महाराष्ट्र

Economic Survey of Maharashtra : महाराष्ट्र की अर्थव्यवस्था 2022-23 में 6.8 फीसदी की दर से बढ़ने का अनुमान

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सुशील मिश्र
Last Updated- March 08, 2023 | 7:03 PM IST

महाराष्ट्र विधानसभा में बुधवार को राज्य के वित्तमंत्री देवेंद्र फडणवीस ने साल 2022-23 का महाराष्ट्र आर्थिक सर्वेक्षण पेश किया। इसमें अनुमान लगाया गया है कि साल 2022-23 के दौरान राज्य की अर्थव्यवस्था के 6.8 फीसदी और भारतीय अर्थव्यवस्था के सात फीसदी की रफ्तार से बढ़ने की उम्मीद है। पिछले वित्त वर्ष में राज्य की विकास दर 9.1 फीसदी दर्ज की गई थी। वित्त वर्ष 2022-23 में राजकोषीय घाटा 2.5 फीसदी रहने की उम्मीद जताई गई है।

राज्य के वित्त मंत्री देवेंद्र फडणवीस ने बजट पेश करने से एक दिन पहले विधानसभा में आर्थिक समीक्षा पेश की। समीक्षा में कहा गया कि चालू कीमतों पर राष्ट्रीय जीडीपी में महाराष्ट्र की औसत हिस्सेदारी सबसे अधिक 14 फीसदी है। राज्य सरकार की ओर से पेश आर्थिक सर्वेक्षण में कृषि क्षेत्र और सेवा क्षेत्र की विकास दर में गिरावट का अनुमान लगाया गया है जबकि औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर में सुधार हुआ है।

सर्वे में बताया गया है कि जहां 2021-22 में कृषि और संबद्ध सेवा क्षेत्र की विकास दर 11.4 फीसदी दर्ज की गई थी, वह 2022-23 में 10.2 फीसदी रहने का अनुमान हैं। जबकि औद्योगिक क्षेत्र की विकास दर में खासा उछाल होने का अनुमान है। पिछले वर्ष यह जहां 3.8 फीसदी थी, उसकी तुलना में 2022-23 में यह 6.1 फीसदी रहने का अनुमान लगाया गया है। सेवा क्षेत्र की विकास दर पिछले वर्ष के 10.6 फीसदी थी, जो इस बार घटकर 6.4 फीसदी रहने का अनुमान है।

पिछले वित्त वर्ष की तुलना में राज्य के सकल राज्य घरेलू उत्पाद (जीएसडीपी) में इजाफे का अनुमान है। 2021-22 में यह 31,08,022 रुपये थी। वहीं, 2022-23 में इसके 35,27,084 रुपये रहने का अनुमान है। महाराष्ट्र में प्रति व्यक्ति आय बढ़ने का अनुमान व्यक्त किया गया है। राज्य में 2021-22 में प्रति व्यक्ति आय 2,15,233 रुपये थी, जिसके 2022-23 में 2,42,247 रुपये रहने का अनुमान है। पिछले वर्ष ( 2021-22) में राज्य की प्रति व्यक्ति आय कर्नाटक, हरियाणा, तेलंगाना और तमिलनाडु की तुलना में कम थी।

विपक्ष ने इस बार बजट में किसानों और गरीबों के लिए उचित व्यवस्था करने की मांग की। विपक्षी नेताओं ने किसानों के लिए राहत की मांग की। एनसीपी नेता छगन भुजबल ने कहा कि सभी तरह के नेफेड को सीधे बाजारों में जाकर प्याज की नीलामी करनी चाहिए। इससे कीमत कम से कम 100-200 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ जाएगी। अगर सरकार ने उनकी उचित मदद नहीं की, तो किसान सड़क पर आ सकते हैं और इससे कानून व्यवस्था की स्थिति पैदा होगी।

उन्होंने आगे कहा, ‘महाराष्ट्र सरकार को प्याज किसानों को आर्थिक मदद देनी चाहिए। गुजरात सरकार भी उन्हें सहायता दे रही है। अगर यह दावा किया जा रहा है कि महाराष्ट्र की आर्थिक स्थिति बहुत अच्छी है, तो किसानों को वित्तीय सहायता क्यों नहीं दी जा रही है।

एनसीपी नेता अजीत पवार ने कहा कि बीते तीन दिनों में बेमौसम बारिश के कारण महाराष्ट्र के किसानों को बहुत नुकसान हुआ है। राज्य सरकार को किसानों का समर्थन करने और मुआवजा देने का ऐलान जरूर करना चाहिए। किसानों को मुआवजे के मुद्दे पर हमने विधानसभा में स्थगन नोटिस दिया है।

First Published : March 8, 2023 | 4:27 PM IST