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धर्मांतरण रोकथाम कानून से लेकर स्कूली पाठ्यपुस्तकों तक, कर्नाटक की सिद्धारमैया कैबिनेट ने की बड़ी घोषणाएं

कर्नाटक मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून (Anti-conversion Law) को निरस्त करने का फैसला किया है।

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बीएस वेब टीम   
Last Updated- June 15, 2023 | 5:03 PM IST

कर्नाटक कैबिनेट ने आज यानी गुरुवार को मंत्रिमंडल की बैठक में बड़े फैसले लिए हैं। सिद्धारमैया (Siddaramaiah) सरकार ने बीजेपी शासन काल में हुए बदलावों को निरस्त कर दिया है।

कर्नाटक मंत्रिमंडल की बैठक में पूर्ववर्ती भाजपा सरकार द्वारा लाए गए धर्मांतरण रोधी कानून (Anti-conversion Law) को निरस्त करने का फैसला किया है। इसके अलावा, राज्य सरकार ने वर्तमान शैक्षणिक वर्ष के लिए राज्य में कक्षा 6 से 10 तक की कन्नड़ और सामाजिक विज्ञान की पाठ्यपुस्तकों के संशोधन को मंजूरी दे दी तथा राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ (आरएसएस) के संस्थापक केशव बलिराम हेडगेवार और हिंदुत्व विचारक वी डी सावरकर सहित अन्य लोगों पर केंद्रित अध्यायों को हटाने का फैसला किया।

कैबिनेट की बैठक में यह भी फैसला किया गया कि सावित्रीबाई फुले, इंदिरा गांधी को लिखे गए नेहरू के पत्रों और बी आर आंबेडकर पर कविता को पाठ्यक्रम में शामिल किया जाएगा तथा भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की पिछली सरकार द्वारा किए गए परिवर्तनों को हटाया जाएगा।

कांग्रेस ने अपने चुनावी घोषणापत्र में वादा किया था कि वह स्कूली पाठ्यपुस्तकों में भाजपा सरकार द्वारा किए गए बदलावों को हटा देगी। कांग्रेस ने राष्ट्रीय शिक्षा नीति (एनईपी) को भी खत्म करने का वादा किया था। कानून एवं संसदीय मामलों के मंत्री एच के पाटिल ने कैबिनेट की बैठक के बाद कहा, “पाठ्यपुस्तकों में संशोधन के संबंध में, कैबिनेट ने विभाग द्वारा लाए गए प्रस्ताव पर चर्चा की और अपनी मंजूरी दे दी…।’’

प्राथमिक एवं माध्यमिक शिक्षा मंत्री मधु बंगारप्पा ने कहा कि कांग्रेस ने पाठ्य पुस्तकों में संशोधन करने का वादा किया था और मुख्यमंत्री सिद्धरमैया ने इस संबंध में लगातार मार्गदर्शन किया है।

(पीटीआई के इनपुट के साथ)

First Published : June 15, 2023 | 5:03 PM IST