कोलकाता स्थित आरजी कर अस्पताल मामले को लेकर जारी गतिरोध को हल करने के लिए आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों के साथ पश्चिम बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की बैठक नहीं हो सकी। डॉक्टर बैठक के सीधे प्रसारण की शर्त पर अड़े हुए थे, लेकिन सरकार ने उनकी यह मांग मानने से इनकार कर दिया।
मामले का हल नहीं निकलने पर मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने अपने इस्तीफे की पेशकश कर दी। उन्होंने कहा कि वह आरजी कर अस्पताल की उस डॉक्टर के लिए न्याय चाहती हैं, जिसकी हत्या कर दी गई। बंगाल के लोगों की खातिर वह इस्तीफा देने के लिए तैयार हैं।
बनर्जी ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मैं बंगाल के लोगों से माफी मांगती हूं, जिन्हें उम्मीद थी कि आज आरजी कर गतिरोध खत्म हो जाएगा। वे (जूनियर डॉक्टर) नबान्न आए, लेकिन बैठक में शामिल नहीं हुए। मैं उनसे काम पर वापस जाने का अनुरोध करती हूं।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘मैं लोगों की खातिर इस्तीफा देने के लिए तैयार हूं, क्योंकि पिछले तीन दिनों में मेरे सर्वोत्तम इरादों और प्रयासों के बावजूद, चिकित्सकों ने बातचीत करने से इनकार कर दिया।’ उन्होंने कहा कि हमारे पास जूनियर डॉक्टरों के साथ बैठक की वीडियो रिकॉर्डिंग की व्यवस्था थी, हम उच्चतम न्यायालय की अनुमति से इसे उनके साथ साझा कर सकते थे।
दूसरी ओर, आंदोलनकारी कनिष्ठ चिकित्सकों ने भी घटनाक्रम पर निराशा जाहिर की और मुख्यमंत्री के साथ बैठक का सीधा प्रसारण करने की अनुमति नहीं देने के लिए राज्य प्रशासन को दोषी ठहराया। चिकित्सकों ने गतिरोध के लिए उन्हें दोषी ठहराने वाली मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की टिप्पणी को दुर्भाग्यपूर्ण बताते हुए कहा कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं हो जातीं, उनका ‘काम बंद करो’ आंदोलन जारी रहेगा।
चिकित्सकों ने कहा, ‘मुख्यमंत्री की टिप्पणी दुर्भाग्यपूर्ण है। हम चाहते थे कि बातचीत हो।’ एक आंदोलनकारी चिकित्सक ने संवाददाताओं से कहा, हालांकि राज्य प्रशासन बैठक का सीधा प्रसारण करने की अनुमति नहीं देने पर अड़ा हुआ है। हमारी मांगें जायज हैं। हम बैठक की पारदर्शिता के लिए सीधा प्रसारण चाहते थे।
आंदोलनकारी चिकित्सकों ने आरजी कर मेडिकल कॉलेज एवं अस्पताल में महिला चिकित्सक से दुष्कर्म और हत्या के मामले को लेकर जारी गतिरोध को हल करने के लिए पश्चिम बंगाल सरकार के साथ बैठक का सीधा प्रसारण करने की उनकी मांग के पूरा होने तक बातचीत से इनकार कर दिया। प्रदर्शनकारियों की मांग के अनुसार मुख्यमंत्री ममता बनर्जी की मौजूदगी में शाम पांच बजे बातचीत होनी थी।
मुख्यमंत्री ने आंदोलनकारी चिकित्सकों से मिलने के लिए एक घंटे से अधिक समय तक इंतजार किया हालांकि, बैठक तय समय पर नहीं हुई। आंदोलनकारी चिकित्सक ने कहा, ‘हमने कभी भी उनका इस्तीफा नहीं मांगा और न ही इसके लिए दबाव बनाने के लिए यहां आए हैं। हम आरजी कर अस्पताल में जान गंवाने वाली चिकित्सक के लिए न्याय की खातिर अपनी मांगों के साथ यहां आए हैं। हम इस मुद्दे को सुलझाना चाहते थे। हम इस बात से बेहद दुखी हैं कि बातचीत नहीं हुई लेकिन हम अभी तक प्रशासन की प्रतिक्रिया का इंतजार करेंगे।’
एक डॉक्टर अर्णब मुखोपाध्याय ने कहा, ‘हम मुख्यमंत्री के साथ बैठक के लिए कहीं भी और किसी भी समय तैयार हैं। जब तक मामले का हल नहीं हो जाता, हमारा आंदोलन जारी रहेगा।’
प्रदर्शनकारी डॉक्टर बैठक के निर्धारित समय से 25 मिनट देर से शाम को लगभग 5.25 बजे राज्य सचिवालय पहुंचे थे। वे बैठक स्थल के दरवाजे पर लगभग दो घंटे तक रुके रहे। राज्य सरकार द्वारा अनिवार्य 15 लोगों के बजाय 30 चिकित्सक नबान्न पहुंचे थे।
प्रतिनिधिमंडल के सभी सदस्य सचिवालय में बैठक स्थल ‘नाबन्न सभागार’ के बाहर प्रवेश की औपचारिकताएं पूरी करते हुए दिखाई दिए, लेकिन बैठक के लिए अपनी शर्त पर अड़े रहे, वहीं प्रशासन ने उनकी बैठक के सीधे प्रसारण की मांग को मानने से साफ इनकार कर दिया।