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उच्चतम न्यायालय द्वारा गठित तीन सदस्यीय आंतरिक समिति ने दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश यशवंत वर्मा से जुड़े कथित नकदी बरामदगी विवाद की जांच मंगलवार को शुरू कर दी।
समिति में पंजाब एवं हरियाणा उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश शील नागू, हिमाचल प्रदेश उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश जी एस संधावालिया और कर्नाटक उच्च न्यायालय की न्यायाधीश अनु शिवरामन शामिल हैं। सूत्रों ने बताया कि समिति के तीनों सदस्य न्यायमूर्ति वर्मा के 30, तुगलक क्रीसेंट स्थित आधिकारिक आवास पहुंचे। उन्होंने कहा कि तीनों न्यायाधीश करीब 30-35 मिनट तक न्यायमूर्ति वर्मा के आधिकारिक आवास के अंदर रहे और निरीक्षण किया। कथित नकदी बरामदगी की घटना के बाद 22 मार्च को भारत के प्रधान न्यायाधीश संजीव खन्ना ने न्यायमूर्ति वर्मा के खिलाफ आरोपों की आंतरिक जांच करने के लिए तीन सदस्यीय समिति गठित की।
इधर, राज्य सभा के सभापति जगदीप धनखड़ ने मंगलवार को विभिन्न दलों के नेताओं की बैठक बुलाई, जिसमें यह तय किया जाएगा कि दिल्ली उच्च न्यायालय के न्यायाधीश के आधिकारिक आवास से कथित तौर पर नकदी मिलने के मामले पर चर्चा की मांग करने वाले कुछ सांसदों की अपील पर सदन को क्या कदम उठाना चाहिए। धनखड़ ने बताया कि उन्होंने सोमवार को सदन के नेता जे पी नड्डा और विपक्ष के नेता मल्लिकार्जुन खरगे से बहुत ही महत्त्वपूर्ण मुद्दे पर मुलाकात की थी। उन्होंने कहा, ‘यह मुद्दा निस्संदेह काफी गंभीर है।’