुनर्वास योजना की जिम्मेदारी दिल्ली राज्य औद्योगिक व अवसंरचना विकास निगम (DSIIDC) संभाल रही है। DSIIDC के एक अधिकारी के मुताबिक पुनर्वास योजना के तहत करीब 1,220 ऐसे उद्यमी हैं जो औद्योगिक भूखंड का पूरा भुगतान कर चुके हैं। लेकिन इन्होंने अब तक भूखंड का कब्जा नहीं लिया है। पूरा भुगतान कर कब्जा न लेने वाले उद्यमियों में ज्यादातर उद्यमी भोरगढ़ औद्योगिक क्षेत्र के हैं। करीब 1,070 उद्यमी भोरगढ़ के, करीब 140 बवाना औद्योगिक क्षेत्र और बाकी अन्य औद्योगिक क्षेत्रों के हैं।
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पुनर्वास योजना के तहत भूखंड लेने वाले और इसका पूरा भुगतान करने वाले उद्यमियों को बीते वर्षों में कई बार कब्जा लेने के लिए कहा जा चुका है। साथ ही सरकार ने कब्जा न लेने पर उनके भूखंड का आवंटन निरस्त करने की चेतावनी दी थी। फिर भी ऐसे सैकड़ों उद्यमियों ने कब्जा नहीं लिया है। जिससे इन उद्यमियों पर भूखंड आवंटन निरस्त होने की तलवार लटक रही थी। लेकिन अब दिल्ली सरकार ने पूरा भुगतान कर भूखंड का कब्जा न लेने वाले इन उद्यमियों को एक और मौका देने का निर्णय लिया है और इन उद्यमियों को जल्द से जल्द कब्जा लेने के लिए कहा। जिससे इन उद्यमियों के भूखंड निरस्त होने का खतरा फिलहाल टल गया है।