Maha Kumbh Mela 2025: प्रतीकात्मक तस्वीर (PTI)
Mahakumbh Stampede Live Updates: प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान भगदड़ की बड़ी घटना सामने आई है। इस हादसे पर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दुख जताया है। उन्होंने कहा कि वह लगातार उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से संपर्क में हैं और राज्य सरकार स्थिति पर नजर बनाए हुए है।
PM मोदी ने सोशल मीडिया प्लेटफॉर्म X पर लिखा, “प्रयागराज महाकुंभ में हुआ हादसा अत्यंत दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने परिजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं। मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।” उन्होंने यह भी कहा कि स्थानीय प्रशासन पीड़ितों की हरसंभव मदद में जुटा हुआ है।
महाकुंभ में भगदड़ की खबर पर, विशेष कार्याधिकारी कुंभ मेला प्राधिकरण अकांक्षा राणा ने कहा, “संगम नोज पर बैरियर टूटने के बाद भगदड़ जैसी स्थिति पैदा हो गई। इस घटना में कुछ लोग घायल हुए हैं, जिनका इलाज चल रहा है। कोई भी गंभीर नहीं है…”
बता दें कि मौनी अमावस्या के मौके पर महाकुंभ में अमृत स्नान का आयोजन सबसे महत्वपूर्ण होता है। इस साल, करीब 10 करोड़ श्रद्धालु गंगा में डुबकी लगाने पहुंच सकते हैं। खास बात यह है कि 144 साल बाद इस बार ‘त्रिवेणी योग’ का दुर्लभ खगोलीय संयोग बन रहा है, जिससे इस दिन का आध्यात्मिक महत्व और बढ़ गया है।
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मुख्य घटनाएं
मौनी अमावस्या के खास मौके पर त्रिवेणी संगम में डुबकी लगाने पहुंचे संतों और महात्माओं पर फूलों की वर्षा की गई।
महाकुंभ में भगदड़ और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी के ट्वीट पर बिहार BJP अध्यक्ष दिलीप जायसवाल ने तीखी प्रतिक्रिया दी। उन्होंने कहा, "यह एक बहुत ही दुर्भाग्यपूर्ण घटना है... भारी भीड़ के कारण स्थिति बेकाबू हो गई... सरकार हर समय अलर्ट है और लोगों से अपील कर रही है कि तुरंत ना आएं, क्योंकि महाकुंभ लंबे समय तक चलेगा..."
राहुल गांधी पर निशाना साधते हुए जायसवाल ने कहा, "INDI Alliance के लोग ऐसे हादसों का इंतजार करते हैं, ताकि टिप्पणी कर सकें। इनका काम सिर्फ आरोप लगाना है, ना कि जान गंवाने वालों के लिए शोक जताना..."
उन्होंने आगे कहा, "अगर एक ही राज्य सरकार 15 करोड़ श्रद्धालुओं की व्यवस्था देख रही है, तो राहुल गांधी और उनकी पार्टी को भी सेवा के लिए आगे आना चाहिए..."
अखिल भारतीय अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने कहा, "हम अमृत स्नान के लिए जा रहे हैं और हजारों साधु-संत और नागा साधु मेरे साथ आ रहे हैं... हम घाटों को जल्दी खाली कर देंगे ताकि यहां आए सभी श्रद्धालु आराम से पवित्र स्नान कर सकें..."
