Delhi industry pending consent: दिल्ली सरकार उद्यमियों के लंबित आवेदनों को जल्द से जल्द निपटाने पर जोर देने जा रही है। इसके लिए सरकार ने औद्योगिक क्षेत्रों में जाकर ही इन मामलों को निपटाने का निर्णय लिया है। सरकार लंबित आवेदनों को निपटाने के साथ ही उद्यमियों को जरूरी मंजूरी लेने के लिए भी प्रोत्साहित करेगी। सरकार ने लंबित मामलों को अगले तीन महीने के अंदर निपटाने का लक्ष्य रखा है।
दिल्ली के उद्यमियों को उद्योग चलाने के लिए दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (DPCC) से मंजूरी लेनी होती है। DPCC के एक अधिकारी ने बताया कि पुनर्विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में उद्यमियों ने DPCC से जरूरी अनुमति के लिए आवेदन किए हैं और काफी संख्या में ये आवेदन लंबित हैं। सरकार ने दिल्ली में कारोबारी सुगमता को बढ़ावा देने के लिए इन लंबित अनुमतियों के मामलों को जल्द निपटाने का निर्णय लिया है।
DPCC के संबंधित अधिकारी इन मामलों को निपटाने के लिए औद्योगिक क्षेत्रों में जाएंगे और वहीं इन मामलों का निराकरण करेंगे। सभी कंसेंट मैनेजमेंट सेल (CMC) को इस संदर्भ में निर्देश दिए जा चुके हैं। CMC को लंबित मामले निपटाने के साथ ही उद्यमियों को DPCC से जरूरी मंजूरी लेने के लिए जागरूक करने के भी निर्देश दिए गए हैं।
CMC को निपटाए गए मामलों का उचित रिकॉर्ड रखने को कहा गया। साथ ही एक्शन टेकन रिपोर्ट तैयार करने के भी निर्देश दिए गए हैं। दिल्ली में CMC द्वारा पुनर्विकसित औद्योगिक क्षेत्रों में करीब 45 जगहों पर लंबित मामलों को निपटाने के लिए कैंप लगाए जाएंगे। CMC को लंबित मामले निपटाने का काम पूरा करने के लिए इस साल 12 दिसंबर तक का समय दिया गया है।
दिल्ली में 23 पुनर्विकसित औद्योगिक क्षेत्र हैं। जिनमें आनंद पर्बत, समयपुर बादली, दिलशाद गार्डन, हैदरपुर, करावल नगर, ख्याला, मुंडका उद्योग नगर, लिबासपुर, न्यू मंडोली, पीरागढ़ी, नवादा, रिठाला, शालीमार और सुल्तानपुर माजरा आदि शामिल है।