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भीषण गर्मी से बचकर रहने की सलाह दे रहे जानकार

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बीएस संवाददाता
Last Updated- May 01, 2023 | 11:32 PM IST

हीटवेव यानी ग्रीष्म लहर असामान्य रूप से उच्च तापमान का दौर है जो भारत के उत्तर-पश्चिमी हिस्सों में गर्मियों के मौसम के दौरान होने वाले सामान्य अधिकतम तापमान से कहीं ज्यादा है। गर्मी का ताप आमतौर पर मार्च और जून के बीच महसूस किया जाता है और कुछ मामलों में जुलाई तक भी बढ़ी हुई गर्मी महसूस होती है।

अत्यधिक तापमान और इसके परिणामस्वरूप वायुमंडलीय स्थितियों से इन क्षेत्रों में रहने वाले लोगों पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ता है क्योंकि इससे शारीरिक तनाव भी होता है और कभी-कभी लोगों की मौत भी हो जाती है।

हर गुजरते साल इसमें तेजी क्यों आ रही है?

भारत में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव महसूस किए जा रहे हैं और हर गुजरते साल के साथ बढ़ती गर्मी इसका संकेत दे रही है कि मानव स्वास्थ्य पर इसका विनाशकारी प्रभाव पड़ रहा है जिसके चलते लू से मरने वालों की संख्या बढ़ जाती है।

यह भारत के लिए कितना हानिकारक है?

क्लाइमेट वल्नरबिलिटी इंडेक्स के साथ हीट इंडेक्स के विश्लेषणात्मक आकलन करने पर अंदाजा होता है कि देश का 90 फीसदी से अधिक हिस्सा जोखिम के स्तर पर पहुंच चुका है और इससे अनुकूल आजीविका क्षमता, खाद्यान्न की पैदावार, बीमारियों का प्रसार और शहरी स्थिरता पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ रहा है।

यूनिवर्सिटी ऑफ कैंब्रिज के रमित देवनाथ की पीएलओएस क्लाइमेट में प्रकाशित शोध पत्र में कहा गया है कि सार्वजनिक स्वास्थ्य, कृषि और अन्य सामाजिक-आर्थिक और सांस्कृतिक प्रणालियों पर अभूतपूर्व बोझ बढ़ने के कारण, भारत में जलवायु परिवर्तन के चलते बढ़ने वाली गर्मी सतत विकास लक्ष्यों को पूरा करने में देश की प्रगति में बाधा डाल सकती है।

गर्मी से बचने के उपाय

– अगर आपको लगता है कि किसी को लू लग गई है तो उस व्यक्ति को किसी छायेदार और ठंडी जगह पर ले जाएं
– अगर व्यक्ति अभी होश में है तो उसे पानी या कुछ और पीने के लिए दें
– अगर लक्षण खराब दिख रहे हैं या लंबे समय तक चलने वाले मालूम होते हैं या व्यक्ति बेहोश हो जाता है तब डॉक्टर से परामर्श करें
– शराब, कॉफी या कोई एयरेटेड पेय न दें
– लू लगने वाले व्यक्ति के चेहरे और शरीर पर ठंडा गीला कपड़ा लगाकर उसे ठंडा करें
– कपड़े ढीले पहनाएं ताकि शरीर में हवा लगे

First Published : May 1, 2023 | 11:32 PM IST