उत्तर प्रदेश के हर मंडल में सैनिक स्कूल खोले जाएंगे। प्रदेश के मंडलों में इन स्कूलों को निजी सार्वजनिक सहभागिता (पीपीपी) मॉडल के आधार पर खोले जाएंगे। इन स्कूलों में पढ़ने वाले बच्चों को फौज व अर्धसैनिक बलों में अधिकारी बनने के लिए प्रशिक्षण व शिक्षा दी जाएगी।
वर्तमान में उत्तर प्रदेश में चार सैनिक स्कूल हैं। इसमें से अमेठी, झांसी, मैनपुरी रक्षा मंत्रालय द्वारा और लखनऊ का सैनिक स्कूल प्रदेश सरकार द्वारा संचालित है। गोरखपुर के फर्टिलाइजर कारखाने में करीब 50 एकड़ रकबे में एक सैनिक स्कूल निर्माणाधीन है। अगले सत्र से यहां पढ़ाई भी शुरू हो जाएगी। इसके अलावा मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ हर मंडल में एक सैनिक स्कूल खोले जाने की घोषणा कर चुके हैं। घोषणा के मुताबिक आगरा, अलीगढ़, प्रयागराज, आजमगढ़, बस्ती, बरेली, मुरादाबाद, बाँदा, झांसी, देवीपाटन, अयोध्या, कानपुर नगर, मेरठ, सहारनपुर, मीरजापुर और वाराणसी में पीपीपी (पब्लिक, प्राइवेट पार्टनरशिप) मॉडल पर सैनिक स्कूल खोले जाएंगे।इन सैनिक स्कूलों की स्थापना व संचालन का काम निजी क्षेत्र करेगा।
गौरतलब है कि सेना व अर्धसैनिक बलों में कार्यरत जवानों एवं अफसरों के मामले में उत्तर प्रदेश देश में पहले स्थान पर है। वैसे भी फौज, बीएसएफ, सीआरपीएफ एवं अन्य सैन्य बलों में यूपी के जवानों एवं अफसरों की संख्या सर्वाधिक है। प्रदेश के गाजीपुर जिले के गहमर व बस्ती के पचवस गांव से बड़ी तादाद में लोग फौज में काम कर रहे हैं। एशिया के सबसे बड़े 1.20 लाख की आबादी वाले गाजीपुर के गहमर गांव से हर घर में कोई न कोई सेना तथा अर्धसैनिक बलों में है। इसके अलावा हरियाणा व उत्तराखंड की सीमा से सटे कई गांवों में फौजियों की बड़ी तादाद है।
हाल ही इंडियन मिलिट्री एकेडमी (आईएमए) देहरादून से उत्तर प्रदेश के 63 अधिकारी प्रशिक्षण पूरा कर निकले हैं जबकि 2022 में यब संख्या 50 और 2021 में 45 रही थी। प्रदेश के युवाओं में सेना में भर्ती को लेकर उत्साह को देखते हुए मुख्यमंत्री योगी आदित्यनाथ ने हर मंडल में कम से कम एक सैनिक स्कूल खोलने का ऐलान किया है।