दिल्ली में वायु गुणवत्ता के ‘गंभीर’ श्रेणी में पहुंचने के बीच प्रदूषण नियंत्रण योजना के तीसरे चरण को लागू कर दिया गया है और राज्य सरकार एवं अन्य एजेंसियों ने विभिन्न कदम उठाए हैं। इनमें ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात करना और ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान फिर शुरू करने जैसे कदम शामिल हैं। अधिकारियों ने यह जानकारी दी।
दिल्ली सरकार के एक अधिकारी के अनुसार, राष्ट्रीय राजधानी में निर्माण या तोड़फोड़ गतिविधियों पर पूर्ण प्रतिबंध के साथ ‘क्रमिक प्रतिक्रिया कार्य योजना’ (ग्रैप) के तीसरे चरण को लागू किया गया है।
केंद्र के प्रदूषण नियंत्रण निकाय ने गुरुवार को ग्रैप-3 लागू किया जिसके तहत दिल्ली-एनसीआर में गैर-जरूरी निर्माण कार्य, पत्थर तोड़ने और खनन पर रोक है। इस चरण के तहत, दिल्ली, गुरुग्राम, फरीदाबाद, गाजियाबाद और गौतम बुद्ध नगर में बीएस तीन पेट्रोल और बीएस चार डीजल गाड़ियों पर भी रोक लगाई गई है।
अधिकारियों ने बताया कि दिल्ली प्रशासन ने प्रदूषण से निपटने के लिए उपाय तेज कर दिए हैं और आनंद विहार, कश्मीरी गेट आईएसबीटी, आईटीओ, पूसा रोड, जहांगीरपुरी, नरेला औद्योगिक क्षेत्र, बुरारी क्रॉसिंग जैसे स्थानों पर ‘एंटी-स्मॉग गन’ तैनात की हैं। लोक निर्माण विभाग के एक अधिकारी ने कहा, ‘राजधानी में प्रदूषण के स्तर को देखते हुए पानी के छिड़काव की प्रक्रिया चल रही है। एंटी-स्मॉग गन से सड़कों की धूल पर लगातार नजर रखी जाती है और हम उनका इस्तेमाल वहां भी करते हैं जहां निर्माण कार्य किया जा रहा है।’
अधिकारी ने कहा, ‘हमारे पास 150 एंटी-स्मॉग गन हैं और उन्हें काम पर लगाया गया है। ऐसी करीब 50 गन से दो पालियों में काम लिया जा रहा है। हमने ठेकेदारों से एंटी-स्मॉग गन लगाने और खुले में पड़ी सामग्री को ढकने के लिए भी कहा है।’
दिल्ली सरकार ने मोटर चालकों को बढ़ते प्रदूषण के बारे में जागरूक करने और ट्रैफिक लाइट के हरे होने का इंतजार करते समय अपने वाहनों का इंजन बंद करने के लिए प्रोत्साहित करने की खातिर 28 अक्टूबर को ‘रेड लाइट ऑन, गाड़ी ऑफ’ अभियान शुरू किया।
उपराज्यपाल वी.के. सक्सेना द्वारा इसकी प्रभावशीलता पर सवाल उठाते हुए इसे रोक दिए जाने के एक साल बाद इसे फिर से शुरू किया गया है।
राष्ट्रीय हरित अधिकरण (एनजीटी) ने शुक्रवार को उन राज्यों के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने का निर्देश दिया, जहां वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) गिरकर खराब, बहुत खराब और गंभीर श्रेणियों में पहुंच गया है। अधिकरण एक मामले की सुनवाई कर रहा था जहां उसने 20 अक्टूबर से एक नवंबर तक विभिन्न शहरों में केंद्रीय प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के ऑनलाइन वायु गुणवत्ता बुलेटिन का संज्ञान लिया था।
अधिकरण ने कहा, ‘जिन शहरों का एक्यूआई गंभीर, बहुत खराब और खराब स्तर तक गिर गया है, उन राज्यों के मुख्य सचिवों को तत्काल सुधारात्मक कार्रवाई करने और सुनवाई की अगली तारीख (10 नवंबर) को या उससे पहले अधिकरण के समक्ष की गई कार्रवाई रिपोर्ट प्रस्तुत करने का निर्देश दिया जाता है।’
एनजीटी ने संबंधित मुख्य सचिवों के साथ-साथ, वायु गुणवत्ता प्रबंधन आयोग (सीएक्यूएम), सदस्य सचिव, सीपीसीबी, अपने प्रमुख सचिव के माध्यम से राष्ट्रीय टास्क फोर्स और केंद्रीय पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय (एमओईएफ एवं सीसी) को भी नोटिस जारी किया।
दिल्ली के पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने शुक्रवार को कहा कि कनॉट प्लेस में वायु प्रदूषण को कम करने के लिए दो वर्ष पूर्व लगाए गए ‘स्मॉग टॉवर’ को दिल्ली प्रदूषण नियंत्रण समिति (डीपीसीसी) के अध्यक्ष अश्विनी कुमार के आदेश पर मनमाने ढंग से बंद कर दिया गया है।
मंत्री ने कहा कि कुमार ने दिसंबर में डीपीसीसी अध्यक्ष की जिम्मेदारी संभाली थी और उन्होंने सरकार को सूचित किए बिना ही बंबई स्थित भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) और इस परियोजना पर काम कर रही अन्य एजेंसियों के लिए धन जारी करने पर रोक लगा दी थी। मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने 23 अगस्त, 2021 को कनॉट प्लेस में 24 मीटर से अधिक ऊंचे ‘स्मॉग टॉवर’ का उद्घाटन किया था।