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Saffronart Passage to India auction: भारतीय विरासत की धूम, कई दुर्लभ प्राचीन चीजों की हुई नीलामी

इस ऑनलाइन नीलामी में 97 प्रतिशत दुर्लभ पुस्तकें, प्रिंट, नक्शे, तस्वीरें और पत्र बिके और कुल बिक्री 6.47 करोड़ रुपये तक हुई।

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बीएस संवाददाता   
Last Updated- July 31, 2024 | 7:46 AM IST

Saffronart Passage to India auction: आधुनिक और समकालीन भारतीय ललित कला, प्राचीन वस्तुओं आदि की नीलामी करने वाली कंपनी, सैफ्रनआर्ट के ‘पैसेज टू इंडिया ऑक्शन 2024’ में भारत की समृद्ध विरासत के प्रति आकर्षण देखने को मिला और इस ऑनलाइन नीलामी में 97 प्रतिशत दुर्लभ पुस्तकें, प्रिंट, नक्शे, तस्वीरें और पत्र बिके और कुल बिक्री 6.47 करोड़ रुपये तक हुई। इस नीलामी में सबसे ज्यादा चर्चा में फ्रांस-बेल्जियम के चित्रकार और लेखक फ्रांस्वा बाल्थजार सॉल्विंस की लिखी ‘लेस हिंदूजः ओ डिस्क्रिप्शन दे लेउर मोर्स कूट्यूम्स ऐट सेरेमॉनीज’ रही। नीलामी के दौरान बैरन डि रॉशचाइल्ड के निजी पुस्तकालय से आई इस किताब की कीमत 1.14 करोड़ रुपये लगाई गई जो इस किताब के लिए अब तक की सबसे ज्यादा कीमत है।

चार खंडों वाली इस किताब में 18वीं और 19वीं सदी के कलकत्ता समाज के लोगों के बारे में व्यापक जानकारी है। इसमें फ्रेंच और अंग्रेजी भाषा में लिखे गए लेखों के साथ-साथ बेहद बारीक रंगों के साथ हिंदुओं के रीति-रिवाज, त्योहार, कामकाज और उत्सवों के बारे में दिखाया गया है।

इस नीलामी में एक और प्रमुख आकर्षण था डॉ. बी.आर. आंबेडकर द्वारा तैयार भारतीय संविधान का पहला संस्करण जिसकी कीमत 48 लाख रुपये लगी और जो इसकी अनुमानित कीमत से दोगुने से भी ज्यादा थी। इसकी केवल 1000 प्रतियां ही छपी थी और अमूमन किसी के पास नहीं देखने को मिली। इस पर संविधान निर्माताओं के हस्ताक्षर हैं। प्रेम बेहारी नारायण रायजादा का सुलेखन और नंदलाल बोस तथा शांतिनिकेतन के अन्य कलाकारों की कला, इसे भारत के इतिहास की एक अनमोल कृति बनाती है।

थॉमस और विलियम डेनियल की ‘ओरिएंटल सीनरी: वन हंड्रेड ऐंड फिफ्टी व्यूज ऑफ द आर्किटेक्चर, एंटीक्विटीज एंड लैंडस्केप सीनरी ऑफ हिंदुस्तान’ ने भी काफी आकर्षित किया और इसकी कीमत 31.2 लाख रुपये लगी। इसमें 144, रंगों वाली कलमकारी का हुनर दिखाया गया है जो 19वीं सदी की शुरुआत से भारत की वास्तुकला और प्राकृतिक सुंदरता का एक व्यापक दृश्य पेश करते हैं और यह अमूल्य दस्तावेज है। इस किताब के बारीक चित्रण के चलते ही यह अपने समय में ब्रिटेन, कलकत्ता और मद्रास के संग्रहकर्ताओं के बीच पसंदीदा बना रहा।

चार्ल्स विल्किंस द्वारा 1785 में अंग्रेजी में अनूदित ‘द भगवत-गीता’ का पहला मुद्रित संस्करण 19.20 लाख रुपये में बिका, जो इसके अनुमानित मूल्य से लगभग चार गुना ज्यादा है। इस अनुवाद ने हिंदू दर्शन के बारे में यूरोपीय समझ को आकार देने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई और रोमांटिक साहित्य पर इसका गहरा प्रभाव पड़ा।

नीलामी की अन्य मुख्य वस्तुओं में रॉबर्ट मोंटगोमेरी मार्टिन की ब्रिटिश भारत पर लिखी किताब भी शामिल थी जिसकी कीमत 13.20 लाख रुपये लगी। मूल रूप से 1834 में प्रकाशित और दो दशकों में संशोधित, रानी विक्टोरिया के शासनकाल के दौरान ब्रिटिश साम्राज्य का यह एक महत्वपूर्ण ऐतिहासिक रिकॉर्ड है।

कैप्टन रॉबर्ट स्मिथ की 1828 की ‘एशियाटिक कॉस्ट्यूम्स’ की कीमत 10.80 लाख रुपये लगी जिसमें भारतीय व्यापार और समाज की दुर्लभ तस्वीरें हैं। एएसजी बटलर की ‘द आर्किटेक्चर ऑफ सर एडविन लुटियंस’ के तीन खंड वाले पहले संस्करण की प्रति 14.40 लाख रुपये में बिकी जो वास्तुकला अध्ययन पर लुटियंस के स्थायी प्रभाव का दस्तावेज है।

इस नीलामी में दो और खास चीजें बिकीं। इनमें से एक जेम्स बैली फ्रेजर की ‘एक्सिक्विजिट कलेक्शन ऑफ कैलकटा प्रिंट्स’है जो 22.80 लाख रुपये में बिकी जिसमें गवर्न्मेंट हाउस की सुंदर तस्वीरें थी। दूसरी किताब व्यंग्य चित्रकार एमरी केलन की 1930 में हुए ‘इंडियन राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस’ में शामिल लोगों के 86 कार्टून चित्र थे जिनमें महात्मा गांधी, जवाहरलाल नेहरू और मुहम्मद अली जिन्ना के साथ विंस्टन चर्चिल और लॉर्ड इरविन जैसे ब्रितानी अधिकारी भी शामिल थे। यह 14.40 लाख रुपये में बिकी।

First Published : July 31, 2024 | 7:10 AM IST