भारत

बंगाल में MGNREGA श्रमिकों की ‘पीड़ा’ पर राहुल का PM मोदी को पत्र, धन जारी करने का आग्रह

Rahul Gandhi ने दावा किया कि मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल को केंद्रीय धन की रोक के कारण हमारे लाखों भाइयों और बहनों को MGNREGA के तहत काम और मजदूरी से वंचित कर दिया गया है।

Published by
भाषा   
Last Updated- February 12, 2024 | 8:15 PM IST

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने पश्चिम बंगाल में महात्मा गांधी राष्ट्रीय ग्रामीण रोजगार गारंटी योजना (मनरेगा) से संबंधित श्रमिकों की ‘पीड़ा’ पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी को पत्र लिखा है और उनसे यह सुनिश्चित करने का आग्रह किया है कि लंबित मजदूरी के भुगतान के लिए केंद्रीय धनराशि जारी की जाए। 

उन्होंने प्रधानमंत्री मोदी को लिखे अपने पत्र में इस बात का उल्लेख किया कि ‘भारत जोड़ो न्याय यात्रा’ के तहत जब हाल ही में वह पश्चिम बंगाल गए थे तो ‘पश्चिम बंग खेत मजदूर समिति’ नामक संगठन के एक प्रतिनिधिमंडल ने मनरेगा श्रमिकों की समस्याओं के बारे में उन्हें अवगत कराया था। 

राहुल गांधी ने दावा किया, ‘‘मार्च, 2022 से पश्चिम बंगाल को केंद्रीय धन की रोक के कारण हमारे लाखों भाइयों और बहनों को एमजीएनआरईजीएस के तहत काम और मजदूरी से वंचित कर दिया गया है। 

कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष ने 10 फरवरी की तिथि वाले पत्र में कहा, ‘‘मुझे बताया गया कि धन की कमी के कारण 2021 में बहुत सारे श्रमिकों को उनके काम के बदले में भुगतान नहीं किया गया है।’’ 

राहुल गांधी ने दावा किया कि 2021-22 में मनरेगा के तहत काम का लाभ उठाने वाले परिवारों की संख्या 75 लाख थी जो 2023-24 में घटकर 8,000 हो गई। 

उन्होंने कहा, ‘‘मैं केंद्र सरकार से लंबित मजदूरी का भुगतान करने के लिए धन जारी करने और यह सुनिश्चित करने का अनुरोध करता हूं कि मनरेगा के तहत काम की मांग पूरी की जाए। मेरा मानना ​​​​है कि सामाजिक, राजनीतिक और आर्थिक न्याय को बरकरार रखने के लिए अपने राजनीतिक मतभेदों से ऊपर उठना हमारा कर्तव्य है।’’ 

First Published : February 12, 2024 | 8:15 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)