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प्रौद्योगिकी के साथ परंपरा भी जरूरी: एस जयशंकर

मुंबई में वेव्स सम्मेलन में बोले विदेश मंत्री, उभरती प्रौद्योगिकियों का गैर-जिम्मेदाराना उपयोग होगा चिंता का सबब

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भाषा   
Last Updated- May 02, 2025 | 10:37 PM IST

विदेश मंत्री एस जयशंकर ने शुक्रवार को कहा कि अतीत में बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व एवं उपनिवेशवाद ने बहुलवाद को दबा दिया था। वैश्विक व्यवस्था को लोकतांत्रिक बनाने के प्रयासों के बीच परंपराओं, विरासत एवं विचारों को महत्त्व देना आवश्यक है।

जयशंकर ने यहां ‘विश्व दृश्य श्रव्य और मनोरंजन सम्मेलन’ (वेव्स) में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव के साथ ‘ग्लोबल मीडिया डायलॉग’ को संबोधित करते हुए प्रतिभाओं के लिए सहज गतिशीलता सुनिश्चित करने की भी जोरदार वकालत की ताकि वे रचनात्मकता में और योगदान दे सकें। जयशंकर ने आर्टिफिशल इंटेलिजेंस (एआई) के युग की अपार संभावनाओं को भी रेखांकित किया और कहा कि प्रौद्योगिकी और परंपरा को साथ-साथ चलना चाहिए।

एआई के बढ़ते प्रभाव के बीच विदेश मंत्री ने आगाह किया कि उभरती प्रौद्योगिकियों का गैर-जिम्मेदाराना उपयोग बढ़ती चिंता का विषय होगा और पूर्वाग्रह को कम करना, विषय-वस्तु का लोकतंत्रीकरण करना तथा इसकी नैतिकता को प्राथमिकता देना, ये सभी उभरते विमर्श का हिस्सा होंगे। जयशंकर ने 60 देशों के प्रतिनिधियों को संबोधित करते हुए कहा, ‘सच्चाई यह है कि दुनिया मूलतः, कुदरती रूप से और अनिवार्य रूप से विविधतापूर्ण है तथा अतीत में उपनिवेशवाद और बड़ी शक्तियों के प्रभुत्व ने बहुलवाद को दबा दिया है।’

उन्होंने कहा, ‘चूंकि हम अब अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था का लोकतंत्रीकरण करना चाहते हैं, ऐसे में केवल राजनीतिक और आर्थिक स्वतंत्रता पर जोर देना पर्याप्त नहीं है। यह भी उतना ही आवश्यक है कि हम अपनी परंपराओं, अपनी विरासत, विचारों, प्रथाओं और अपनी रचनात्मकता को महत्त्व दें।’

कार्यक्रम में सूचना एवं प्रसारण मंत्री अश्विनी वैष्णव ने साझा मानकों और एआई के नैतिकतापूर्ण उपयोग के लिए स्पष्ट नियमों को लेकर सरकार के संयुक्त प्रयासों की जोरदार वकालत की। उन्होंने कहा कि सरकार, उद्योग और रचनाकारों के बीच आपसी सहयोग अपरिहार्य हो गया है, क्योंकि स्थानीय कहानियों पर अधिक ध्यान दिया जा रहा है। सूचना एवं प्रसारण मंत्री ने कहा कि वैश्विक मीडिया संवाद रचनात्मकता, संस्कृति और सहयोग पर आधारित है।

वैष्णव ने कहा, ‘एक सरकार के रूप में हमें सभी को अपनी कहानी दुनिया के सामने दिखाने का उचित अवसर प्रदान करना चाहिए। हमें स्थानीय सामग्री के प्रचार को प्रोत्साहित करना चाहिए और अन्य चीजों के अलावा बौद्धिक संपदा (आईपी) ढांचे को लागू करना चाहिए।’ वैष्णव ने यह भी कहा कि सरकारों को ऐसी नीतियों का समर्थन करना चाहिए जो सभी सांस्कृतिक रूपों को संरक्षित करती हैं और बढ़ावा देती हैं, क्योंकि वे सीमाओं के पार लोगों को जोड़ती हैं।

