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दावोस में निवेशकों की पहली पसंद साबित होगा महाराष्ट्र

Published by
सुशील मिश्र
Last Updated- January 13, 2023 | 8:10 PM IST

वैश्विक निवेशकों को महाराष्ट्र की तरफ आकर्षित करने के मकसद से मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे एक प्रतिनिधिमंडल के साथ 15 जनवरी को स्विट्जरलैंड के दावोस जा रहे हैं। दावोस में शिंदे विश्व आर्थिक परिषद (World Economic Forum) सम्मेलन में निवेशकों के सामने महाराष्ट्र सरकार की निवेश नीतियों को बताने वाले हैं। इस सम्मेलन में करीब 20 उद्योगों के साथ लगभग 1 लाख 40 हजार करोड़ के करार होने वाले है। दावोस में इतने बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र के MoU पहली बार हो रहे हैं।

कुछ दिन पहले उत्तर प्रदेश के मुख्यमंत्री मुंबई आए तो निवेश को लेकर खूब चर्चा हुई। महाराष्ट्र के मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे विदेशी निवेशकों को आकर्षित करने जा रहे है। दावोस से सबसे ज्यादा निवेश लाकर शिंदे सरकार यह बताने की कोशिश करने में लगी है कि महाराष्ट्र निवेशकों की आज भी पहली पसंद है। मुख्यमंत्री कार्यालय से प्राप्त जानकारी के मुताबिक दावोस सम्मेलन में करीब 20 उद्योगों के साथ करीब 1 लाख 40 हजार करोड़ के करार होने वाले है। दावोस में इतने बड़े पैमाने पर महाराष्ट्र के एमओयू पहली बार हो रहे हैं । प्रतिनिधिमंडल में मुख्यमंत्री के साथ उद्योग मंत्री उदय सामंत और वरिष्ठ अधिकारी भी होंगे। यह सम्मेलन 20 जनवरी तक चलेगा।

मुख्यमंत्री 15 तारीख रविवार को मुंबई से दावोस के लिए रवाना होंगे। मुख्यमंत्री 16 जनवरी सोमवार को दोपहर 1 बजे महाराष्ट्र पवेलियन का उद्घाटन करेंगे। उसके बाद कुछ अहम उद्योगों के साथ MoU साइन किए जाएंगे। करारों और निवेश प्रस्तावों के साथ मुख्यमंत्री वहां से 18 जनवरी को मुंबई के लिए रवाना हो जाएंगे। इस दौरे पर मुख्यमंत्री एकनाथ शिंदे के साथ उप मुख्यमंत्री देवेंद्र फडणवीस भी जाने वाले थे। लेकिन 19 जनवरी को प्रधानमंत्री मोदी का मुंबई दौरा होने की वजह से उनका दौरा रद्द हो गया। महाराष्ट्र में नई सरकार के सत्ता में आने के बाद इंफ्रास्ट्रक्चर सहित विभिन्न क्षेत्रों में बड़ी तेजी के साथ काम हो रहे है।

वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम के सेंटर फॉर न्यू इकोनॉमी ऐंड सोसाइटी ऐंड अर्बन ट्रांसफॉर्मेशन के प्रमुख भी मुख्यमंत्री से मुलाकात करेंगे। मंगलवार 17 जनवरी को मुख्यमंत्री ने लक्जमबर्ग के प्रधानमंत्री, जॉर्डन के प्रधानमंत्री, सिंगापुर के सूचना और दूरसंचार मंत्री, बैंक ऑफ जापान, सऊदी अरब के उद्योग और खान मंत्री, स्विस भारत, चैंबर ऑफ कॉमर्स के साथ बैठकें करेंगे। बाद में महाराष्ट्र पवेलियन में विभिन्न क्षेत्रों के नामी उद्योगों के साथ भी MoU साइन किए जाएंगे।

कोरोना के चलते वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम की पिछली दो बैठकें ऑनलाइन हुई थीं। वर्ष 2022 की बैठक जनवरी की बजाय मई में हुई। कोरोना महामारी के बाद होने वाली बैठक में उद्योग विभाग ने महाराष्ट्र की अच्छी छाप छोड़ने की पूरी तैयारी की है।

दावोस में दुनियाभर के निवेशकों का ध्यान आकर्षित करने के लिए महाराष्ट्र की प्रगति को प्रभावी रूप में प्रदर्शित किया जाएगा । उसमें विशेष रूप से पिछले तीन से चार महीनों में, मेट्रो, कोस्टल रोड, एमटीएचएल, हिंदूहृदयसम्राट बालासाहेब ठाकरे महाराष्ट्र समृद्धि राजमार्ग, मुंबई पुणे मिसिंग लिंक के लिए सबसे बड़े टनल के साथ-साथ सार्वजनिक परिवहन में इलेक्ट्रिक वाहनों का उपयोग, पर्यावरण संरक्षण के लिए उठाए गए कदम आदि को दिखाया जाएगा।

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वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम एक निजी संगठन है। इसकी स्थापना वर्ष 1971 में हुई थी। इस संस्था का मुख्यालय स्विट्जरलैंड की राजधानी जेनेवा में है। इस संगठन को एक अंतरराष्ट्रीय संगठन के रूप में मान्यता प्राप्त है। इस संगठन का मिशन वैश्विक क्षेत्रीय और औद्योगिक विकास को बढ़ावा देने के लिए वैश्विक व्यापार, राजनीति, शिक्षा और अन्य क्षेत्रों के व्यक्तियों को एक साथ लाना है। वर्ल्ड इकोनॉमिक फोरम द्वारा आमंत्रित लोग इसमें भाग ले सकते हैं। इस सम्मेलन में लगभग 2,500 लोग भाग लेते हैं। इसमें दुनिया भर के प्रमुख उद्योगपति, व्यवसायी और अर्थशास्त्री शामिल होते हैं।

First Published : January 13, 2023 | 8:10 PM IST