दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने सोमवार को उच्चतम न्यायालय से कहा कि उन्होंने ‘यूट्यूबर’ ध्रुव राठी के ‘भाजपा आईटी प्रकोष्ठ’ से जुड़े कथित अपमानजनक वीडियो को ‘रीट्वीट’ कर गलती की।
न्यायमूर्ति संजीव खन्ना और न्यायमूर्ति दीपांकर दत्ता के पीठ ने दिल्ली उच्च न्यायालय के आदेश को चुनौती देने संबंधी केजरीवाल की याचिका पर नोटिस जारी किए बिना शिकायतकर्ता से पूछा कि क्या वह मुख्यमंत्री द्वारा माफी मांग लिए जाने के बाद इस मामले को बंद करना चाहते हैं।
उच्च न्यायालय ने आपराधिक मानहानि मामले में एक आरोपी के रूप में केजरीवाल को जारी किए गए समन को बरकरार रखा था। शीर्ष अदालत के पीठ ने विषय की सुनवाई कर रही अदालत से 11 मार्च तक केजरीवाल से जुड़े मानहानि मामले की सुनवाई नहीं करने को भी कहा।
केजरीवाल की ओर से न्यायालय में पेश हुए वरिष्ठ अधिवक्ता अभिषेक सिंघवी ने कहा, ‘मैं इतना कह सकता हूं कि मैंने रीट्वीट कर गलती की।’ वरिष्ठ अधिवक्ता ने कहा, ‘इसके बाद, शिकायत वापस ले ली गई।’
मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल दिल्ली आबकारी नीति संबंधी कथित घोटाले से जुड़ी धनशोधन मामले की जांच के सिलसिले में सोमवार को प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) के सामने पेश नहीं हुए। केजरीवाल ने कहा कि अगर अदालत इस संबंध में आदेश देगी तो वह ईडी के समक्ष पेश होंगे। यह सातवीं बार है, जब केजरीवाल प्रवर्तन निदेशालय के समन पर एजेंसी के सामने पेश नहीं हुए।