केंदीय मंत्रिमंडल ने गुरुवार को पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दी है। इस योजना के तहत सरकारी और निजी संस्थानों के मेधावी छात्रों को शिक्षा ऋण के रूप में वित्तीय मदद उपलब्ध कराई जाएगी। इस योजना के तहत गुणवत्तापूर्ण उच्च शिक्षा संस्थानों (क्यूएचआईई) में दाखिला प्राप्त करने वाला कोई भी मेधावी छात्र बैंकों और वित्तीय संस्थानों से किसी जमानत या गारंटर के बिना कर्ज प्राप्त करने के योग्य होगा। इ
स ऋण के अंतर्गत ट्यूशन शुल्क और पाठ्यक्रम से जुड़े अन्य खर्च शामिल होंगे। सरकार ने बताया कि इसके लिए वर्ष 2024-25 से 2030-31 के दौरान 3,600 करोड़ रुपये के परिव्यय का प्रावधान किया गया है।
पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना से हर साल 22 लाख से अधिक छात्रों के लाभान्वित होने की उम्मीद है। केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने संवाददाता सम्मेलन में कहा, ‘मंत्रिमंडल ने मेधावी छात्रों को वित्तीय मदद के लिए पीएम-विद्यालक्ष्मी योजना को मंजूरी दे दी है ताकि भारत का कोई भी युवा उच्च शिक्षा प्राप्त करने से वंचित नहीं रहे।’ इस योजना के तहत 7.5 लाख रुपये तक के ऋण के लिए केंद्र सरकार 75 फीसदी क्रेडिट गारंटी मुहैया करवाएगी ताकि बैंक इस योजना का अधिकतम लाभ मुहैया करवाएं।
ब्याज छूट का भुगतान ई-वाउचर और सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (सीबीडीसी) वॉलेट के माध्यम से किया जाएगा। इसके अलावा, जिन विद्यार्थियों के परिवार की वार्षिक पारिवारिक आय आठ लाख रुपये तक है और वे किसी अन्य सरकारी छात्रवृत्ति या ब्याज छूट योजनाओं के तहत लाभ के पात्र नहीं हैं, उन्हें 10 लाख रुपये तक के ऋण पर अधिस्थगन अवधि के दौरान तीन फीसदी की ब्याज छूट भी प्रदान की जाएगी।’