प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को दिल्ली के अशोक विहार स्थित स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना के अंतर्गत झुग्गी झोपड़ी (जेजे) समूहों के निवासियों को 1,675 नवनिर्मित फ्लैटों की चाबियां सौंपीं और इन्हें आत्मसम्मान, गरिमा और नई आकांक्षाओं व सपनों का प्रतीक बताया।
प्रधानमंत्री ने इसके अलावा दिल्ली विश्वविद्यालय में 600 करोड़ रुपये से अधिक की लागत वाली तीन नई परियोजनाओं की आधारशिला रखी। इनमें पूर्वी दिल्ली के सूरजमल विहार में पूर्वी परिसर, द्वारका में पश्चिमी परिसर और नजफगढ़ के रोशनपुरा में अत्याधुनिक सुविधाओं से युक्त वीर सावरकर कॉलेज शामिल है।
इस अवसर पर प्रधानमंत्री ने रिमोट का बटन दबाकर दो शहरी पुनर्विकास परियोजनाओं, नौरोजी नगर में विश्व व्यापार केंद्र (डब्ल्यूटीसी) और सरोजिनी नगर में जनरल पूल आवासीय आवास (जीपीआरए) टाइप-2 क्वार्टर का भी उद्घाटन किया।
आप सरकार पर निशाना साधते हुए प्रधानमंत्री ने कहा कि वह दिल्ली में मुफ्त इलाज की सुविधा देने वाली आयुष्मान योजना शुरू करना चाहते हैं, लेकिन यहां की सरकार को दिल्लीवालों से बड़ी दुश्मनी है। उन्होंने कहा, ‘पूरे देश में आयुष्मान योजना लागू है, लेकिन इस योजना को ‘आप-दा’ वाले यहां लागू नहीं होने दे रहे।’
प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दिल्ली की अनेक कॉलोनियों को नियमित कर भाजपा सरकार ने लाखों लोगों की चिंता दूर की है, लेकिन यहां की ‘आप-दा’ सरकार ने उन्हें आपदा का शिकार बना डाला। स्वाभिमान अपार्टमेंट में इन नवनिर्मित फ्लैटों के उद्घाटन से डीडीए द्वारा दूसरी सफल इन-सीटू स्लम पुनर्वास परियोजना पूर्ण हो गई। इस परियोजना का उद्देश्य दिल्ली में झुग्गी बस्तियों के निवासियों को उचित सुख-सुविधाओं से सुसज्जित बेहतर और स्वस्थ परिवेश प्रदान करना है।
नौरोजी नगर में वर्ल्ड ट्रेड सेंटर ने 600 से ज्यादा जीर्ण-शीर्ण क्वार्टरों को अत्याधुनिक वाणिज्यिक टावरों से बदलकर इस क्षेत्र को परिवर्तित कर दिया है और साथ ही इससे उन्नत सुविधाओं वाला लगभग 34 लाख वर्ग फुट प्रीमियम वाणिज्यिक स्थल विककसत हुआ है। इस परियोजना में हरित भवन कार्य-प्रणालियों को शामिल किया गया है, जिसमें शून्य-निर्वहन अवधारणा, सौर ऊर्जा उत्पादन और वर्षा जल संचयन प्रणाली जैसे प्रावधान शामिल हैं। सरोजिनी नगर में जीपीआरए टाइप-2 क्वार्टर में 28 टावर शामिल हैं, जिनमें 2,500 से अधिक आवासीय इकाइयां हैं, इनमें आधुनिक सुविधाएं और स्थान का कुशल उपयोग किया गया हैं।
प्रधानमंत्री ने दिल्ली के द्वारका में केंद्रीय माध्यमिक शिक्षा बोर्ड (सीबीएसई) के एकीकृत कार्यालय परिसर का भी उद्घाटन किया। इस पर करीब 300 करोड़ रुपये खर्च किए गए हैं।