INS Vindhyagiri launching: राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज पश्चिम बंगाल के दौरे पर हैं, जहां वह ‘INS Vindhyagiri’ को लॉन्च करेंगी। भारतीय नौसेना के एक ऑफिशियल बयान के मुताबिक, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू आज यानी 17 अगस्त, गुरुवार को कोलकाता में गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स लिमिटेड (GRSE) में ‘INS Vindhyagiri’ को हरी झंडी दिखाएंगी। इसके अलावा, राष्ट्रपति मुर्मू कोलकाता के राजभवन में ब्रह्मकुमारी द्वारा आयोजित ‘नशा मुक्त भारत अभियान’ के तहत ‘मेरा बंगाल, नशा मुक्त बंगाल’ अभियान का भी शुभारंभ करेंगी।
जनवरी 2011 में, भारतीय नौसेना को शांतिकाल में अपने सबसे बुरे नुकसानों में से एक का सामना करना पड़ा, जब नीलगिरि श्रेणी का उसका एक फ्रंटलाइन युद्धपोत, INS विंध्यगिरि, मुंबई बंदरगाह पर एक जर्मन व्यापारी जहाज से टकरा गया। इसे चमत्कार ही कहा जाएगा कि इस हादसे में किसी की जान नहीं गई, लेकिन आग लगने के बाद जहाज डूब गया।
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भारतीय नौसेना अपने युद्धपोतों या कम से कम उनकी स्मृतियों को जीवित रखने की अपनी परंपरा को आगे बढ़ा रही है। इसी परंपरा के तहत INS विंध्यगिरि का पुनरुत्थान 2012 में इसके बचाव और सेवामुक्ति के साथ शुरू हुआ। आज वह समय आ गया है, जब भारतीय सेना की सर्वोच्च कमांडर, राष्ट्रपति द्रौपदी मुर्मू, एक नए INS विंध्यगिरि को लॉन्च करेंगी।
पुनर्जन्म लेने वाला यह युद्धपोत प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए जा रहे सात नए गाइडेड-मिसाइल फ्रिगेट की श्रृंखला का छठा युद्धपोत होगा। चार का निर्माण मझगांव डॉक शिपबिल्डर्स (MDL), मुंबई द्वारा किया जा रहा है, और तीन का निर्माण गार्डन रीच शिपबिल्डर्स एंड इंजीनियर्स (GRSE), कोलकाता द्वारा किया जा रहा है।
1. समाचार एजेंसी पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, INS विंध्यगिरि का नाम कर्नाटक में पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। यह प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम का छठा जहाज है।
2) ये युद्धपोत प्रोजेक्ट 17 क्लास फ्रिगेट्स (शिवालिक क्लास) के फॉलो-ऑन हैं, जिनमें बेहतर स्टील्थ फीचर्स, एडवांस हथियार, सेंसर और प्लेटफॉर्म प्रबंधन सिस्टम हैं।
3) INS विंध्यगिरि तकनीकी रूप से एक उन्नत फ्रिगेट हैं, जो अपने पूर्ववर्ती, तत्कालीन आईएनएस विंध्यगिरि, (जो एक लिएंडर क्लास एएसडब्ल्यू फ्रिगेट था) की विशिष्ट सेवा के लिए एक उचित श्रद्धांजलि है।
4) पीटीआई की रिपोर्ट के अनुसार, जुलाई 1981 से जून 2012 तक अपनी लगभग 31 वर्षों की सेवा में पुराने विंध्यगिरि ने विभिन्न चुनौतीपूर्ण ऑपरेशन और बहुराष्ट्रीय अभ्यास देखे थे।
5) नव निर्मित INS विंध्यगिरि स्वदेशी रक्षा क्षमताओं के भविष्य की दिशा में आगे बढ़ते हुए अपनी समृद्ध नौसैनिक विरासत को अपनाने के भारत के दृढ़ संकल्प के प्रतीक के रूप में खड़ा है।
6) प्रोजेक्ट 17ए कार्यक्रम के तहत, मझगांव डॉक लिमिटेड (MDL) द्वारा कुल चार जहाज और GRSE द्वारा तीन जहाज बनाए जा रहे हैं। परियोजना के पहले पांच जहाज 2019 और 2022 के बीच MDL और GRSE द्वारा लॉन्च किए गए हैं।
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7) पीटीआई के हवाले से नौसेना ने कहा कि प्रोजेक्ट 17ए जहाजों को भारतीय नौसेना के युद्धपोत डिजाइन ब्यूरो द्वारा इन-हाउस डिजाइन किया गया है, जो सभी युद्धपोत डिजाइन गतिविधियों के लिए अग्रणी संगठन है।
8) नौसेना ने कहा कि प्रोजेक्ट 17ए जहाजों के उपकरणों और प्रणालियों के लिए 75 प्रतिशत ऑर्डर सूक्ष्म, लघु और मध्यम उद्यमों (MSME) सहित स्वदेशी फर्मों से हैं।
9) विंध्यगिरि की लॉन्चिंग हमारे देश द्वारा आत्मनिर्भर नौसेना के निर्माण में की गई अविश्वसनीय प्रगति का एक उपयुक्त प्रमाण है।
प्रोजेक्ट 17ए के तहत बनाए गए पहले पांच जहाज MDL और GRSE द्वारा 2019 और 2022 के बीच पहले ही लॉन्च किए जा चुके हैं। छठे जहाज, आईएनएस विंध्यगिरि का नाम इसके पहले के जहाजों आईएनएस नीलगिरि, हिमगिरि, उदयगिरि, दुनागिरि और तारागिरि की ही तरह पर्वत श्रृंखला के नाम पर रखा गया है। सातवें युद्धपोत का नाम एकदम नया रखा जाएगा क्योंकि इसका कोई पूर्ववर्ती नहीं है।