प्रयागराज में महाकुंभ मेले के दौरान मंगलवार देर रात हुई भगदड़ की एक बड़ी वजह 144 साल बाद बना दुर्लभ संयोग बताया जा रहा है। सरकार और साधु-संतों ने भी इस शुभ मुहूर्त का ज़िक्र किया था, जिस वजह से लाखों लोग संगम स्नान के लिए घाट पर जमा हो गए। कई श्रद्धालु रातभर घाट पर बैठे और लेटे रहे, लेकिन जब अचानक अखाड़ों के अमृत स्नान के लिए बनाई गई बैरिकेडिंग टूटी, तो बेकाबू भीड़ ने वहां मौजूद लोगों को कुचल दिया।
मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के बाद पंचायती निरंजनी अखाड़े के दिगंबर नागा बाबा चिदानंद पुरी ने कहा, "आज एक अचानक हुई घटना की वजह से हमारी अखाड़ों की शोभायात्रा नहीं निकल पाई। अब हम कम संख्या में पवित्र स्नान के लिए आ रहे हैं।"
प्रयागराज के त्रिवेणी संगम में मौनी अमावस्या के मौके पर होने वाले दूसरे अमृत स्नान के लिए संतों का आगमन शुरू हो गया है। बड़ी संख्या में श्रद्धालु भी संगम तट पर जुट रहे हैं। इस पावन अवसर पर गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में स्नान का विशेष महत्व माना जाता है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने प्रयागराज महाकुंभ में हुए हादसे को लेकर गहरा दुख जताया है। उन्होंने कहा, "प्रयागराज महाकुंभ में जो हादसा हुआ, वह बेहद दुखद है। जिन श्रद्धालुओं ने अपने प्रियजनों को खोया है, उनके प्रति मेरी गहरी संवेदनाएं हैं। साथ ही, मैं सभी घायलों के जल्द स्वस्थ होने की कामना करता हूं।"
पीएम मोदी ने बताया कि स्थानीय प्रशासन राहत और बचाव कार्य में जुटा हुआ है। उन्होंने इस घटना को लेकर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से भी बात की और कहा कि वह लगातार राज्य सरकार के संपर्क में हैं।
माघ मेले में मौनी अमावस्या पर अमृत स्नान के लिए अखाड़ों और संतों के मार्ग को साफ करने के लिए पुलिस ने भारी सुरक्षा व्यवस्था की है। त्रिवेणी संगम क्षेत्र में कड़ी निगरानी रखी जा रही है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने महाकुंभ में श्रद्धालुओं की भारी भीड़ को लेकर बयान दिया है। उन्होंने बताया कि आज प्रयागराज में करीब 8-10 करोड़ श्रद्धालु मौजूद हैं, जबकि कल 5.5 करोड़ से ज्यादा श्रद्धालुओं ने संगम में स्नान किया था।
योगी आदित्यनाथ ने कहा कि संगम नोज पर श्रद्धालुओं का भारी दबाव बना हुआ है, जिससे प्रशासन लगातार भीड़ को नियंत्रित करने में लगा हुआ है। उन्होंने बताया कि रात 1-2 बजे के बीच अखाड़ा मार्ग पर कुछ श्रद्धालु बैरिकेड्स फांदकर आने की कोशिश में गंभीर रूप से घायल हो गए, जिन्हें तुरंत अस्पताल भेजा गया।
मौनी अमावस्या पर महाकुंभ क्षेत्र में भारी भीड़ को देखते हुए सुरक्षा व्यवस्था कड़ी कर दी गई है। बम डिटेक्शन और डिस्पोजल स्क्वॉड (BDDS) की टीम सुरक्षा जांच में जुटी हुई है। टीम के साथ एक स्निफर डॉग भी तैनात है, जो इलाके की नियमित जांच कर रहा है ताकि किसी भी संभावित खतरे को रोका जा सके।
लोकसभा में नेता प्रतिपक्ष और कांग्रेस सांसद राहुल गांधी ने एक्स पर प्रयागराज महाकुंभ में भगदड़ की घटना पर दुख जताया है। उन्होंने कहा कि इस हादसे में कई लोगों की मौत और कई श्रद्धालु घायल हुए हैं, जो बेहद दुखद है।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान श्रद्धालुओं की भारी भीड़ उमड़ रही है। मौनी अमावस्या के अवसर पर त्रिवेणी संगम में पवित्र स्नान का सिलसिला जारी है। उत्तर प्रदेश सरकार के अनुसार, सोमवार सुबह 6 बजे तक 1.75 करोड़ श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में आस्था की डुबकी लगा चुके थे।
