सोमवार को संसद से कुल 5 बिल पास किए गए। इनमें से दिल्ली सेवा बिल (Delhi services Bill) सबसे अधिक चर्चा में रहा। विपक्ष के भारी शोर-शराबे के बीच गुरुवार 3 अगस्त को लोकसभा में ध्वनि मत से बिल पारित होने के बाद गृहमंत्री अमित शाह (Amit Shah) ने कल यानी 7 अगस्त को दिल्ली सेवा बिल को राज्यसभा में पेश किया। राज्यसभा में विधेयक के पक्ष में 131 और विरोध में 102 वोट पड़े। इसके अलावा डिजिटल निजी डेटा संरक्षण विधेयक, 2023, अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक, 2023, फार्मेसी संशोधन विधेयक, 2023 और जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 भी संसद से पास किए गए हैं।
संसद ने सोमवार को ‘दिल्ली राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र शासन संशोधन विधेयक 2023’ विधेयक पारित कर दिया, जो दिल्ली सरकार में नौकरशाही पर केंद्र सरकार को नियंत्रण देता है। गृह मंत्री अमित शाह ने विधेयक का बचाव करते हुए कहा कि प्रस्तावित विधान का उद्देश्य राष्ट्रीय राजधानी में प्रभावी और भ्रष्टाचार मुक्त शासन प्रदान करना है।
इस बिल के पारित होने के बाद दिल्ली सरकार की शक्तियां काफी हद तक कम हो जाएंगी। दिल्ली में जो भी ग्रेड-ए अधिकारी तैनात होंगे, उन पर दिल्ली सरकार की जगह LG का कंट्रोल होगा। यह बिल केंद्र सरकार को अधिकारियों और कर्मचारियों के कार्यों, नियमों और सेवा की अन्य शर्तों सहित राष्ट्रीय राजधानी क्षेत्र दिल्ली सरकार के मामलों के संबंध में नियम बनाने का अधिकार देता है।
लोकसभा में डिजिटल व्यक्तिगत डेटा संरक्षण विधेयक, 2023 बिना किसी बड़े बदलाव के सोमवार को पारित हो गया जो डिजिटल गोपनीयता के लिए अलग से पहला कानून है। हालांकि डेटा स्थानीयकरण आदेश को हटाने और सरकारी नियंत्रण बढ़ाने को लेकर सांसदों ने चिंता जताई थी। इलेक्ट्रॉनिक्स एवं सूचना प्रौद्योगिकी मंत्री अश्विनी वैष्णव (Ashwini Vaishnaw) ने गुरुवार को इसे सदन में पेश किया था।
पारित होने पर यह विधेयक नागरिकों की डिजिटल प्राइवेसी को बनाए रखने वाला देश का पहला कानून होगा। विधेयक का उद्देश्य निजी संस्थानों और सरकार द्वारा नागरिकों के डेटा का उपयोग करने के लिए गाइडलाइन स्थापित करना भी है।
डेटा ब्रीच के लिए पेनाल्टी के दो से ज्यादा मामलों के बाद इस विधेयक से सरकार को डिजिटल प्लेटफॉर्म को ब्लॉक करने की शक्ति मिलने की संभावना है। प्रत्येक डिजिटल प्लेटफॉर्म को किसी भी डिजिटल व्यक्तिगत डेटा को कलेक्ट करने से पहले यूजर्स से सहमति लेने की आवश्यकता हो सकती है, साथ ही इसके लिए एक डिटेल नोटिस भी देना होगा।
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लोकसभा ने सोमवार को अनुसंधान राष्ट्रीय शोध प्रतिष्ठान विधेयक पारित कर दिया, जिसमें नैशनल रिसर्च फाउंडेशन (NRF) की स्थापना का प्रस्ताव है। नए निकाय का लक्ष्य विज्ञान से लेकर मानविकी तक “रणनीतिक” क्षेत्रों में रिसर्च, इनोवेशन और उद्यमशीलता को निर्देशित करना और निजी क्षेत्र को इसमें शामिल करना है, जो वर्तमान में अनुसंधान और विकास व्यय में केवल 36 फीसदी के आसपास योगदान देता है।
NRF 2008 में स्थापित विज्ञान और इंजीनियरिंग अनुसंधान बोर्ड (SERB) की जगह लेगा। इसकी अध्यक्षता भारत के प्रधानमंत्री के हाथों में होगी। विज्ञान और शिक्षा मंत्री ‘उपाध्यक्ष’ के रूप में काम करेंगे
लोकसभा ने सोमवार, 7 अगस्त को फार्मेसी (संशोधन) विधेयक, 2023 पारित किया, जिसे 03 अगस्त को पेश किया गया था। विधेयक फार्मेसी अधिनियम, 1948 में संशोधन करता है जो भारत में फार्मेसी के अभ्यास और पेशे को नियंत्रित करता है।
भारत में फार्मेसी का अभ्यास करने के लिए फार्मेसी अधिनियम, 1948 के तहत पंजीकरण अनिवार्य है। विधेयक नई धारा 32सी को शामिल करने पर विचार करता है, जो जम्मू और कश्मीर फार्मेसी अधिनियम, 2011 के तहत पंजीकृत या योग्य व्यक्तियों से संबंधित एक विशेष प्रावधान प्रदान करता है।
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राज्यसभा ने सोमवार को जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को पारित किया जो किसी शैक्षणिक संस्थान में प्रवेश, ड्राइविंग लाइसेंस जारी करने, मतदाता सूची तैयार करने, आधार संख्या, विवाह के पंजीकरण या सरकारी नौकरी में नियुक्ति के लिए सिंगल दस्तावेज के रूप में जन्म प्रमाण पत्र के उपयोग की अनुमति देता है।
केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय द्वारा संचालित जन्म और मृत्यु पंजीकरण (संशोधन) विधेयक, 2023 को राज्यसभा में ध्वनि मत से मंजूरी दे दी गई। लोकसभा ने इस विधेयक को एक अगस्त को पारित कर दिया था।