पंबन समुद्री पुल का उद्घाटन करते प्रधानमंत्री मोदी
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने रविवार को रामेश्वरम द्वीप और मुख्य भूमि क्षेत्र के बीच रेल सुविधा प्रदान करने वाले पंबन समुद्री पुल का उद्घाटन किया और नई रामेश्वरम-तांबरम (चेन्नई) ट्रेन सेवा को हरी झंडी दिखाई। प्रधानमंत्री मोदी ने इस मौके पर तमिलनाडु में 8,300 करोड़ रुपये की विकास परियोजनाओं का उद्घाटन और शिलान्यास भी किया।
उन्होंने कहा कि तमिलनाडु का हमारा मत्स्य उद्योग से जुड़ा समाज बहुत मेहनती है। मोदी ने कहा कि मत्स्य उद्योग से जुड़ी अवसंरचना को मजबूत करने के लिए राज्य को जो भी मदद चाहिए, वो केंद्र सरकार दे रही है। प्रधानमंत्री ने कहा कि पिछले पांच साल में ‘पीएम मत्स्य संपदा योजना’ के तहत भी, तमिलनाडु को करोड़ों रुपए मिले हैं। उन्होंने कहा, सरकार की कोशिश यही है कि मछुआरों को ज्यादा सुविधाएं मिलें, चाहे सीवीड पार्क हो या फिर फिशिंग हार्बर और लेंडिंग सेंटर, केंद्र सरकार यहां सैकड़ों करोड़ रुपए का निवेश कर रही है।
तमिलनाडु में बुनियादी ढांचा विकास को केंद्र सरकार की प्राथमिकता बताते हुए उन्होंने कहा कि बीते एक दशक में तमिलनाडु का रेलवे बजट सात गुना से ज्यादा बढ़ाया गया है। उन्होंने कहा, ‘2014 से पहले रेल परियोजनाओं के लिए हर साल सिर्फ 900 करोड़ रुपये ही मिलते थे और आपको पता है उस समय विपक्षी गठबंधन ‘इंडिया’ के मुख्य कर्ताधर्ता कौन थे? इस वर्ष तमिलनाडु का रेल बजट 6000 करोड़ रुपये से ज्यादा है। केंद्र सरकार यहां के 77 रेलवे स्टेशनों का आधुनिकीकरण कर रही है। इसमें रामेश्वरम का स्टेशन भी शामिल है।’ प्रधानमंत्री ने कहा, ‘बीते 10 सालों में हमने रेल, सड़क, हवाईअड्डे, बंदरगाह, बिजली, पानी, गैस पाइपलाइन जैसी बुनियादी परियोजनाओं का बजट करीब छह गुना बढ़ाया है।’
सरकार के अनुसार, रामेश्वरम को मुख्य भूमि से जोड़ने वाला यह पुल भारतीय इंजीनियरिंग का एक उल्लेखनीय कारनामा है और इसे 700 करोड़ रुपये से अधिक की लागत से बनाया गया है। लगभग 2.08 किलोमीटर लंबे इस पुल में 99 ‘स्पैन’ और 72.5 मीटर लंबा ‘वर्टिकल लिफ्ट स्पैन’ है, जिसे 17 मीटर तक उठाया जा सकता है। पुल में स्टेनलेस स्टील और उच्च श्रेणी के पेंट का इस्तेमाल किया गया है। इसमें पूरी तरह से वेल्डिंग किए हुए जोड़ हैं, जिससे पुल के रखरखाव की आवश्यकता कम से कम होगी और मजबूती बढ़ेगी। इसकी नींव 333 ‘पाइल’ और 101 ‘पियर /पाइल कैप’ पर टिकी है। तथा इसे दोहरी रेल पटरियों और भविष्य के विस्तार को ध्यान में रखते हुए तैयार किया गया है।
मुख्यमंत्री एम. के. स्टालिन ने परिसीमन के मुद्दे पर विरोध जताते हुए इस कार्यक्रम में भाग नहीं लिया। स्टालिन ने कहा कि उन्होंने पहले ही प्रधानमंत्री को पुल के उद्घाटन समारोह में भाग लेने में असमर्थता से अवगत करा दिया था, क्योंकि उनके पहले से ही आधिकारिक कार्यक्रम निर्धारित थे। मुख्यमंत्री रविवार को आधिकारिक कार्यक्रमों में भाग लेने के लिए उधगमंडलम शहर में थे। उन्होंने यह भी कहा कि प्रधानमंत्री मोदी की सभा में शामिल होने के लिए मंत्रियों टी थेन्नारसु और राजा कन्नप्पन को भेजा है।