भारत

अचानक हो रही मौतों का क्या Covid-19 वैक्सीन कोई संबंध है? हेल्थ मिनिस्ट्री दी अहम जानकारी

यह डीटेल भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ओर से की गई स्टडी पर आधारित है।

Published by
बीएस वेब टीम   
Last Updated- July 02, 2025 | 11:57 AM IST

केंद्रीय स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्रालय (MoHFW) ने बुधवार को स्पष्ट किया कि वयस्कों में होने वाली अचानक मौतों और Covid-19 वैक्सीन के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। मंत्रालय ने कहा कि यह डीटेल निष्कर्ष भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद (ICMR) और अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान (AIIMS) की ओर से की गई स्टडी पर आधारित है।

स्वास्थ्य मंत्रालय के बयान में कहा गया, “देश में अचानक और अस्पष्ट कारणों से होने वाली मौतों की जांच कई एजेंसियों के जरिए की गई है। इन अध्ययनों से यह स्पष्ट रूप से यह पता चला है कि कोविड-19 वैक्सीन और देश में हुई अचानक मौतों के बीच कोई सीधा संबंध नहीं है। अचानक हृदयगति रुकने से होने वाली मौतें आनुवांशिकता, जीवनशैली, पहले से मौजूद बीमारियों और कोविड के बाद की जटिलताओं सहित कई कारणों से हो सकती हैं।”

अध्ययन में क्या पाया गया?

ICMR के नेशनल इंस्टिट्यूट ऑफ एपिडेमियोलॉजी (NIE) की ओर से मई से अगस्त 2023 के बीच 47 अस्पतालों में किए गए एक मल्टीसेंटर केस-कंट्रोल अध्ययन ‘Factors associated with unexplained sudden deaths among adults aged 18–45 years in India’ में पाया गया कि कोविड-19 वैक्सीन युवाओं में अचानक और अस्पष्ट मौतों का खतरा नहीं बढ़ाता।

वहीं, एम्स और ICMR की ओर से मिलकर किए जा रहे एक अन्य अध्ययन ‘Establishing the cause in sudden unexplained deaths in young’ की प्रारंभिक रिपोर्ट के मुताबिक, हार्ट अटैक या मायोकार्डियल इन्फार्क्शन (MI), आनुवांशिक कारक और अस्वस्थ जीवनशैली ऐसी मौतों की मुख्य वजह बने हुए हैं।

वैक्सीन सुरक्षित हैं: स्वास्थ्य मंत्रालय

मंत्रालय ने बताया कि ICMR और नेशनल सेंटर फॉर डिजीज कंट्रोल (NCDC) की ओर से किए गए अध्ययनों से यह पुष्टि हुई है कि भारत में कोविड-19 वैक्सीन सुरक्षित और प्रभावी हैं, और गंभीर दुष्प्रभाव के मामले बेहद दुर्लभ हैं। इन अध्ययनों ने यह दोहराया है कि वैक्सीन अचानक मौतों के लिए जिम्मेदार नहीं हैं।

युवाओं की अचानक मौत के मुख्य कारण क्या हैं?

  • स्वास्थ्य मंत्रालय के मुताबिक, इन मौतों के पीछे कई वजहें हो सकती हैं।
  • आनुवांशिक बदलाव और हृदय रोग का पारिवारिक इतिहास
  • धूम्रपान, शराब का अत्यधिक सेवन, नशा और अत्यधिक शारीरिक परिश्रम जैसी जीवनशैली संबंधी आदतें
  • कोविड के बाद उत्पन्न स्वास्थ्य समस्याएं जैसे रक्त के थक्के बनने की प्रवृत्ति और हृदय पर दबाव
  • एम्स के चल रहे अध्ययन में यह भी पाया गया है कि मौतों के कारणों का पैटर्न पिछले वर्षों के समान ही है, जिससे यह स्पष्ट होता है कि यह कोई नया रुझान नहीं है और टीकों से जुड़ा नहीं है।

सरकार ने चेताया- वैक्सीन संबंधी भ्रामक सूचनाओं से बचें

स्वास्थ्य मंत्रालय ने लोगों से अपील की है कि कोविड वैक्सीन को गलत तरीके से जिम्मेदार ठहराने से डर, भ्रम और वैक्सीन झिझक पैदा होती है, जिससे जीवन रक्षक टीकाकरण प्रभावित हो सकता है। मंत्रालय ने कहा, “वैज्ञानिक विशेषज्ञों ने दोहराया है कि कोविड टीकाकरण को अचानक मौतों से जोड़ने वाले बयान भ्रामक हैं और वैज्ञानिक तथ्यों पर आधारित नहीं हैं। बिना पुख्ता प्रमाण के लगाए गए अनुमानित दावे लोगों के टीकों पर विश्वास को कमजोर कर सकते हैं, जिससे जनस्वास्थ्य को गंभीर नुकसान पहुंच सकता है।”

मंत्रालय ने यह भी दोहराया कि कोविड महामारी के दौरान टीकों ने दुनियाभर में करोड़ों लोगों की जान बचाई है और वे अब भी गंभीर संक्रमण से बचाव का एक अहम जरिया बने हुए हैं।

(नोट: यह सामग्री केवल जानकारी के उद्देश्य से है और किसी पेशेवर चिकित्सकीय सलाह का विकल्प नहीं है।)

First Published : July 2, 2025 | 11:57 AM IST