केंद्रीय मंत्रिमंडल ने असम में यूरिया संयंत्र की स्थापना को बुधवार को मंजूरी दे दी। इसकी अनुमानित लागत 10,601.4 करोड़ रुपये है। यह मंजूरी इस प्रमुख फसल पोषक तत्व के आयात को कम करने और भारत को इसके मामले में आत्मनिर्भर बनाने के प्रयास के तहत दी गई है।
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में हुई केंद्रीय मंत्रिमंडल की बैठक में ब्रह्मपुत्र वैली फर्टिलाइजर कॉरपोरेशन लिमिटेड (बीवीएफसीएल), नामरूप असम के मौजूदा परिसर में 12.7 लाख टन सालाना यूरिया उत्पादन क्षमता वाले एक नए अमोनिया-यूरिया परिसर की स्थापना के प्रस्ताव को मंजूरी दी गई। यह संयंत्र एक संयुक्त उद्यम (जेवी) के जरिये 70:30 के ऋण-इक्विटी अनुपात के साथ 10,601.40 करोड़ रुपये की अनुमानित कुल परियोजना लागत से स्थापित किया जाएगा।
नामरूप-चार परियोजना के चालू होने की संभावित समयसीमा 48 महीने है। मंत्रिमंडल ने राष्ट्रीय उर्वरक लिमिटेड (एनएफएल) की 18 प्रतिशत की इक्विटी भागीदारी को लोक उद्यम विभाग (डीपीई) के दिशानिर्देशों में निर्धारित सीमाओं में छूट देने और नामरूप-चार उर्वरक संयंत्र की स्थापना की प्रक्रिया की देखरेख के लिए एक अंतर-मंत्रालयी समिति के गठन को भी मंजूरी दी। इस परियोजना से देश में विशेष रूप से पूर्वोत्तर क्षेत्र में घरेलू यूरिया उत्पादन क्षमता बढ़ेगी।
भीम को 1,500 करोड़ रुपये
मंत्रिमंडल ने वित्त वर्ष 2024-24 में कम मूल्य के भीम-यूपीआई पियर टु पियर मर्चेंट (पी2एम) लेनदेन को बढ़ावा देने के लिए1,500 करोड़ रुपये मंजूर किए हैं। यह योजना वित्त वर्ष 2025 में 20,000 करोड़ रुपये के कुल लेन देन का लक्ष्य हासिल करने हेतु भीम-यूपीआई प्लेटफॉर्म को बढ़ावा देने के लिए शुरू की जा रही है। यह पहला मौका है, जब केंद्र सरकार ने भीम-यूपीआई के प्रोत्साहन में छोटे और बड़े व्यापारियों को परिभाषित किया है।
केंद्र ने छोटे व्यापारियों के लिए 2,000 रुपये तक के लेन देन पर 0.15 प्रतिशत की प्रोत्साहन दर निर्धारित की है, जबकि समान मूल्य वर्ग के बड़े व्यापारियों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। वहीं 2,000 रुपये से ऊपर के लेन देन पर छोटे और बड़े दोनों व्यापारियों को कोई प्रोत्साहन नहीं मिलेगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने सोशल मीडिया एक्स पर कहा कि इस प्रोत्साहन योजना से कम मूल्य के यूपीआई लेनदेन को बढ़ावा मिलेगा और डिजिटल भुगतान को बढ़ावा मिलने के साथ जिंदगी आसान होगी।
दूध उत्पादन बढ़ाने को धन
मंत्रिमंडल ने दूध उत्पादन बढ़ाने के उद्देश्य से 2 योजनाओं के लिए परिव्यय बढ़ाकर 6,190 करोड़ रुपये कर दिया। संशोधित राष्ट्रीय गोकुल मिशन (आरजीएम) और राष्ट्रीय डेयरी विकास कार्यक्रम (एनपीडीडी) को मंजूरी दे दी है। दूध उत्पादन और किसानों की आमदनी बढ़ाने के लिए दोनों योजनाओं में अब कुल परिव्यय 6,190 करोड़ रुपये होगा।
राजमार्ग से जुड़ेगा बंदरगाह
मंत्रिमंडल ने 4,500 करोड़ रुपये के निवेश से महाराष्ट्र में जेएनपीए बंदरगाह (पगोटे) को चौक से जोड़ने के लिए छह-लेन वाले 29.21 किलोमीटर लंबे द्रुतगामी राष्ट्रीय राजमार्ग के निर्माण की मंजूरी दे दी। इस राजमार्ग परियोजना को 4,500.62 करोड़ रुपये की कुल लागत से ‘बनाओ, चलाओ, हस्तांतरित करो’ पद्धति पर विकसित होगा।
जेएनपीए बंदरगाह पर माल ढुलाई कंटेनरों की बढ़ती मात्रा और नवी मुंबई अंतरराष्ट्रीय हवाई अड्डे के विकास के साथ इस क्षेत्र में राष्ट्रीय राजमार्ग संपर्क बढ़ाने की जरूरत महसूस की गई है। पलास्पे फाटा, डी-पॉइंट, कलंबोली जंक्शन और पनवेल जैसे इलाकों में भारी भीड़भाड़ होने से वाहनों को बंदरगाह से एनएच-48 और मुंबई-पुणे एक्सप्रेसवे के धमनी स्वर्णिम चतुर्भुज (जीक्यू) खंड तक पहुंचने में दो-तीन घंटे तक लग जाते हैं। इस साल नवी मुंबई हवाई अड्डे के चालू होने के बाद प्रत्यक्ष संपर्क की जरूरत और बढ़ेगी।