अब तक 28 जनवरी तक कुल 19.94 करोड़ श्रद्धालु त्रिवेणी संगम में स्नान कर चुके हैं। महाकुंभ में भक्तों की भीड़ लगातार बढ़ रही है, और प्रशासन सुरक्षा व सुविधाओं को ध्यान में रखते हुए व्यवस्था बनाए रखने में जुटा हुआ है।
मौनी अमावस्या के अवसर पर सांसद हेमा मालिनी, जूना अखाड़े के आचार्य महामंडलेश्वर स्वामी अवधेशानंद गिरि महाराज और योग गुरु बाबा रामदेव ने अन्य संतों के साथ त्रिवेणी संगम में पावन स्नान किया।
सपा प्रमुख अखिलेश यादव ने ट्वीट करते हुए लिखा: "महाकुंभ में अव्यवस्थाजन्य हादसे में श्रद्धालुओं के हताहत होने का समाचार बेहद दुखद है। श्रद्धांजलि! हमारी सरकार से अपील है कि:
- गंभीर रूप से घायलों को एअर एंबुलेंस की मदद से निकटतम सर्वश्रेष्ठ हॉस्पिटलों तक पहुंचाकर तुरंत चिकित्सा व्यवस्था की जाए।
- मृतकों के शवों को चिन्हित करके उनके परिजनों को सौंपने और उन्हें उनके निवास स्थान तक भेजने का प्रबंध किया जाए।
- जो लोग बिछड़ गये हैं, उन्हें मिलाने के लिए त्वरित प्रयास किये जाएं।
- हैलीकाप्टर का सदुपयोग करते हुए निगरानी बढ़ाई जाए।
- सतयुग से चली आ रही ‘शाही स्नान’ की अखण्ड-अमृत परंपरा को निरंतर रखते हुए, राहत कार्यों के समानांतर सुरक्षित प्रबंधन के बीच ‘मौनी अमावस्या के शाही स्नान’ को संपन्न कराने की व्यवस्था की जाए।
श्रद्धालुओं से भी हमारी अपील है कि वो इस कठिन समय में संयम और धैर्य से काम लें और शांतिपूर्वक अपनी तीर्थयात्रा संपन्न करें। सरकार आज की घटना से सबक लेते हुए श्रद्धालुओं के रुकने, ठहरने, भोजन-पानी व अन्य सुविधाओं के लिए अतिरिक्त प्रबंध करे। हादसे में आहत हुए सभी लोगों के शीघ्र स्वास्थ्य लाभ की कामना।"
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी महाकुंभ की स्थिति पर लगातार नजर बनाए हुए हैं और राज्य सरकार के संपर्क में हैं। उन्होंने अब तक मुख्यमंत्री से तीन बार बातचीत की है और हालात सामान्य करने व राहत कार्यों के लिए निर्देश दे रहे हैं।
प्रयागराज के त्रिवेणी घाट पर मौनी अमावस्या के पावन अवसर पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
ड्रोन विजुअल्स में घाटों पर आस्था का भव्य नज़ारा देखने को मिला, जहां श्रद्धालु गंगा, यमुना और अदृश्य सरस्वती के संगम में अमृत स्नान कर रहे हैं। हर तरफ श्रद्धा और भक्ति का माहौल नजर आ रहा है।
उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने श्रद्धालुओं से अपील की है कि वे अपने नजदीकी घाट पर स्नान करें और संगम नोज की ओर जाने की कोशिश न करें। उन्होंने प्रशासन के निर्देशों का पालन करने और सहयोग करने की भी अपील की है। मुख्यमंत्री ने यह भी कहा है कि किसी भी तरह की अफवाहों पर ध्यान न दें।
प्रयागराज में महाकुंभ के दौरान मौनी अमावस्या पर श्रद्धालु बड़ी संख्या में त्रिवेणी संगम में आस्था की डुबकी लगा रहे हैं। एक श्रद्धालु ने कहा, "मैं 5 जनवरी से यहां हूं। पुलिस और प्रशासन हर चीज़ का ध्यान रख रहे हैं।"
महाकुंभ 2025 में हुई भगदड़ के बाद निरंजनी अखाड़ा के प्रमुख कैलाशानंद गिरी महाराज ने कहा कि भारी भीड़ को देखते हुए अखाड़ा परिषद और सभी आचार्यों ने फैसला किया है कि वे आज स्नान नहीं करेंगे। उन्होंने कहा, "हम आम जनता की परेशानियों को ध्यान में रखते हुए यह निर्णय ले रहे हैं। भारतीय परंपराओं में संत हमेशा जनकल्याण की प्रार्थना और कार्य करते हैं। इसी भावना को ध्यान में रखते हुए सभी अखाड़ों ने मिलकर यह तय किया है कि आज स्नान से विरत रहेंगे।"
