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Karnataka Election Result: PayCM अभियान से पांच गारंटी तक, इस तरह कर्नाटक में कांग्रेस ने मारी बाजी

Published by
बीएस वेब टीम
Last Updated- May 13, 2023 | 5:59 PM IST
Karnataka Election Result: PayCM अभियान से लेकर कर्नाटक विधानसभा चुनाव में किए गए पांच वादों ने कांग्रेस को राज्य में न सिर्फ जीत बल्कि बड़ी बढ़त दिलाने में अहम भूमिका निभाई।

इलेक्शन कमीशन की वेबसाइट के अनुसार, शाम साढ़े पांच बजे तक कांग्रेस 121 सीटों पर जीत चुकी थी और 15 पर आगे चल रही थी। पार्टी के नेताओं ने कहा कि अभियान प्रभावी रूप से 2021 में 2020 के कथित बिटकॉइन घोटाले के साथ शुरू हुआ, जिसमें एक हैकर पर बहुत सारे पैसे निकालने का आरोप लगाया गया था।

इसके बाद वर्ष 2022 में पार्टी ने राज्य में भ्रष्टाचार के आरोपों को लेकर भारतीय जनता पार्टी के मुख्यमंत्री बसवराज बोम्मई को निशाना बनाते हुए PayCM अभियान शुरू किया। इस अभियान में उन्होंने आरोप लगाया कि राज्य में ठेकेदारों को कॉन्ट्रैक्ट के लिए 40 प्रतिशत का कमीशन देने के लिए कहा जा रहा था।

अभियान चुनाव से पहले किए गए पांच गारंटियों के साथ समाप्त हुआ। इन पांच गारंटी में गृह ज्योति योजना के जरिए 200 यूनिट मुफ्त बिजली, गृह लक्ष्मी योजना के जरिये घर की प्रत्येक महिला मुखिया को 2,000 रुपये प्रति माह, शक्ति योजना के माध्यम से राज्य की सभी महिलाओं को मुफ्त बस पास, बेरोजगार स्नातकों को दो साल के लिए 3,000 रुपये प्रति माह और बेरोजगार डिप्लोमा धारकों के लिए 1,500 रुपये प्रति माह तथा अन्न भाग्य योजना के जरिये बीपीएल परिवार में प्रत्येक व्यक्ति के लिए 10 किलो खाद्यान्न देने का वायदा किया गया है।

कर्नाटक में कांग्रेस की कम्युनिकेशन विंग के अध्यक्ष प्रियांक खड़गे ने बिजनेस स्टैंडर्ड को बताया कि पार्टी ने महसूस किया कि अगर उसे बहुमत हासिल करना है तो उसे बैकफुट पर नहीं पकड़ा जा सकता है।

चित्तपुर सीट से जीतने वाले खड़गे ने कहा, “हमने महसूस किया कि हमें जल्दी शुरुआत करनी थी और भाजपा को प्रतिक्रिया देने के बजाय एजेंडा तय करने में हमें नेतृत्व करना था, जैसा कि हमने अतीत में किया था।”

कांग्रेस ने उन मुद्दों की पहचान करने के लिए 2022 की शुरुआत में सर्वेक्षण किए। इन सर्वेक्षणों के आधार पर, यह महसूस किया गया कि लोगों की आजीविका से संबंधित मुद्दों को अपने अभियान का केंद्र बिंदु बनाना होगा।

साथ ही कांग्रेस ने मुद्रास्फीति, भ्रष्टाचार और सांप्रदायिक ध्रुवीकरण पर अपना फोकस रखा और इसने दो तरफा रणनीति शुरू की। पहले मुद्दों पर सरकार को घेरा और चुनाव के करीब उन्हें सुधारने के लिए समाधान प्रदान किया।

खड़गे ने कहा, “हमने महसूस किया कि हमें लोगों को अपने अभियान के लिए समय देना होगा और पहली की तरह नहीं करना होगा।”

इसके अलावा हाल के दिनों में पार्टी ने सांप्रदायिक ध्रुवीकरण के मुद्दे पर भाजपा को आक्रामक रूप से लेने का फैसला किया। अपने घोषणापत्र में, पार्टी ने संकेत दिया कि वह सांप्रदायिक नफरत फैलाने वाले संगठनों पर प्रतिबंध लगाने पर विचार करेगी और आरएसएस के जुड़े बजरंग दल और पॉपुलर फ्रंट ऑफ़ इंडिया पर प्रतिबंध लगाएगी।

First Published : May 13, 2023 | 5:59 PM IST