3,000 करोड़ रुपये से बनेगी फिल्म सिटी

प्राइम फोकस ने शुक्रवार को एक फिल्म सिटी स्थापित करने के लिए 3,000 करोड़ रुपये के निवेश की घोषणा की है। कंपनी ने कहा कि इसमें मनोरंजन से जुड़ी हर जरूरी सुविधा होगी। बीएसई में सूचीबद्ध मनोरंजन कंपनी ने वेव्स कार्यक्रम के दौरान इस संबंध में महाराष्ट्र सरकार के साथ समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए। इस परियोजना के पूरा होने पर लगभग 2,500 लोगों को नौकरियां मिलेंगी। कंपनी के संस्थापक नमित मल्होत्रा ने बताया कि फिल्म सिटी वित्तीय राजधानी में 200 एकड़ क्षेत्र में बनेगी। राज्य सरकार ने जमीन आवंटित करने के लिए प्रतिबद्धता जताई है।

वेव्स शिखर सम्मेलन के दूसरे दिन ‘स्टूडियोज ऑफ द फ्यूचर: पुटिंग इंडिया ऑन द वर्ल्ड स्टूडियो मैप’सत्र में बॉलीवुड सुपरस्टार आमिर खान और फिल्म निर्माता दिनेश विजन ने शुक्रवार को कहा कि भारतीय फिल्म निर्माताओं को अपनी फिल्मों का विपणन करते समय भारत से आगे भी देखना चाहिए और विभिन्न देशों में वितरण नेटवर्क स्थापित करने की जरूरत है। उनके अलावा ‘स्त्री’ के निर्माता दिनेश विजन, एक्सेल एंटरटेनमेंट के रितेश सिधवानी, पीवीआर आईनॉक्स के प्रमुख अजय बिजली, वरिष्ठ अमेरिकी निर्माता चार्ल्स रोवन और मुंबई स्थित वीएफएक्स फर्म डीएनईजी के सीईओ नमित मल्होत्रा भी इस सत्र में शामिल हुए।

एनएसई ने पेश किया निफ्टी वेव्स सूचकांक

नैशनल स्टॉक एक्सचेंज (एनएसई) ने शुक्रवार को ‘निफ्टी वेव्स सूचकांक’ पेश किया। इसमें मीडिया, मनोरंजन और गेमिंग उद्योग से संबंधित 43 सूचीबद्ध कंपनियां शामिल हैं। नया सूचकांक देश के सबसे गतिशील उद्योग क्षेत्रों में से एक के प्रदर्शन की गहन जानकारी देने के लिए बनाया गया है। फिल्म, टेलीविजन, डिजिटल मंच, संगीत और गेमिंग में फैले विविध कार्य क्षेत्र के साथ भारतीय मीडिया और मनोरंजन उद्योग एक तेज बदलाव से गुजर रहा है, जिसमें तकनीक को अपनाने के साथ ही रचनात्मक नवाचार भी शामिल है। निफ्टी वेव्स सूचकांक में प्रत्येक शेयर का भार पांच प्रतिशत की सीमा के भीतर ‘फ्री फ्लोट’ बाजार पूंजीकरण पर आधारित है। सूचकांक के लिए आधार तिथि एक अप्रैल, 2005 है और इसका आधार मूल्य 1,000 है। सूचकांक को अर्ध-वार्षिक रूप से पुनर्गठित किया जाएगा और तिमाही आधार पर पुनर्संतुलित किया जाएगा।

First Published : May 2, 2025 | 10:37 PM IST (बिजनेस स्टैंडर्ड के स्टाफ ने इस रिपोर्ट की हेडलाइन और फोटो ही बदली है, बाकी खबर एक साझा समाचार स्रोत से बिना किसी बदलाव के प्रकाशित हुई है।)