तमिलनाडु सरकार द्वारा बजट में रुपए के नए लोगो का इस्तेमाल करने को लेकर बड़ा राजनीतिक विवाद शुरू हो गया है। मुख्यमंत्री एमके स्टालिन ने हाल ही में एक वीडियो जारी कर बजट 2025-26 का लोगो पेश किया। इस नए डिजाइन में देश के आधिकारिक रुपए के चिह्न ‘₹’ को हटाकर तमिल अक्षर ‘ரு’ (Ru) को जगह दी गई है। यह बजट 14 मार्च 2025 को राज्य विधानसभा में पेश होना है। तमिलनाडु सरकार के इस कदम से चारों ओर अब एक नई बहस छिड़ गई है। केंद्र की भारतीय जनता पार्टी सरकार ने इसकी कड़ी आलोचना की है। तमिलनाडु बीजेपी अध्यक्ष के अन्नामलाई ने इसे निंदनीय और हास्यास्पद बताया है।
बता दें कि रुपए के ‘₹’ चिह्न को तमिल मूल के डिजाइनर उदया कुमार धर्मलिंगम ने 2010 में बनाया था, जब केंद्र में यूपीए सरकार थी। अब इस बदलाव से सियासी हंगामा मचा हुआ है। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने तमिलनाडु की डीएमके सरकार पर निशाना साधा है। उन्होंने सवाल उठाया कि अगर डीएमके को इस चिह्न से दिक्कत है, तो 2010 में उन्होंने इसका विरोध क्यों नहीं किया, जब वह केंद्र की सत्ता में सहयोगी थे।
उदय कुमार धर्मलिंगम अभी आईआईटी गुवाहाटी में प्रोफेसर हैं। उन्होंने 15 साल पहले भारतीय रुपए का चिह्न डिजाइन किया था। उनके पिता एन धर्मलिंगम डीएमके के पूर्व विधायक थे। उदय ने आईआईटी बॉम्बे से डिजाइन में पोस्टग्रेजुएशन किया था। 2010 में वित्त मंत्रालय ने एक खुली प्रतियोगिता आयोजित की थी, जिसमें 3,300 डिजाइनों में से उदय का डिजाइन चुना गया। यह चिह्न देवनागरी के ‘र’ और रोमन ‘R’ का मिश्रण है, जिसमें ऊपर दो क्षैतिज रेखाएं हैं, जो राष्ट्रीय ध्वज और ‘बराबर’ (=) के संकेत को दर्शाती हैं। इसे 15 जुलाई 2010 को आधिकारिक तौर पर अपनाया गया था। उदय ने न्यूज एजेंसी ANI से कहा, “मुझे इस बदलाव के पीछे की पूरी वजह नहीं पता। शायद राज्य सरकार के अपने कारण हों। मैंने इसे 15 साल पहले डिज़ाइन किया था और मुझे खुशी है कि यह आज इस्तेमाल हो रहा है। लेकिन मुझे ऐसे विवाद की उम्मीद नहीं थी।”
निर्मला सीतारमण ने डीएमके पर तंज कसते हुए कहा कि इस चिह्न को हटाकर वह न सिर्फ एक राष्ट्रीय प्रतीक को नकार रहे हैं, बल्कि एक तमिल युवा की रचनात्मकता का भी अपमान कर रहे हैं। उन्होंने कहा, “यह चिह्न उदय कुमार ने बनाया था, जो डीएमके के पूर्व विधायक के बेटे हैं। डीएमके ने इसे हटाकर अपनी ही विरासत को ठुकराया है।” उन्होंने यह भी बताया कि तमिल शब्द ‘रुपाई’ संस्कृत के ‘रूप्य’ से आया है, जिसका मतलब ‘चांदी का सिक्का’ होता है। यह शब्द तमिल व्यापार और साहित्य में सदियों से मौजूद है। विवाद के बीच सबकी नजर 14 मार्च के बजट पर टिकी है।