आम आदमी पार्टी (आप) की नेता आतिशी ने सोमवार को दिल्ली के 8वें मुख्यमंत्री का प्रभार संभाला। मुख्यमंत्री कार्यालय में उन्होंने ऐलान किया कि वह उस कुर्सी पर नहीं बैठेंगी जिस पर मुख्यमंत्री के तौर अरविंद केजरीवाल बैठते थे।
आतिशी ने कहा, ‘वह उसी तरह काम करेंगी, जैसे भरत ने अपने बड़े भाई भगवान राम की ‘खड़ाऊं’ को अयोध्या के सिंहासन पर रखकर काम किया था।’ उन्होंने केजरीवाल की कुर्सी खाली छोड़ दी और वहीं रखी सफेद रंग की एक अन्य कुर्सी पर बैठ गईं। दिल्ली में विपक्षी भाजपा और कांग्रेस ने आतिशी के इस कदम की कड़ी आलोचना की और इसे मुख्यमंत्री पद का अपमान बताया।
आतिशी ने केजरीवाल सरकार में उनके पास रहे 13 विभागों का प्रभार अपने पास रखा है, जिनमें शिक्षा, राजस्व, वित्त, बिजली और पीडब्ल्यूडी शामिल हैं। उन्होंने प्रभार संभालने के बाद कहा, ‘मैं दिल्ली के मुख्यमंत्री के रूप में चार महीने तक उसी तरह काम करूंगी, जैसे भरत ने भगवान राम की खड़ाऊं को सिंहासन पर रखकर काम किया था। अरविंद केजरीवाल ने इस्तीफा देकर राजनीति में गरिमा की मिसाल कायम की है। भाजपा ने उनकी छवि बिगाड़ने में कोई कोर कसर नहीं छोड़ी है।’
मुख्यमंत्री ने कहा, ‘केजरीवाल को उच्चतम न्यायालय ने जमानत दे दी और कहा कि उनकी गिरफ्तारी दुर्भावना से की गई। कोई और होता तो एक पल भी नहीं सोचता और मुख्यमंत्री की कुर्सी पर बैठ जाता, लेकिन उन्होंने इस्तीफा देने का फैसला किया।’
पर्यावरण मंत्री गोपाल राय ने भी दिल्ली सचिवालय में प्रभार संभाला। मंत्रिमंडल में पहली बार शामिल हुए मुकेश अहलावत ने भी दिल्ली सचिवालय में प्रभार संभाल लिया। उनके पास श्रम, अनुसूचित जाति व अनुसूचित जनजाति, रोजगार और भूमि व भवन विभाग हैं।
भाजपा और कांग्रेस दोनों ही दलों ने दिल्ली की नवनियुक्त मुख्यमंत्री आतिशी पर उनके पूर्ववर्ती अरविंद केजरीवाल की कुर्सी पर नहीं बैठने के फैसले का विरोध किया और इसे संवैधानिक नियमों एवं मुख्यमंत्री पद का घोर अपमान बताया।
भारतीय जनता पार्टी (भाजपा) की दिल्ली इकाई के प्रमुख वीरेंद्र सचदेवा ने कहा, ‘उन्होंने (आतिशी) जो किया है, वह आदर्श नहीं है। अपने आचरण से उन्होंने न केवल मुख्यमंत्री पद का अपमान किया बल्कि दिल्ली के लोगों की भावनाएं भी आहत की हैं। यह संवैधानिक नियमों और मुख्यमंत्री पद का अपमान है। अरविंद केजरीवाल को जवाब देना चाहिए कि क्या वह ‘रिमोट कंट्रोल’ से सरकार चलाएंगे।’
कांग्रेस की दिल्ली इकाई के अध्यक्ष देवेंद्र यादव ने कहा कि केजरीवाल की कुर्सी खाली रखने के अपने कदम से आतिशी ने खुद को एक ‘कठपुतली’ मुख्यमंत्री साबित कर दिया है। उन्होंने कहा, ‘मुझे इस बात पर सख्त आपत्ति है कि भ्रष्टाचार के मामले में जेल में बंद रहे एक व्यक्ति की तुलना भगवान राम से की जा रही है। आतिशी ने सारी हदें पार कर दी हैं।’
उत्तर-पूर्वी दिल्ली से भाजपा सांसद मनोज तिवारी ने आरोप लगाया कि ‘आप’ ने एक बार फिर संविधान का अपमान किया है। तिवारी ने कहा, ‘जब कार्यालय में मुख्यमंत्री हो तो खाली कुर्सी का क्या मतलब है? यह कृत्य दिखाता है कि वह एक कठपुतली मुख्यमंत्री हैं और यह संविधान का घोर अपमान है।’