राज्यों व केंद्र शासित प्रदेशों द्वारा भवन एवं अन्य निर्माण(BOC) श्रमिकों के कल्याण के लिए एकत्र किए गए 87,478 करोड़ रुपये में से करीब आधे धन का इस्तेमाल नहीं हो सका है। वहीं इस तरह के श्रमिक कामकाज की दयनीय स्थिति, स्वास्थ्य, पेंशन, बीमा और दुर्घटना सुरक्षा जैसी कल्याणकारी योजनाओं का लाभ न मिलने की शिकायत करते हैं।
पिछले साल नवंबर तक श्रमिकों के कल्याण पर सिर्फ 49,269 करोड़ रुपये (56 प्रतिशत) खर्च किए गए थे, जबकि 38,209 करोड़ रुपये (44 प्रतिशत) का इस्तेमाल नहीं हो पाया है। श्रम एवं रोजगार राज्य मंत्री रामेश्वर तेली ने पिछले महीने संसद में यह जानकारी दी थी।
उन्होंने संसद को यह भी सूचित किया कि करीब 5.06 करोड़ बीओसी मजदूर देश भर में बिल्डिंग ऐंड अदर कंस्ट्रक्शन वर्कर्स वेलफेयर बोर्ड (बीओसीडब्ल्यूडबल्यूबी) में पंजीकृत थे।
असम (18.7 प्रतिशत), आंध्र प्रदेश (22.3 प्रतिशत), गुजरात (27.1 प्रतिशत), दिल्ली (28.2 प्रतिशत), पश्चिम बंगाल (35.7 प्रतिशत), तमिलनाडु (38.1 प्रतिशत), महाराष्ट्र (41.1 प्रतिशत), हिमाचल प्रदेश (41.3 प्रतिशत) और हरियाणा (44.4 प्रतिशत) सहित प्रमुख 22 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों ने संग्रह की गई राशि में आधे से कम खर्च किया है।
कंस्ट्रक्शन वर्कर्स फेडरेशन आफ इंडिया (CWFI) के वाइस प्रेसीडेंट देवांजन चक्रवर्ती ने कहा कि देश भर में निर्माण के काम में लगे कामगारों को बुनियादी सुविधाएं भी नहीं मिल रही हैं और उनके कल्याण के लिए गठित बोर्ड शायद ही कभी श्रमिकों के नामांकन और पंजीकरण की कोई पहल करते हैं और इसकी वजह से धन का वितरण कम हो पाता है। चक्रवर्ती ने कहा कि अक्सर इस कोष को अन्य योजनाओं और परियोजनाओं में लगा दिया जाता है।
चक्रवर्ती ने कहा, ‘इसके पहले कंस्ट्रक्शन वर्कर को सांसद या कॉन्ट्रैक्टर का प्रमाण पत्र देना पड़ता था। इसकी वजह से लाखों श्रमिक खुद का पंजीकरण नहीं करा पाते थे। साथ ही पहले के नियम में ईंट भट्ठे पर काम करने वाले या पत्थर का काम करने वाले श्रमिकों को इसमें शामिल होने की अनुमति नहीं थी क्योंकि वे फैक्टरीज ऐक्ट 1948 के दायरे में आते थे और वे वेलफेयर बोर्ड में पंजीकृत नहीं होते थे। इसकी वजह से बड़ी संख्या में श्रमिक इस दायरे से बाहर हो जाते थे।’
अब उन्हें खुद को पंजीकरण कराने की अनुमति मिल गई है, अगर वे 12 महीनों में 90 दिन निर्माण कार्य में लगे हुए होते हैं। पंजीकृत कॉन्ट्रैक्टर भी कामगारों को पंजीकृत करा सकते हैं, लेकिन इसके पुष्टि की जरूरत होती है।