पश्चिम बंगाल के राज्यपाल सी वी आनंद बोस ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरे राज्य में खराब नहीं है और राज्य के कुछ हिस्सों में हिंसा के लिए वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार को पूरी तरह से जिम्मेदार नहीं ठहराया जा सकता, क्योंकि इसका कारण ‘अतीत की विरासत’ हो सकता है।
बोस और मुख्यमंत्री ममता बनर्जी के बीच कई मुद्दों पर मतभेद रहा है। बोस ने राजभवन में एक साक्षात्कार में कहा कि उनकी और बनर्जी की धारणाएं अलग-अलग हो सकती हैं, लेकिन वे एक ‘उचित शिष्टाचार’ बनाए रखते हैं। उन्होंने पश्चिम बंगाल में अपने मौजूदा कार्यकाल को ‘उनके लिए तथ्यान्वेषण और डेटा-एकत्रित करने का समय’ बताया।
बोस ने कहा कि कानून-व्यवस्था पूरे राज्य में खराब नहीं हुई है, लेकिन उन्होंने दावा किया कि गुंडों का काफी इलाकों पर नियंत्रण है। उन्होंने कहा, ‘मैंने संदेशखालि में देखा कि महिलाएं सम्मान के साथ शांति चाहती थीं, लेकिन उनका सम्मान खंडित हो गया था। यह चिंताजनक स्थिति थी, जो पश्चिम बंगाल के परिदृश्य को खराब कर रही है। यह (स्थिति) कुछ क्षेत्रों तक सीमित है लेकिन इनकी संख्या बढ़ रही है। यह समस्या है। इसलिए मैं यह नहीं कहूंगा कि कानून-व्यवस्था पूरे पश्चिम बंगाल में ध्वस्त हो गई है, लेकिन ऐसे काफी क्षेत्र हैं, जहां गुंडों का नियंत्रण है।’
बहरहाल, राज्यपाल ने राज्य के कुछ हिस्सों में हुई हिंसा के लिए वर्तमान तृणमूल कांग्रेस सरकार को पूरी तरह जिम्मेदार नहीं ठहराया और कहा कि यह ‘अतीत की विरासत’ थी। उन्होंने 19वीं सदी में इंग्लैंड के संसदीय क्षेत्र का जिक्र करते हुए कहा, ‘चुनाव के लिए कृत्रिम रूप से ‘रॉटन बरो’ बनाया गया था। अब, मुझे लगता है कि यहां भी ऐसा ही हो रहा है। कुछ स्थानों पर गुंडा राज है।’
सुधार अधिनियम 1832 से पहले 19वीं सदी के ब्रिटेन में ऐसे संसदीय क्षेत्र के लिए ‘रॉटन’ या ‘पॉकेट बरो’ का इस्तेमाल किया जाता था, जिसमें बहुत कम संख्या में मतदाता होते थे और इसका संरक्षक इसका उपयोग बिना किसी विरोध के ‘हाउस ऑफ कॉमन्स’ में सीट पाने के लिए कर सकता है।