उन्होंने यह भी कहा कि "हम वसंत पंचमी के दिन पूरे हर्षोल्लास के साथ पवित्र स्नान करेंगे।"
मौनी अमावस्या के अवसर पर 'अमृत स्नान' के लिए त्रिवेणी संगम के घाटों पर बड़ी संख्या में श्रद्धालु पहुंचे।
भगदड़ की खबर के बाद महाकुंभ सेक्टर 2 में कुंभ क्षेत्र में स्थापित अस्पताल के बाहर लोगों की भीड़ एकत्रित हुई।
जगद्गुरु स्वामी रामभद्राचार्य जी ने सभी भक्तों से अपील की है कि आज प्रयागराज में भारी भीड़ के कारण वे सिर्फ संगम घाट पर ही स्नान करने की ज़िद न करें। उन्होंने कहा कि फिलहाल अपने शिविरों में ही रहें और अपनी सुरक्षा का ध्यान रखें।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने महाकुंभ मेला हादसे पर उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ से बात की। प्रधानमंत्री ने घटना पर चिंता जताई और सीएम योगी से तुरंत कार्रवाई करने का निर्देश दिया। महाकुंभ मेला की सुरक्षा और व्यवस्था पर भी चर्चा की गई।
महाकुंभ में भगदड़ जैसी स्थिति उत्पन्न होने के बाद बचाव अभियान जारी है। घटना में कई लोगों के घायल होने की खबर है।
महाकुंभ में मौनी अमावस्या के दौरान होने वाले 'अमृत स्नान' को अखाड़ों ने रद्द कर दिया है। अखाड़ा परिषद के अध्यक्ष महंत रविंद्र पुरी ने बताया कि कुंभ मेले में भारी भीड़ के कारण भगदड़ जैसी स्थिति बन गई थी, जिसके चलते यह फैसला लिया गया। उन्होंने कहा कि सुरक्षा को देखते हुए अखाड़ों ने यह निर्णय लिया है।
मौनी अमावस्या इस साल 29 जनवरी 2025 को है। यह हिंदू धर्म में एक बेहद महत्वपूर्ण तिथि मानी जाती है। 'मौनी' शब्द का अर्थ है 'मौन' यानी चुप रहना। इस दिन को आत्मचिंतन और मौन रहने के लिए खास माना गया है। मान्यता है कि इस दिन पवित्र नदियों में स्नान और दान करने से पापों का प्रायश्चित होता है।
पितरों का तर्पण और कुंडली दोषों से मुक्ति
मौनी अमावस्या पर पितरों का तर्पण करने से उनकी आत्मा को शांति मिलती है। साथ ही तर्पण करने वालों को पितरों का आशीर्वाद प्राप्त होता है। मान्यता है कि इस दिन नदी के घाट पर जाकर पितरों का तर्पण और दान करने से कुंडली के दोषों से मुक्ति मिलती है।
मौन व्रत का महत्व
मौनी अमावस्या पर मौन व्रत रखने का विशेष महत्व है। मौन व्रत का अर्थ है खुद के अंतर्मन में झांकना, ध्यान करना और भगवान की भक्ति में लीन होना। ऐसा माना जाता है कि मौन व्रत रखने से वाक् सिद्धि (बोलने में प्रभावशाली शक्ति) की प्राप्ति होती है।
दान और पुण्य का दिन
इस दिन गंगा, यमुना या अन्य पवित्र नदियों में स्नान करना, दान करना और भगवान का ध्यान करना बेहद शुभ माना जाता है। यह दिन पापों से मुक्ति पाने और सकारात्मक ऊर्जा प्राप्त करने का अवसर प्रदान करता है।
संगम पर आयोजित मेले में बैरिकेड टूटने से भीड़ बेकाबू हो गई, जिससे अफरातफरी का माहौल बन गया। मेले की विशेष ड्यूटी अधिकारी आकांक्षा राणा ने बताया कि घटना में घायल लोगों को तुरंत अस्पताल पहुंचाया गया है। हालांकि, घायलों की सही संख्या का अभी तक पता नहीं चल सका है।
चश्मदीदों के अनुसार, बैरिकेड टूटने से कई श्रद्धालु फंस गए और घायल हो गए। घटना के बाद घबराए रिश्तेदार अपने परिजनों की तलाश में अस्पतालों में पहुंचने लगे।