Cabinet Decisions: केंद्रीय कैबिनेट की बुधवार को हुई मीटिंग में सरकार ने दो बड़े फैसले लिए। आज सरकार ने 16,300 करोड़ रुपये के राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन को मंजूरी दी, जिसमें कुल 34,300 करोड़ रुपये का खर्च अगले सात सालों में किया जाएगा। इस मिशन का उद्देश्य आत्मनिर्भरता हासिल करना और भारत की हरित ऊर्जा परिवर्तन यात्रा को तेज करना है।
इसके अलावा प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में आर्थिक मामलों की मंत्रिमंडलीय समिति (CCEA) ने सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) के लिए एथेनॉल के दाम बढ़ाने की भी मंजूरी दे दी है। यह बढ़ोतरी एथेनॉल आपूर्ति वर्ष (ESY) 2024-25 के लिए की गई है, जो 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा। यह फैसला सरकार की एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) योजना के तहत लिया गया है। सरकार के इस फैसले का सीधा असर कृषि क्षेत्र पर पड़ेगा।
खनन मंत्रालय द्वारा जारी एक प्रेस विज्ञप्ति के अनुसार, सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रम (PSU) इस मिशन में 18,000 करोड़ रुपये का योगदान देंगे। इस मिशन का लक्ष्य देश के भीतर और विदेशी स्थानों पर क्रिटिकल मिनरल्स की खोज को बढ़ावा देना है।
कॉपर, लिथियम, निकल, कोबाल्ट और रेयर अर्थ जैसे क्रिटिकल मिनरल्स तेजी से बढ़ती स्वच्छ ऊर्जा प्रौद्योगिकियों के लिए आवश्यक कच्चे माल हैं। इनका उपयोग पवन टरबाइन, बिजली नेटवर्क, इलेक्ट्रिक वाहन और बैटरी निर्माण में किया जाता है। स्वच्छ ऊर्जा की ओर दुनिया के बढ़ते रुझान के कारण इन खनिजों की मांग लगातार बढ़ रही है।
कैबिनेट बैठक के बाद मीडिया को जानकारी देते हुए सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने कहा कि इस मिशन का उद्देश्य क्रिटिकल मिनरल्स के आयात पर निर्भरता को कम करना और आत्मनिर्भरता सुनिश्चित करना है। मंत्री ने कहा कि क्रिटिकल मिनरल्स देश की अर्थव्यवस्था के लिए आवश्यक हैं और इस मिशन के मुख्य उद्देश्यों में खनन की खोज बढ़ाना, आयात पर निर्भरता घटाना, विदेशी खनिज ब्लॉकों का अधिग्रहण करना, खनिजों की प्रोसेसिंग के लिए तकनीकों का विकास करना और खनिजों को रिसाइकिल करना शामिल है।
मंत्रालय ने अपने बयान में कहा, “प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की अध्यक्षता में केंद्रीय कैबिनेट ने राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल मिशन (NCMM) को 16,300 करोड़ रुपये की लागत के साथ शुरू करने की मंजूरी दी है, जबकि PSUs आदि द्वारा 18,000 करोड़ रुपये का निवेश किया जाएगा।”
बता दें कि क्रिटिकल मिनरल्स की खोज और खनन को बढ़ावा देने के लिए, सरकार ने 2023 में खान और खनिज (विकास और विनियमन) अधिनियम, 1957 में संशोधन किया था। इसके बाद, 24 रणनीतिक खनिज ब्लॉक की नीलामी की गई थी। इसके अलावा, भारतीय भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण (GSI) ने पिछले तीन सालों में क्रिटिकल मिनरल्स के लिए 368 परियोजनाएं शुरू की हैं, जिनमें से 2024-25 में 195 परियोजनाएं जारी हैं। 2025-26 में, GSI विभिन्न क्रिटिकल मिनरल्स के लिए 227 परियोजनाएं शुरू करेगा।
इसके अलावा मंत्रिमंडलीय समिति ने 2024-25 के लिए सार्वजनिक क्षेत्र की तेल विपणन कंपनियों (OMCs) द्वारा खरीदे जाने वाले एथेनॉल की कीमत बढ़ाने को भी मंजूरी दे दी है। यह फैसला एथेनॉल मिश्रित पेट्रोल (EBP) कार्यक्रम के तहत लिया गया है, जो 1 नवंबर 2024 से 31 अक्टूबर 2025 तक चलेगा।
अब C हेवी शीरा (C Heavy Molasses – CHM) से बने एथेनॉल की मिल गेट कीमत 2024-25 के लिए 57.97 रुपए प्रति लीटर कर दी गई है, जो पहले 56.58 रुपए प्रति लीटर थी। सरकार का कहना है कि यह फैसला एथेनॉल आपूर्तिकर्ताओं को उचित मूल्य देने, कच्चे तेल के आयात को कम करने, विदेशी मुद्रा की बचत करने के साथ साथ पर्यावरण को फायदा पहुंचाने में मदद करेगा।
सरकार ने यह भी स्पष्ट किया कि GST और परिवहन शुल्क पहले की तरह अलग से देय रहेंगे, जिससे गन्ना किसानों को लाभ होगा।
सरकार 2025-26 तक पेट्रोल में 20% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पूरा करने की योजना पर काम कर रही है। पहले यह लक्ष्य 2030 तक पूरा किया जाना था, लेकिन इसे पहले पूरा करने का फैसला लिया गया है। 2024-25 के दौरान OMCs 18% एथेनॉल मिश्रण का लक्ष्य पूरा करने की योजना बना रही हैं।
पिछले 10 सालों में (31 दिसंबर 2024 तक), सार्वजनिक क्षेत्र की OMCs द्वारा एथेनॉल मिश्रण के कारण भारत ने 1.13 लाख करोड़ रुपये की विदेशी मुद्रा बचाई है और करीब 1.93 करोड़ मीट्रिक टन कच्चे तेल के आयात को कम किया है। 2013-14 में केवल 380 मिलियन लीटर एथेनॉल मिलाया गया था, जो 2023-24 में बढ़कर 7.07 अरब लीटर हो गया।