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दिल्ली सरकार ने राष्ट्रीय राजधानी की सड़कों पर प्रीमियम बसें उतारने के Delhi Motor Vehicles Licencing of Aggregators (Premium Buses) Scheme को मंजूरी दी है। इसका उद्देश्य ज्यादा पैसा खर्च करने वालों को कार छोड़कर सार्वजनिक परिवहन इस्तेमाल करने के प्रति आकर्षित करना है।
दिल्ली के मुख्यमंत्री अरविंद केजरीवाल ने कहा कि दिल्ली में इस समय ट्रैफिक काफी ज्यादा है। मेट्रो आने के बाद काफी लोगों ने निजी वाहनों का इस्तेमाल कम कर दिया था। लेकिन मेट्रो में भीड़ व सीट न मिलने के कारण लोग अब फिर से कार का इस्तेमाल करने लगे हैं। जिससे ट्रैफिक बढ रहा है। ऐसे में सरकार ने ज्यादा पैसा खर्च करने में समर्थ खासकर अपर मिडिल को लक्षित करते हुए प्रीमियम बसें चलाने का निर्णय लिया है।
इसके तहत Delhi Motor Vehicles Licencing of Aggregators (Premium Buses) Scheme को मंजूरी दी गई है। इसे एलजी के पास उनकी मंजूरी के लिए भेजा जाएगा। एलजी से मंजूरी मिलने के बाद जनता से फीडबैक लेने के लिए इसे एक महीने के लिए वेबसाइट पर डाला जाएगा।
आधुनिक सुविधाओं से युक्त आरामदायक होंगी प्रीमियम बसें
ये बसें एसी, वाईफाई, जीपीएस, सीसीटीवी, पैनिक बटन आदि आधुनिक सुविधाओं से युक्त 2 बाई 2 होंगी। ताकि इन आरामदायक बसों की सवारी करने के लिए लोग अपनी कार छोड़ सकें। बसों का एक कलर होगा। साथ ही स्टाफ की यूनिफार्म भी होगी।
सीट की मिलेगी गारंटी, आनलाइन होगी बुकिंग
दिल्ली में बसों में सीट न मिलने की समस्या काफी रहती है। प्रीमियम बसों में इस समस्या को दूर किया जा रहा है। मुख्यमंत्री केजरीवाल ने कहा कि इन प्रीमियम बसों में सीट की गारंटी दी जाएगी। खड़े में यात्रा करने की किसी भी यात्री को अनुमति नहीं दी जाएगी। प्रीमियम बसों में टिकट की बुकिंग आनलाइन होगी। टिकट बुकिंग प्रणाली ऐप व वेबसाइट आधारित होगी और किराये का भुगतान ऑनलाइन करना होगा।
3 साल से ज्यादा पुरानी बसें नहीं होगी, अगले साल से सिर्फ ई-बसें
मुख्यमंत्री केजरीवाल ने बताया कि प्रीमियम बस योजना के तहत सभी बसें सीएनजी बसें और ये 3 साल से ज्यादा पुरानी नहीं होगी। एक जनवरी 2024 से जो भी बसें इस स्कीम के तहत आएगी, वो ई-बसें होगी।
ई-बसों के लिए लाइसेंस फीस नहीं ली जाएगी। सीएनजी बसों के लिए लाइसेंस फीस देनी होगी। बस एग्रीगेटर को लाइसेंस मिलने के 90 दिनों के बाद कम से कम 50 बसें अपडेट करनी होगी।
प्रीमियम बसों का किराया डीटीसी बसों से ज्यादा होगा
प्रीमियम बसों का किराया डीटीसी से बसों से ज्यादा होना चाहिए। किराया तय करने में सरकार की कोई भूमिका नहीं होगी। एग्रीगेटर बाजार के हिसाब से किराया तय कर सकते हैं।
इस स्कीम की सबसे खास बात यह है कि इन बसों के रूट सरकार तय नहीं करेगी। रूट एग्रीगेटर खुद तय करके सरकार को सिर्फ सूचना देंगे। एग्रीगेटरों को बस में विज्ञापन करने भी अनुमति होगी।